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कंजंक्टिवाइटिस (आंख आ कंजंक्टिवाइटिस (आंख आना

 कंजंक्टिवाइटिस (आंख आ कंजंक्टिवाइटिस (आंख आना


) ना) की होम्योपैथी दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for conjunctivitis in hindi

कंजंक्टिवाइटिस (आंख आना) की होम्योपैथी दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for conjunctivitis in hindi

कंजंंक्टिवाइटिस को आंख आना भी कहते हैं। कंजंक्टिवा एक ढीला संयोजी ऊतक है जो आईबॉल (नेत्रगोलक) की सतह को कवर करता है, जबकि आंख के सफेद भाग की बाहरी सतह और पलक की आंतरिक सतह में सूजन को कंजंक्टिवाइटिस कहते हैं। इसमें आंख का सफेद हिस्सा गुलाबी या लाल हो जाता है, इसलिए इसे आमतौर पर 'गुलाबी आंख' भी कहा जाता है।

कंजंक्टिवाइटिस आमतौर पर आत्म-सीमित (खुद ही ठीक होने वाला) नेत्र संक्रमण है जो कभी-कभी गंभीर रूप में विकसित हो जाती है। यह स्थिति एक या दोनों आंखों को प्रभावित कर सकती है। अक्सर ऐसा वायरल इंफेक्शन या बैक्टीरियल इंफेक्शन या जलन या धुएं से एलर्जी की प्रतिक्रिया के कारण हो सकती है।

चिकित्सक मरीज की मेडिकल ​हिस्ट्री, लक्षणों और आंखों की जांच के आधार पर, इस समस्या के कारणों का निर्धारण करते हैं। हालांकि, कभी-कभी सटीक कारण का पता लगाना मुश्किल हो जाता है, इसलिए प्रयोगशाला परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है।

आमतौर पर कंजंक्टिवाइटिस कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में उपचार की आवश्यकता होती है। पारंपरिक रूप से ओवर-द-काउंटर आई ड्रॉप बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं, लेकिन यह उन्हें मारता नहीं है।

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट मौजूद हैं, जिनका व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। इनमें एपिस मेलिफिका, आर्सेनिकम, अरजेंटम नाइट्रिकम, बेलाडोना, यूफ्रेशिया और एलियम शामिल हैं। वे हालात को प्रबंधित करने में मदद करने के लिए विभिन्न तरीकों से कार्य करते हैं। उदाहरण के लिए, नक्स वोमिका का प्रयोग 'हैंगओवर' (एक प्रकार का कंजंक्टिवाइटिस) के लिए किया जाता है और पीले डिस्चार्ज के साथ सर्दी-जुकाम के लिए पल्सेटिला का उपयोग होता है, जबकि मवाद डिस्चार्ज में वृद्धि के मामलों में, हेपर सल्फर का इस्तेमाल होता है।

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक दवाएं - Conjunctivitis ke liye medicines

होम्योपैथी के अनुसार कंजंक्टिवाइटिस के लिए आहार और जीवनशैली में बदलाव - Conjunctivitis ke liye khanpan aur jeevan shaili me badlav

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक दवाएं और उपचार कितने प्रभावी हैं - Conjunctivitis ke liye homeopathic medicine kitni effective hai

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक दवा के नुकसान और जोखिम - Conjunctivitis ke liye homeopathic medicine ke nuksan

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक उपचार से संबंधित टिप्स - Conjunctivitis ke liye homeopathic treatment se jude tips

आंख आने पर क्या करें 

आंख आने (कंजंक्टिवाइटिस) के घरेलू उपाय 

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक दवाएं - Conjunctivitis ke liye medicines

एकोनिटम नेपेलस

सामान्य नाम : मॉन्कशूद

लक्षण : एकोनाइट का उपयोग ठंडी हवा या आघात के संपर्क में आने के बाद होने वाली आंखों की सूजन के इलाज के लिए किया जाता है। यह कंजंक्टिवाइटिस से जुड़े निम्नलिखित लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करता है :

आंखों में लालिमा और सूजन

आंखों में गंभीर दर्द

सूजी हुई पलकों के साथ आंखों में सूखापन

उपर्युक्त लक्षणों में खुली हवा में सुधार होता है, लेकिन गर्म कमरे में, शाम को, रात में और शुष्क ठंडी हवाओं के संपर्क में आने पर खराब हो जाते हैं।

एपिस मेलिफिका

सामान्य नाम : दि हनी बी

लक्षण : यह उपाय मुख्य रूप से त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली (मुंह, नाक और जठरांत्र संबंधी मार्ग जैसे विभिन्न अंगों की बाहरी परत) में सूजन के इलाज के लिए किया जाता है। जिन रोगियों को इस उपाय से लाभ होता है, उनमें छूने के प्रति संवेदनशीलता और सामान्य दर्द की समस्या होती है। वे निम्नलिखित लक्षणों का भी अनुभव करते हैं :

आंखें लाल होना

जलने और चुभने वाले दर्द के साथ पलकों में सूजन

आंख के आसपास दर्द

रोशनी बर्दाश्त न कर पाना

मवाद डिस्चार्ज के साथ आंख में सूजन

ये लक्षण गर्मी, दबाव या प्रभावित हिस्से को छूने पर, सोने के बाद और बंद कमरे में खराब हो जाते हैं जबकि खुली हवा में और ठंडे पानी में स्नान करने से यह बेहतर होते हैं।

यूफ्रेशिया ऑफिसिनेलिस

सामान्य नाम : आईब्राइट

लक्षण : यह खासतौर पर कंजक्टिवा और आंखों व नाक की श्लेष्म झिल्ली पर कार्य करता है। यह मुख्य रूप से एलर्जी या संक्रामक कंजंक्टिवाइटिस की स्थिति में उपयोग किया जाता है। इस उपाय से लाभान्वित होने वाले मरीजों में आंखों में पानी डिस्चार्ज होता है जो आसपास की त्वचा को प्रभावित करता है। वे निम्नलिखित लक्षणों का भी अनुभव करते हैं :

पलकों में सूजन और जलन

कंजक्टिवा में सूजन और आंख से तीखा डिस्चार्ज

कॉर्निया पर चिपचिपा पदार्थ

आंख से लगातार पानी आना

आंख से मोटा डिस्चार्ज होना

कॉर्निया पर छोटे दाने

सिर फटने जैसा दर्द

यह लक्षण अंदर रहने, शाम में और गर्म वातावरण और रोशनी के संपर्क में आने पर बढ़ जाते हैं लेकिन खुली हवा, अंधेरे और कॉफी का सेवन करने के बाद लक्षणों में सुधार होता है।

बेलाडोना

सामान्य नाम : डेडली नाइटशेड

लक्षण : यह उपाय ज्यादातर तंत्रिका तंत्र पर कार्य करता है और ऐंठन व दर्द जैसे लक्षणों को ठीक करने में मदद करता है। जो लोग इस उपाय से लाभान्वित होते हैं, वे निम्न लक्षणों का अनुभव करते हैं:

चेहरे पर लालिमा या सूजन

लेटने पर आंखों में तेज दर्द

कंजक्टिवा में लालिमा

आंखों में सूखापन

यह लक्षण छूने, शोर और लेटने पर बिगड़ जाते हैं, लेकिन सेमी इरेक्ट पोजिशन (लेटने व बैठने के बीच वाली स्थिति) में रहने पर लक्षणों में सुधार होता है।

क्लोरेलम हाइड्रैटम

सामान्य नाम : क्लोरल हाइड्रेट

लक्षण : इस उपाय का उपयोग निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन के लिए किया जाता है :

आंखों और पलकों में जलन

आंखों का रंग लाल व उसमें से पानी आना

धुंधला दिखना

यह लक्षण रात में, गर्म पेय लेने और खाने के बाद खराब हो जाते हैं।

हेपर सल्फर

सामान्य नाम : हैनिमैन कैल्शियम सल्फाइड (हेपर सल्फ्यूरिस कैलकेरम)

लक्षण : हेपर सल्फर का प्रयोग उन स्थितियों में अत्यधिक किया जाता है, जो मवाद बनने से जुड़ा हुआ है। आत्महत्या के विचारों से पीड़ित और आसानी से निराश व दुखी लोगों में भी असरदार है। वे निम्नलिखित लक्षणों में भी फायदेमंद है :

आईरिस (आंख का रंगीन हिस्सा) में सूजन

कॉर्निया में अल्सर

आंख और पलकों में लालिमा और सूजन

मवाद डिस्चार्ज के साथ कंजाक्टिवा में सूजन

स्पष्ट नहीं दिखना और कम दिखना

आंखों के सामने चमकीले घेरे दिखना

उपरोक्त लक्षण ठंडी हवा के संपर्क में आने पर खराब हो जाते हैं और गर्मी में बेहतर हो जाते हैं।

पल्सेटिला प्रेटेंसिस

सामान्य नाम : विंडफ्लॉवर (पल्सेटिला)

लक्षण : पल्सेटिला मुख्य रूप से एक फीमेल रेमेडी (महिलाओं में प्रयोग किए जाने वाला उपाय) है। यह डरपोक, अकेले में डरने वाले और आसानी से रोने वालों में अच्छा असर करता है। इसके अलावा यह अन्य लक्षणों में भी असरदार है :

आंख में चिपचिपा पदार्थ निकलने की मात्रा में वृद्धि

आंखों से गाढ़ा और पीला डिस्चार्ज होना

कंजंक्टिवाइटिस के साथ अपच, जिसके कारण ऊपरी पेट में असुविधा होती है

आंखों में खुजली और जलन

आंखों में फुंसी

पलकों में सूजन

यह लक्षण गर्मी से बढ़ने और वसायुक्त भोजन खाने के बाद बढ़ जाते हैं। मरीज खुली हवा में और कोल्ड एप्लीकेशन (जैसे ठंडी सिकाई) और कोल्ड ड्रिंक्स के सेवन से बेहतर महसूस करता है।

मर्क्यूरियस सोल्यूबिलिस हैनीमनी

सामान्य नाम : क्विकसिल्वर (मर्क्यूरियस, हाइड्रार्जियम)

लक्षण : यह उपाय शरीर के प्रत्येक अंग और ऊतक पर असर करता है। यह निम्नलिखित लक्षणों को दूर करने में मदद करता है :

आंख से हरे या लाल रंग जैसा डिस्चार्ज

पलकों में दर्द और सूजन

बुखार, ठंड लगना और पसीने के साथ ऊपरी श्वसन पथ में संक्रमण

काले धब्बे दिखना, जो अक्सर हिलते हुए नजर आ सकते हैं।

यह लक्षण रात में, नम मौसम में और पसीना आने पर बिगड़ जाते हैं।

सिलिकिया टेरा

सामान्य नाम : सिलिका, प्योर फ्लिंट (सिलिकिया)

लक्षण : सिलिका उन लोगों के लिए प्रभावी है जो आसानी से उत्तेजित हो जाते हैं और आमतौर पर बेहद परेशान रहते हैं। यह कंजंक्टिवाइटिस और नलिकाओं के संक्रमण के लिए एक असरदार उपाय है, क्योंकि यह बार-बार होने वाले संक्रमण को प्रभावी ढंग से ठीक कर सकता है। इस उपाय को अक्सर मवाद के गठन से जुड़ी बीमारियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह निम्नलिखित लक्षणों को प्रबंधित करने में भी मदद करता है :

आंख से मोटा, पीला और पपड़ीदार डिस्चार्ज

व्यक्ति को ऐसा लगना कि वह आग के करीब बैठा है या गर्म कपड़े पहने हुए है

कॉर्निया में अल्सर

दिन की रोशनी बर्दाश्त नहीं करना 

यह लक्षण सुबह और ठंड के मौसम में बढ़ जाते हैं, जबकि नम मौसम में, ग्रीष्मकाल में और गर्म सिकाई से इन लक्षणों में फायदा होता है।

सल्फर

सामान्य नाम : सब्लीमेटेड सल्फर

लक्षण : इस उपाय से निम्नलिखित लक्षणों में सुधार होता है :

आराम से खड़े होने में असमर्थता

पानी पसंद न करना

आंखों में जलन

ऐसा एहसास होना जैसे पेट में कुछ गड़बड़ है

आंख से पीले रंग की डिस्चार्ज के साथ कंजंक्टिवाइटिस

आंख व पलकों का लाल होना

यह सभी लक्षण रात में, खड़े होने पर खराब हो जाते हैं, लेकिन गर्म शुष्क मौसम में लेटने पर इनमें सुधार होता है।

होम्योपैथी के अनुसार कंजंक्टिवाइटिस के लिए आहार और जीवनशैली में बदलाव - Conjunctivitis ke liye khanpan aur jeevan shaili me badlav

होम्योपैथिक दवाओं में सक्रिय तत्व होते हैं। किसी व्यक्ति के आहार में कोई भी संभावित औषधीय पदार्थ होम्योपैथी दवाओं के असर को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, होम्योपैथिक डॉक्टर प्रभावी उपचार के लिए अपने सभी रोगियों को कुछ आहार और जीवन शैली में बदलाव करने का सुझाव देते हैं। इन संशोधनों में से कुछ नीचे उल्लिखित हैं :

क्या करना चाहिए

कंजक्टिवाइटिस को रोकने के लिए अच्छी स्वच्छता रखें।

गर्म मौसम में लिनन के कपड़ों के बजाय कपास के कपड़े पहनें।

अपने आप को शारीरिक रूप से सक्रिय रखने के लिए रोजाना कसरत करें और क्रोनिक केसज में उपचार को बढ़ावा देने के लिए स्वस्थ आहार लें।

एक्यूट केसज में, रोगी कुछ खाद्य पदार्थों और पेय की इच्छा दिखाते हैं। ऐसे में उन्हें इन इच्छाओं को पूरा करने में मदद करें। खाने या पीने के लिए मना किए बिना रोगी की इच्छाओं को पूरा करने की सलाह दी जाती है।

क्या नहीं करना चाहिए

औषधीय मसालों के साथ जड़ी बूटी वाली चाय, कॉफी और शराब या बियर जैसे पेय से बचें।

मसालेदार व्यंजन, सूप और सॉस से बचें जो प्याज, अजवाइन, मांस और रखे हुए पनीर के साथ बनाए जाते हैं।

होम्योपैथिक दवाओं को इत्र, कपूर, ईथर या अन्य वाष्पशील उत्पादों के पास नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह दवाओं के प्रभाव को बेअसर करती हैं।

अस्वच्छता से बचें।

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक दवाएं और उपचार कितने प्रभावी हैं - Conjunctivitis ke liye homeopathic medicine kitni effective hai

होम्योपैथिक डॉक्टर रोगी के मानसिक और भावनात्मक स्थिति के साथ-साथ उनके शारीरिक लक्षणों के अनुसार उपाय निर्धारित करते हैं। पारंपरिक उपचारों के विपरीत यह लक्षणों को सिर्फ दबाती नहीं है बल्कि होम्योपैथी उपाय प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करके समस्या को जड़ से खत्म करती है।

हालांकि कंजंक्टिवाइटिस के इलाज में होम्योपैथिक दवाओं की दक्षता पर ज्यादा सबूत नहीं हैं, लेकिन व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होम्योपैथिक आई ड्रॉप्स को कंजंक्टिवाइटिस के इलाज में कारगर बताया जाता है। पारंपरिक चिकित्सा के साथ-साथ होम्योपैथिक दवाओं को लेना सुरक्षित माना जाता है।

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक दवा के नुकसान और जोखिम - Conjunctivitis ke liye homeopathic medicine ke nuksan

होम्योपैथिक उपचार प्राकृतिक स्रोतों से तैयार किए जाते हैं और इसलिए इन्हें पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है। इन दवाइयों का शिशुओं और गर्भवती महिलाओं सहित सभी आयु वर्ग के लोगों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। इसके अलावा, होम्योपैथिक उपचार को अन्य दवाओं के साथ भी सुरक्षित रूप से लिया जा सकता है।

यदि इन दवाइयों को होम्योपैथिक डॉक्टर के दिशानिर्देशों के अनुसार ठीक से लिया जाए, तो यह बीमारी को स्थाई रूप से खत्म कर सकती हैं और इनका कोई साइड इफेक्टस भी नहीं होता है।

 कंजंक्टिवाइटिस (आंख आना) की होम्योपैथी दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for conjunctivitis in hindi

कंजंक्टिवाइटिस (आंख आना) की होम्योपैथी दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for conjunctivitis in hindi

कंजंंक्टिवाइटिस को आंख आना भी कहते हैं। कंजंक्टिवा एक ढीला संयोजी ऊतक है जो आईबॉल (नेत्रगोलक) की सतह को कवर करता है, जबकि आंख के सफेद भाग की बाहरी सतह और पलक की आंतरिक सतह में सूजन को कंजंक्टिवाइटिस कहते हैं। इसमें आंख का सफेद हिस्सा गुलाबी या लाल हो जाता है, इसलिए इसे आमतौर पर 'गुलाबी आंख' भी कहा जाता है।

कंजंक्टिवाइटिस आमतौर पर आत्म-सीमित (खुद ही ठीक होने वाला) नेत्र संक्रमण है जो कभी-कभी गंभीर रूप में विकसित हो जाती है। यह स्थिति एक या दोनों आंखों को प्रभावित कर सकती है। अक्सर ऐसा वायरल इंफेक्शन या बैक्टीरियल इंफेक्शन या जलन या धुएं से एलर्जी की प्रतिक्रिया के कारण हो सकती है।

चिकित्सक मरीज की मेडिकल ​हिस्ट्री, लक्षणों और आंखों की जांच के आधार पर, इस समस्या के कारणों का निर्धारण करते हैं। हालांकि, कभी-कभी सटीक कारण का पता लगाना मुश्किल हो जाता है, इसलिए प्रयोगशाला परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है।

आमतौर पर कंजंक्टिवाइटिस कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में उपचार की आवश्यकता होती है। पारंपरिक रूप से ओवर-द-काउंटर आई ड्रॉप बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं, लेकिन यह उन्हें मारता नहीं है।

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट मौजूद हैं, जिनका व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। इनमें एपिस मेलिफिका, आर्सेनिकम, अरजेंटम नाइट्रिकम, बेलाडोना, यूफ्रेशिया और एलियम शामिल हैं। वे हालात को प्रबंधित करने में मदद करने के लिए विभिन्न तरीकों से कार्य करते हैं। उदाहरण के लिए, नक्स वोमिका का प्रयोग 'हैंगओवर' (एक प्रकार का कंजंक्टिवाइटिस) के लिए किया जाता है और पीले डिस्चार्ज के साथ सर्दी-जुकाम के लिए पल्सेटिला का उपयोग होता है, जबकि मवाद डिस्चार्ज में वृद्धि के मामलों में, हेपर सल्फर का इस्तेमाल होता है।

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक दवाएं - Conjunctivitis ke liye medicines

होम्योपैथी के अनुसार कंजंक्टिवाइटिस के लिए आहार और जीवनशैली में बदलाव - Conjunctivitis ke liye khanpan aur jeevan shaili me badlav

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक दवाएं और उपचार कितने प्रभावी हैं - Conjunctivitis ke liye homeopathic medicine kitni effective hai

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक दवा के नुकसान और जोखिम - Conjunctivitis ke liye homeopathic medicine ke nuksan

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक उपचार से संबंधित टिप्स - Conjunctivitis ke liye homeopathic treatment se jude tips

आंख आने पर क्या करें 

आंख आने (कंजंक्टिवाइटिस) के घरेलू उपाय 

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक दवाएं - Conjunctivitis ke liye medicines

एकोनिटम नेपेलस

सामान्य नाम : मॉन्कशूद

लक्षण : एकोनाइट का उपयोग ठंडी हवा या आघात के संपर्क में आने के बाद होने वाली आंखों की सूजन के इलाज के लिए किया जाता है। यह कंजंक्टिवाइटिस से जुड़े निम्नलिखित लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करता है :

आंखों में लालिमा और सूजन

आंखों में गंभीर दर्द

सूजी हुई पलकों के साथ आंखों में सूखापन

उपर्युक्त लक्षणों में खुली हवा में सुधार होता है, लेकिन गर्म कमरे में, शाम को, रात में और शुष्क ठंडी हवाओं के संपर्क में आने पर खराब हो जाते हैं।

एपिस मेलिफिका

सामान्य नाम : दि हनी बी

लक्षण : यह उपाय मुख्य रूप से त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली (मुंह, नाक और जठरांत्र संबंधी मार्ग जैसे विभिन्न अंगों की बाहरी परत) में सूजन के इलाज के लिए किया जाता है। जिन रोगियों को इस उपाय से लाभ होता है, उनमें छूने के प्रति संवेदनशीलता और सामान्य दर्द की समस्या होती है। वे निम्नलिखित लक्षणों का भी अनुभव करते हैं :

आंखें लाल होना

जलने और चुभने वाले दर्द के साथ पलकों में सूजन

आंख के आसपास दर्द

रोशनी बर्दाश्त न कर पाना

मवाद डिस्चार्ज के साथ आंख में सूजन

ये लक्षण गर्मी, दबाव या प्रभावित हिस्से को छूने पर, सोने के बाद और बंद कमरे में खराब हो जाते हैं जबकि खुली हवा में और ठंडे पानी में स्नान करने से यह बेहतर होते हैं।

यूफ्रेशिया ऑफिसिनेलिस

सामान्य नाम : आईब्राइट

लक्षण : यह खासतौर पर कंजक्टिवा और आंखों व नाक की श्लेष्म झिल्ली पर कार्य करता है। यह मुख्य रूप से एलर्जी या संक्रामक कंजंक्टिवाइटिस की स्थिति में उपयोग किया जाता है। इस उपाय से लाभान्वित होने वाले मरीजों में आंखों में पानी डिस्चार्ज होता है जो आसपास की त्वचा को प्रभावित करता है। वे निम्नलिखित लक्षणों का भी अनुभव करते हैं :

पलकों में सूजन और जलन

कंजक्टिवा में सूजन और आंख से तीखा डिस्चार्ज

कॉर्निया पर चिपचिपा पदार्थ

आंख से लगातार पानी आना

आंख से मोटा डिस्चार्ज होना

कॉर्निया पर छोटे दाने

सिर फटने जैसा दर्द

यह लक्षण अंदर रहने, शाम में और गर्म वातावरण और रोशनी के संपर्क में आने पर बढ़ जाते हैं लेकिन खुली हवा, अंधेरे और कॉफी का सेवन करने के बाद लक्षणों में सुधार होता है।

बेलाडोना

सामान्य नाम : डेडली नाइटशेड

लक्षण : यह उपाय ज्यादातर तंत्रिका तंत्र पर कार्य करता है और ऐंठन व दर्द जैसे लक्षणों को ठीक करने में मदद करता है। जो लोग इस उपाय से लाभान्वित होते हैं, वे निम्न लक्षणों का अनुभव करते हैं:

चेहरे पर लालिमा या सूजन

लेटने पर आंखों में तेज दर्द

कंजक्टिवा में लालिमा

आंखों में सूखापन

यह लक्षण छूने, शोर और लेटने पर बिगड़ जाते हैं, लेकिन सेमी इरेक्ट पोजिशन (लेटने व बैठने के बीच वाली स्थिति) में रहने पर लक्षणों में सुधार होता है।

क्लोरेलम हाइड्रैटम

सामान्य नाम : क्लोरल हाइड्रेट

लक्षण : इस उपाय का उपयोग निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन के लिए किया जाता है :

आंखों और पलकों में जलन

आंखों का रंग लाल व उसमें से पानी आना

धुंधला दिखना

यह लक्षण रात में, गर्म पेय लेने और खाने के बाद खराब हो जाते हैं।

हेपर सल्फर

सामान्य नाम : हैनिमैन कैल्शियम सल्फाइड (हेपर सल्फ्यूरिस कैलकेरम)

लक्षण : हेपर सल्फर का प्रयोग उन स्थितियों में अत्यधिक किया जाता है, जो मवाद बनने से जुड़ा हुआ है। आत्महत्या के विचारों से पीड़ित और आसानी से निराश व दुखी लोगों में भी असरदार है। वे निम्नलिखित लक्षणों में भी फायदेमंद है :

आईरिस (आंख का रंगीन हिस्सा) में सूजन

कॉर्निया में अल्सर

आंख और पलकों में लालिमा और सूजन

मवाद डिस्चार्ज के साथ कंजाक्टिवा में सूजन

स्पष्ट नहीं दिखना और कम दिखना

आंखों के सामने चमकीले घेरे दिखना

उपरोक्त लक्षण ठंडी हवा के संपर्क में आने पर खराब हो जाते हैं और गर्मी में बेहतर हो जाते हैं।

पल्सेटिला प्रेटेंसिस

सामान्य नाम : विंडफ्लॉवर (पल्सेटिला)

लक्षण : पल्सेटिला मुख्य रूप से एक फीमेल रेमेडी (महिलाओं में प्रयोग किए जाने वाला उपाय) है। यह डरपोक, अकेले में डरने वाले और आसानी से रोने वालों में अच्छा असर करता है। इसके अलावा यह अन्य लक्षणों में भी असरदार है :

आंख में चिपचिपा पदार्थ निकलने की मात्रा में वृद्धि

आंखों से गाढ़ा और पीला डिस्चार्ज होना

कंजंक्टिवाइटिस के साथ अपच, जिसके कारण ऊपरी पेट में असुविधा होती है

आंखों में खुजली और जलन

आंखों में फुंसी

पलकों में सूजन

यह लक्षण गर्मी से बढ़ने और वसायुक्त भोजन खाने के बाद बढ़ जाते हैं। मरीज खुली हवा में और कोल्ड एप्लीकेशन (जैसे ठंडी सिकाई) और कोल्ड ड्रिंक्स के सेवन से बेहतर महसूस करता है।

मर्क्यूरियस सोल्यूबिलिस हैनीमनी

सामान्य नाम : क्विकसिल्वर (मर्क्यूरियस, हाइड्रार्जियम)

लक्षण : यह उपाय शरीर के प्रत्येक अंग और ऊतक पर असर करता है। यह निम्नलिखित लक्षणों को दूर करने में मदद करता है :

आंख से हरे या लाल रंग जैसा डिस्चार्ज

पलकों में दर्द और सूजन

बुखार, ठंड लगना और पसीने के साथ ऊपरी श्वसन पथ में संक्रमण

काले धब्बे दिखना, जो अक्सर हिलते हुए नजर आ सकते हैं।

यह लक्षण रात में, नम मौसम में और पसीना आने पर बिगड़ जाते हैं।

सिलिकिया टेरा

सामान्य नाम : सिलिका, प्योर फ्लिंट (सिलिकिया)

लक्षण : सिलिका उन लोगों के लिए प्रभावी है जो आसानी से उत्तेजित हो जाते हैं और आमतौर पर बेहद परेशान रहते हैं। यह कंजंक्टिवाइटिस और नलिकाओं के संक्रमण के लिए एक असरदार उपाय है, क्योंकि यह बार-बार होने वाले संक्रमण को प्रभावी ढंग से ठीक कर सकता है। इस उपाय को अक्सर मवाद के गठन से जुड़ी बीमारियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह निम्नलिखित लक्षणों को प्रबंधित करने में भी मदद करता है :

आंख से मोटा, पीला और पपड़ीदार डिस्चार्ज

व्यक्ति को ऐसा लगना कि वह आग के करीब बैठा है या गर्म कपड़े पहने हुए है

कॉर्निया में अल्सर

दिन की रोशनी बर्दाश्त नहीं करना 

यह लक्षण सुबह और ठंड के मौसम में बढ़ जाते हैं, जबकि नम मौसम में, ग्रीष्मकाल में और गर्म सिकाई से इन लक्षणों में फायदा होता है।

सल्फर

सामान्य नाम : सब्लीमेटेड सल्फर

लक्षण : इस उपाय से निम्नलिखित लक्षणों में सुधार होता है :

आराम से खड़े होने में असमर्थता

पानी पसंद न करना

आंखों में जलन

ऐसा एहसास होना जैसे पेट में कुछ गड़बड़ है

आंख से पीले रंग की डिस्चार्ज के साथ कंजंक्टिवाइटिस

आंख व पलकों का लाल होना

यह सभी लक्षण रात में, खड़े होने पर खराब हो जाते हैं, लेकिन गर्म शुष्क मौसम में लेटने पर इनमें सुधार होता है।

होम्योपैथी के अनुसार कंजंक्टिवाइटिस के लिए आहार और जीवनशैली में बदलाव - Conjunctivitis ke liye khanpan aur jeevan shaili me badlav

होम्योपैथिक दवाओं में सक्रिय तत्व होते हैं। किसी व्यक्ति के आहार में कोई भी संभावित औषधीय पदार्थ होम्योपैथी दवाओं के असर को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, होम्योपैथिक डॉक्टर प्रभावी उपचार के लिए अपने सभी रोगियों को कुछ आहार और जीवन शैली में बदलाव करने का सुझाव देते हैं। इन संशोधनों में से कुछ नीचे उल्लिखित हैं :

क्या करना चाहिए

कंजक्टिवाइटिस को रोकने के लिए अच्छी स्वच्छता रखें।

गर्म मौसम में लिनन के कपड़ों के बजाय कपास के कपड़े पहनें।

अपने आप को शारीरिक रूप से सक्रिय रखने के लिए रोजाना कसरत करें और क्रोनिक केसज में उपचार को बढ़ावा देने के लिए स्वस्थ आहार लें।

एक्यूट केसज में, रोगी कुछ खाद्य पदार्थों और पेय की इच्छा दिखाते हैं। ऐसे में उन्हें इन इच्छाओं को पूरा करने में मदद करें। खाने या पीने के लिए मना किए बिना रोगी की इच्छाओं को पूरा करने की सलाह दी जाती है।

क्या नहीं करना चाहिए

औषधीय मसालों के साथ जड़ी बूटी वाली चाय, कॉफी और शराब या बियर जैसे पेय से बचें।

मसालेदार व्यंजन, सूप और सॉस से बचें जो प्याज, अजवाइन, मांस और रखे हुए पनीर के साथ बनाए जाते हैं।

होम्योपैथिक दवाओं को इत्र, कपूर, ईथर या अन्य वाष्पशील उत्पादों के पास नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह दवाओं के प्रभाव को बेअसर करती हैं।

अस्वच्छता से बचें।

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक दवाएं और उपचार कितने प्रभावी हैं - Conjunctivitis ke liye homeopathic medicine kitni effective hai

होम्योपैथिक डॉक्टर रोगी के मानसिक और भावनात्मक स्थिति के साथ-साथ उनके शारीरिक लक्षणों के अनुसार उपाय निर्धारित करते हैं। पारंपरिक उपचारों के विपरीत यह लक्षणों को सिर्फ दबाती नहीं है बल्कि होम्योपैथी उपाय प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करके समस्या को जड़ से खत्म करती है।

हालांकि कंजंक्टिवाइटिस के इलाज में होम्योपैथिक दवाओं की दक्षता पर ज्यादा सबूत नहीं हैं, लेकिन व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होम्योपैथिक आई ड्रॉप्स को कंजंक्टिवाइटिस के इलाज में कारगर बताया जाता है। पारंपरिक चिकित्सा के साथ-साथ होम्योपैथिक दवाओं को लेना सुरक्षित माना जाता है।

कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक दवा के नुकसान और जोखिम - Conjunctivitis ke liye homeopathic medicine ke nuksan

होम्योपैथिक उपचार प्राकृतिक स्रोतों से तैयार किए जाते हैं और इसलिए इन्हें पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है। इन दवाइयों का शिशुओं और गर्भवती महिलाओं सहित सभी आयु वर्ग के लोगों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। इसके अलावा, होम्योपैथिक उपचार को अन्य दवाओं के साथ भी सुरक्षित रूप से लिया जा सकता है।

यदि इन दवाइयों को होम्योपैथिक डॉक्टर के दिशानिर्देशों के अनुसार ठीक से लिया जाए, तो यह बीमारी को स्थाई रूप से खत्म कर सकती हैं और इनका कोई साइड इफेक्टस भी नहीं होता है।

हालांकि, प्रत्येक उपाय हर व्यक्ति को अच्छी तरह से सूट नहीं करता है और गलत उपाय से कुछ दुष्प्रभाव विकसित हो सकते हैं। ऐसे में यह सबसे अच्छा है कि किसी योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श किए बिना इन दवाइयों का सेवन न करें।


कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक उपचार से संबंधित टिप्स - Conjunctivitis ke liye homeopathic treatment se jude tips

होम्योपैथिक उपचार को इस्तेमाल में लाए जाने से पहले इन्हें घुलनशील रूप दिया जाता है। इसके अलावा इन दवाइयों की खुराक भी बहुत कम रहती है यही वजह है कि कंजंक्टिवाइटिस के उपचार के लिए होम्योपैथिक उपचार सुरक्षित और प्रभावी है। खास बात यह है कि किसी को भी इन दवाइयों की लत नहीं लगती है और यह पारंपरिक या प्रमाणित दवाओं के असर में हस्तक्षेप नहीं करती हैं। हालांकि, डॉक्टर के मार्गदर्शन में होम्योपैथिक उपचार करना ही उचित माना जाता है।



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