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मार्च 2, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

HEART BYPASS SURGERY

 [3/2, 11:37] Dr.J.k Pandey: हार्ट बाईपास सर्जरी क्या है? हार्ट बाईपास सर्जरी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जो कि हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली एक या एक से अधिक रक्त वाहिकाओं के संकुचित हो जाने के कारण की जाती है। इस सर्जरी में आमतौर पर हृदय में किसी अन्य रक्त वाहिका के भाग का प्रयोग कर के रक्त प्रवाह को वापस ठीक कर दिया जाता है। इसके द्वारा एक नया चैनल बन जाता है, जिसके अंदर से रक्त प्रवाह होता है। ग्राफ्ट को इस तरह से लगाया जाता है कि यह प्रभावित रक्त वाहिका के अंदर से गुजरता है, इसीलिए इसे हार्ट बाईपास सर्जरी कहा जाता है। सर्जरी से पहले आपके स्वास्थ्य की जांच करने के लिए कुछ टेस्ट किए जा सकते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आप सर्जरी में जाने के लिए पूरी तरह स्वस्थ हैं। हार्ट बाईपास के लिए आपको कुछ दिन तक अस्पताल में रहने को कहा जा सकता है, उसके बाद आप घर जा सकते हैं। सर्जरी के बाद या सर्जरी के दौरान कुछ समस्याएं हो सकती हैं। ऐसा ब्लॉकेज की गंभीरता और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों जिनसे मरीज पीड़ित होता है उस पर निर्भर करता है। इनमें बुखार, सर्जरी के स्थान पर संक्रमण, हृदय की दर से जुड़ी सम

C.H.D.(दिल में सुराग होना) ,छेद

 दिल में छेद होना क्या होता है ? दिल में छेद होने की समस्या को मेडिकल भाषा में 'कॉन्जेनिटल हार्ट डिफेक्ट्स' (Congenital heart defects) यानि ह्रदय संबंधी जन्मजात दोष कहते हैं। यह दिल की संरचना संबंधी समस्या होती है जो जन्म से ही मौजूद होती है। दिल में छेद होने से दिल के अंदर खून का सामान्य बहाव बदल जाता है। दिल में छेद की समस्याओं के कई प्रकार हैं, जिसमें सरल से लेकर काफी जटिल समस्या शामिल है। दिल में छेद के रोग का निदान करने के लिए डॉक्टर शारीरिक परीक्षण व कुछ विशेष टेस्ट करते हैं।   नवजात शिशुओं में गंभीर दिल की सूजन की समस्या के संकेत तेज सांसें, थकान, खराब रक्त परिसंचरण और होठों, नाखूनों और त्वचा पर नीले रंग के निशान बनना आदि होते हैं। दिल में छेद का उपचार उसकी गंभीरता और प्रकार पर आधारित होता है। नई तथा एडवांस टेस्टिंग और उपचार तरीकों की मदद से दिल में छेद की समस्या से ग्रसित ज्यादातर बच्चे, बड़े होने पर स्वस्थ जीवन जीते हैं। दिल में छेद (जन्मजात हृदय रोग) के लक्षण - Congenital Heart Disease (Defect) Symptoms in Hindi दिल में छेद (जन्मजात हृदय रोग) के कारण और जोखि कारक - Co

LOW B.P.(HYPOTENSION)

 LOW BLOOD PRESSURE(HYPOTENSION) हमारे शरीर में पलने वाले कईं ऐसे रोग हैं जिनको हम ये सोच के  नज़र अंदाज़ कर देते हैं के ये आम बीमारी है। ऐसी ही एक बीमारी है लो ब्लड प्रेशर/ निम्न रक्तचाप। लो ब्लड प्रेशर को हल्के में मत लें। ब्लड प्रेशर हद से ज़्यादा कम होने पर ऑर्गन फेलियर से लेकर दिल का दौरा पड़ने जैसी खतरनाक स्थिति भी पैदा हो सकती है। दुनिया में बहुत बड़ी तादाद में लोग लो ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित हैं। ये बीमारी इतनी आम लगती है के अक्सर इसके लक्षणों के बारे में किसीको नहीं पता चलता है और इसे कोई और शारीरिक बदलाव से या आम चीज़ों से जोड़ लेते हैं। ये उनकी सिर्फ हेल्थ ही नहीं ज़िन्दगी को भी खतरे में डाल सकता है। लो ब्लड प्रेशर या निम्न रक्तचाप क्या है? इससे कभी-कभी आप थका हुआ या चक्कर आना महसूस कर सकते है। किसी भी व्यक्ति के रक्त चाप की सामान्य मात्रा 120/80 होना चाहिए। जब किसी भी इंसान का ब्लड प्रेशर 90/60 से नीचे चला जाता है, तो इस अवस्था को लो बीपी या हाइपोटेंशन कहते है। कभी किसीकी ब्लड प्रेशर की रीडिंग अगर इस साधारण मात्रा से कम  हो जाये तो उसे लौ बीपी की श्रेणी में गिना जाता है। य