सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

फ़रवरी 17, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

WATERBORN DISEASE AWARENESS

 मानव शरीर जिन 5 तत्वों से मिलकर बना है, उसमें जल प्रमुख है। हमारे शरीर का दो तिहाई हिस्सा जल से बना है पर क्या आपको पता है कि आज जलजनित रोग ही हमारे शरीर को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचा रहे हैं? ये सही है कि हर कदम पर इंसान इन रोगों की वजह से बेबस हो रहा है। पर इंसान को ये भी सोचना चाहिए कि अगर जल आज जीवन की जगह मृत्यु बाँट रहा है तो उसके लिये जवाबदेह भी तो हम इंसान ही हैं।यूँ तो कहावतों में भी है, ‘जल ही जीवन है।’ जल के बिना धरती पर मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। मनुष्य चाँद से लेकर मंगल तक की सतह तक पानी तलाशने की कवायद में लगा है, ताकि वहाँ जीवन की संभावनाएँ तलाशी जा सकें लेकिन, क्या धरती पर रहने वाले हम पानी के वास्तविक मूल्य को समझते हैं? 2011 की जनगणना के अनुसार राष्ट्रीय स्वच्छता कवरेज 46.9 प्रतिशत है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह औसत केवल 30.7 प्रतिशत है। अभी भी देश की 62 करोड़ 20 लाख की आबादी यानि राष्ट्रीय औसत 53.1 प्रतिशत लोग खुले में शौच जाते हैं। इन आँकड़ों में सिर्फ ग्रामीण ही नहीं, बल्कि शहरी क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। ये जल प्रदूषण की अहम वजह है। हालाँकि

TETANUS AWARENESS

 टिटनेस को लॉकजॉ के रूप में भी जाना जाता है। यह एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो बैक्टीरिया क्लॉस्ट्रिडियम टेटानी के कारण होती है। यह बैक्टीरिया शरीर में एक विषाक्त पदार्थ पैदा करता है, जो रोगी की तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क को प्रभावित करता है, जिससे मांसपेशियों में कठोरता होती है। यदि इस बैक्टीरिया के बीजाणु को घाव में जमा किया जाता है, तो क्लॉस्ट्रिडियम टेटानी बैक्टीरिया का न्यूरोटॉक्सिन मांसपेशी गतिविधियों को नियंत्रित करने वाले नसों से हस्तक्षेप करता है। टिटनेस एक संक्रमण है, जो गंभीर दर्द, सांस लेने में कठिनाई और रोगी के स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है। यद्यपि टिटनेस को ठीक करने के लिए कई उपचार हैं, लेकिन अधिकांश समय वे समान रूप से प्रभावी होने में विफल रहते हैं। इसलिए इस घातक बीमारी के खिलाफ सुरक्षा का सबसे अच्छा तरीका है, टिटनेस के खिलाफ टीकाकरण करना। टिटनेस बैक्टीरिया बीजाणु शरीर के बाहर भी लम्बे समय अवधि के लिए जीवित रह सकते हैं। वे कहीं भी मौजूद हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर प्रदूषित मिट्टी और पशु खाद में पाए जाते हैं। जीवाणु किसी भी शरीर में प्रवेश करने के बाद क्या होता है? जब