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मार्च 21, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बांझपन के लिए होम्योपैथिक उपचार

इनफर्टिलिटी( बांझपन )के लिए होम्योपैथिक उपचार यदि आप बांझपन के लिए एक प्रभावी उपचार प्रक्रिया की तलाश में हैं, तो होम्योपैथी आपके लिए एक बेहतर विकल्प है. बांझपन सेक्स करने के बाद गर्भधारण करने में असमर्थता को संदर्भित किया जाता है. गर्भ धारण करने और पूर्णकालिक गर्भावस्था रखने के लिए किसी पुरुष या महिला की जैविक अक्षमता को बांझपन के रूप में भी उल्लेखित किया जाता है. होम्योपैथी बांझपन के लिए सबसे प्राकृतिक इलाज है और कई प्रकार की होम्योपैथिक दवाएं हैं जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में बांझपन का इलाज करती हैं. पुरुषों में बांझपन के लिए होम्योपैथिक दवाएं पुरुषों में बांझपन के इलाज के लिए होम्योपैथिक दवाएं निम्नानुसार हैं: नपुंसकता से पुरुषों में बांझपन के लिए होम्योपैथिक दवाएं अग्निस कास्टस का उपयोग तब किया जाता है जब एक व्यक्ति की यौन इच्छा और शारीरिक क्षमता कम हो जाती है. इससे गुप्तांग को आराम, ठंड और नरम रहते हैं. कैलिडियम का उपयोग तब किया जाता है जब मानसिक अवसाद की वजह से बांझपन या नपुंसकता का कारण होता है. इसके उपयोग से गुप्तांग आराम से रहते हैं और नपुंसकता होने का खतरा कम होता है. सेले

दांत में दर्द की होम्योपैथिक दवा और इलाज -

 दांत में दर्द की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for tooth pain in Hindi दांत या जबड़े के आसपास वाले हिस्से में दर्द को दांत में दर्द के रूप में परिभाषित किया जाता है। आमतौर पर यह दांतों की सड़न, दांतों में फ्रैक्चर, दांतों को सही तरीके से न भरने या मसूड़ों में सूजन के कारण होता है। दांतों का दर्द तेज या धीरे और लगातार या रुक-रुक कर हो सकता है। यह लक्षण रात में खराब हो जाते हैं, खासकर लेटते समय। ठंडे और गर्म खाद्य या पेय पदार्थों का सेवन करने से भी दर्द बढ़ सकता है। दांत दर्द आमतौर पर पल्प (दांत का वह हिस्सा जिसमें जीवित रक्त वाहिकाएं, संयोजी ऊतक और बड़ी तंत्रिकाएं होती हैं) की सूजन की वजह से होता है, जो कि दांतों की आंतरिक परत बनाता है। डेंटल कैरीज (बैक्टीरिया द्वारा बनाए गए एसिड के कारण दांतों का टूटना) दांत दर्द का सबसे आम कारण है। इसके अलावा पीरियडोनटाइटिस और मसूड़े की सूजन भी दांतों और जबड़े में दर्द पैदा कर सकती है। यदि कोई व्यक्ति दो दिनों से अधिक समय तक दांत में दर्द या बुखार या जबड़े में सूजन से पीड़ित है, तो उसे तुरंत अपने दंत चिकित्सक से परामर्श

नपुसंकता यानि (Erectile dysfunction AND Homoeopathy

 [3/21, 10:28] Dr.J.k Pandey: Sexual Health नपुसंकता यानि (Erectile dysfunction ) उस यौन संबंधित रोग को कहते हैं जो इंसान के शरीर में वीर्य कम या खत्म हो जाता है और इसी कारण वह संतान की प्राप्ति नहीं कर सकता । इसे स्तंभन दोष भी कहते हैं ।  नपुसंकता (Erectile dysfunction)अब सामान्य हो चली है । तनाव या डिप्रैशन के होना इसकी प्रमुख जड़ है ।बार-बार हो रही बीमारियां या स्वास्थ्य का खराब रहना भी नपुंसकता के लक्षण हो सकते हैं ।  कईं बार सिर्फ नपुसंकता (Erectile dysfunction) का होना सैक्स समस्या नहीं हो सकता बल्कि इसके दूसरे कारण भी हो सकते हैं । इसके पीछे दूसरे शारीरिक कारण भी हो सकते हैं, जैसे- समय से पहले वीर्य का निकल जाना देरी से या कम मात्रा में वीर्य का निकलना सैक्स में मन न लगना नपुसंकता होने के कारण (Causes of Erectile dysfunction) दिल संबंधी रोग, जैसे – हार्ट अटैक, थक्का लगना आदि । डायबटिज़ बल्ड प्रैशर कैंसर डिप्रैशन नशीली दवाओं के सेवन द्वारा शराब का उपयोग धूम्रपान नपुसंकता के लिए इसमें से कोई भी कारक जिम्मेदार हो सकते हैं | यही कारण है कि आपको अपने सैक्सोलॉजिस्ट से संपर्क करना ज़रु

HYDRONEPHROSIS AND HOMOEOPATHY

 [3/21, 14:57] Dr.J.k Pandey: हाइड्रोनेफ्रोसिस क्या है? हाइड्रोनेफ्रोसिस गुर्दों से संबंधित रोग है, जिसमें एक या दोनों गुर्दे प्रभावित हो जाते हैं। जब पेशाब गुर्दों से ठीक से बाहर नहीं निकल पाता है, तो किडनी क्षतिग्रस्त होने लगती है जिससे हाइड्रोनेफ्रोसिस कहा जाता है। इससे किडनी में सूजन आ जाती है। सूजन ज्यादातर एक ही किडनी को प्रभावित करती है, लेकिन यह कभी-कभी दोनों किडनी को भी प्रभावित हो सकती हैं। हाइड्रोनेफ्रोसिस मुख्य बीमारी नहीं है। यह एक सहायक स्थिति है जो अंतर्निहित कारणों से होती है। हाइड्रोनेफ्रोसिस महिलाओं या पुरुषों में समान रूप से और किसी भी उम्र में हो सकती है। हालांकि, कुछQ अध्ययनों के अनुसार यह छोटे बच्चों और भ्रूण को देखी जाती है, जो आमतौर पर अल्ट्रासाउंड के दौरान ही मिलती है। हाइड्रोनेफ्रोसिस लक्षण क्या हैं? हाइड्रोनेफ्रोसिस के मुख्य लक्षण आमतौर पर पेशाब करने की प्रक्रिया से संबंधित होते हैं। हाइड्रोनेफ्रेसिस से ग्रस्त लोगों को पेशाब करने में अधिक जोर लगाना पड़ता है। इस दौरान कुछ लोगों के पेशाब का दबाव कम तो कुछ लोगों का ज्यादा होता है। पेशाब जमा होने के कारण किडनी का