सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मार्च 17, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बिलनी ( गुहेरी ) का होम्योपैथिक मेडिसिन [ Bilni ( Stye )

 बिलनी ( गुहेरी ) का होम्योपैथिक मेडिसिन [ Bilni ( Stye ) Ka Homeopathic Medici बिलनी ( गुहेरी ) का होम्योपैथिक मेडिसिन [ Bilni ( Stye ) Ka Homeopathic Medicine ] ne ] बिलनी ( गुहेरी ) का होम्योपैथिक मेडिसिन  हम सभी की आँखों के ऊपर और नीचे पलकें होती है, इन पलकों में एक ग्रंथि होती है जिसे सिबेसियस ग्रंथि कहा जाता है, जिसका एक बहुत ही महत्वपूर्ण काम होता है। इस ग्रंथि का काम होता है सीबम नमक तेल को बनाये रखना पलकों पर। तेल की वजह से ही हम अपनी पलकें झपका पाते है। इस तेल की कमी से आँखों में सूखापन आ जाता है। यदि इसमें इन्फेक्शन हो जाये तो पलकों में फोड़े-फुंसी बन जाते है इसे ही बिलनी ( गुहेरी ) कहा जाता है। बिलनी आंख के अंदर भी हो सकती है और बाहर भी। यह समस्या बहुत ही आम है और आमतौर पर सभी को हो जाया करती है। यह बिलोनी एक से दो हफ्ते में खुद-ब-खुद ठीक हो जाती है लेकिन कभी-कभी यह ज्यादा दिन तक रह जाता है और कभी-कभी बहुत जल्दी-जल्दी दुबारा होने लगता है। बिलनी होने के कारण बिलनी स्टैफिलोकोकस नामक कीटाणु के कारण होता है। जब यह कीटाणु पलकों के सिबेसियस नामक ग्लैंड से सम्पर्क करती है तो इन्फे

कंजंक्टिवाइटिस (आंख आ कंजंक्टिवाइटिस (आंख आना

 कंजंक्टिवाइटिस (आंख आ कंजंक्टिवाइटिस (आंख आना ) ना) की होम्योपैथी दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for conjunctivitis in hindi कंजंक्टिवाइटिस (आंख आना) की होम्योपैथी दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for conjunctivitis in hindi कंजंंक्टिवाइटिस को आंख आना भी कहते हैं। कंजंक्टिवा एक ढीला संयोजी ऊतक है जो आईबॉल (नेत्रगोलक) की सतह को कवर करता है, जबकि आंख के सफेद भाग की बाहरी सतह और पलक की आंतरिक सतह में सूजन को कंजंक्टिवाइटिस कहते हैं। इसमें आंख का सफेद हिस्सा गुलाबी या लाल हो जाता है, इसलिए इसे आमतौर पर 'गुलाबी आंख' भी कहा जाता है। कंजंक्टिवाइटिस आमतौर पर आत्म-सीमित (खुद ही ठीक होने वाला) नेत्र संक्रमण है जो कभी-कभी गंभीर रूप में विकसित हो जाती है। यह स्थिति एक या दोनों आंखों को प्रभावित कर सकती है। अक्सर ऐसा वायरल इंफेक्शन या बैक्टीरियल इंफेक्शन या जलन या धुएं से एलर्जी की प्रतिक्रिया के कारण हो सकती है। चिकित्सक मरीज की मेडिकल ​हिस्ट्री, लक्षणों और आंखों की जांच के आधार पर, इस समस्या के कारणों का निर्धारण करते हैं। हालांकि, कभी-कभी सटीक कारण का प

काला मोतियाबिंद (ग्लूकोमा) की होम्योपैथी दवा और इलाज

 काला मोतियाबिंद (ग्लूकोमा) की होम्योपैथी दवा और इलाज - काला मोतियाबिंद (ग्लूकोमा) आंख की एक स्थिति है जो ऑप्टिक तंत्रिका को प्रभावित करती है। यह स्थिति आंख के आगे वाले भाग में तरल पदार्थ के निर्माण के कारण होती है, जिसके परिणामस्वरूप ऑप्टिक तंत्रिका पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और इसे नुकसान पहुंचता है। ऑप्टिक तंत्रिका पर बढ़ते दबाव के कारण भी ग्लूकोमा हो सकता है। यदि इसे नजरअंदाज कर दिया जाए, तो अंधेपन की समस्या हो सकती है। ग्लूकोमा के विकास और लक्षणों के आधार पर इसे दो मुख्य प्रकारों में बांटा गया है : ओपन-एंगल ग्लूकोमा : यह ग्लूकोमा का सबसे आम प्रकार है जो समय के साथ विकसित होता है। जब तक कि स्थिति एक्यूट (तेजी से खराब होने वाली) न हो जाए तब तक इसमें कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है। एंगल क्लोजर ग्लूकोमा : इस तरह का ग्लूकोमा दुर्लभ है और यह ऑप्टिक तंत्रिका पर बढ़ते दबाव के कारण अचानक विकसित होता है। ओपन-एंगल ग्लूकोमा के विपरीत, इसमें मतली के साथ गंभीर रूप से आंख में दर्द, दृष्टि की हानि और दृष्टि दोष जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। दृष्टि को प्रभावित होने या अंधेपन को रोकने के लिए पारंपरिक तर

मोतियाबिंद की होम्योपैथिक दवा और इलाज

 मोतियाबिंद की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Cataract in Hind मोतियाबिंद में आंखों के लेंस में धुंधलापन होता है, जिससे देखने की क्षमता में कमी आती है। मोतियाबिंद तब होता है जब आंखों में प्रोटीन के गुच्छे जमा हो जाते हैं जो लेंस को साफ चित्र रेटिना को भेजने से रोकते हैं। रेटिना, लेंस के माध्यम से संकेतों में आने वाली रोशनी को परिवर्तित करता है। यह संकेत ऑप्टिक तंत्रिका को भेजता है, जो उन्हें मस्तिष्क में ले जाता है। मोतियाबिंद अक्सर धीरे-धीरे विकसित होता है और एक या दोनों आंखें इससे प्रभावित हो सकती हैं। इसमें फीके रंग दिखना, धुंधला दिखना, ऑब्जेक्ट के चारों ओर रोशनी दिखना, चमकदार रोशनी में देखने में परेशानी और रात को देखने में परेशानी हो सकती है। वैसे तो मोतियाबिंद 80 साल की उम्र के बाद होता है, लेकिन ये कम उम्र में भी प्रभावित कर सकता है। रात में कम दिखाना, बार-बार कांटेक्ट लेंस या चश्‍मा बदलने की जरूरत पड़ना, एक आंख से कई दृश्‍य दिखना, रंग धुंधले दिखना, धुंधला दिखाई देखना और धूप, हैडलाइट या लैंप की रोशनी से आंखें चुंधिया जाना, मोतियाबिंद के कुछ लक्ष