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फ़रवरी 20, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

किडनी कार्य टेस्ट KFT,RFT

 KFT टेस्ट किडनी की कार्यक्षमता पहचानने वाली जाँचों का एक समूह है, इसका पूर्ण रूप kidney function test है यानि किडनी कार्यक्षमता जाँच। इसके अलावा इसे RFT भी कहा जाता है जिसका पूर्ण रूप renal function test है। KFT टेस्ट क्या है, और इसमें किस-किस जांच को शामिल किया जाता है यह अलग-अलग प्रयोगशालाओं पर निर्भर करता है। आम तौर पर लगभग सभी प्रयोगशालाएँ KFT / RFT में रक्त यूरिया (blood urea) / रक्त यूरिया नाइट्रोजन टेस्ट (blood urea nitrogen), सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट और eGFR शामिल करती हैं। इसके अलावा कुछ प्रयोगशालाएँ पेशाब में प्रोटीन की मात्रा पहचानने के लिए मूत्र विश्लेषण को भी KFT / RFT का हिस्सा बना सकती हैं। इसके अलावा सोडियम, पोटेशियम, क्लोराइड, यूरिक एसिड का रक्त स्तर भी KFT का हिस्सा हो सकता है। शरीर में इन सभी रसायनों का संतुलन बनाने का काम किडनी करती है। किडनी की इसी कार्यक्षमता को जाँचने के लिए किए जाने वाले परीक्षणों को KFT / RFT कहा जाता है। KFT टेस्ट में कौन सी जाँचे होती हैं KFT, किडनी कार्यक्षमता जाँच के लिए किडनी से संबंधित और भी कई चीजों का होता है परीक्षण। क्या हैं वे परीक्षण

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 कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट (खून की जांच) क्या होता है? - What is Complete Blood Count Test in Hindi? सीबीसी यह निर्धारित करता है कि आपके रक्त कोशिकाओं की गिनती में कोई वृद्धि या कमी हुई है या नहीं। आपकी उम्र और आपके लिंग के आधार पर सामान्य गिनती अलग हो सकती है। प्रयोगशाला से मिलने वाली सीबीसी रिपोर्ट आपको आपकी उम्र और लिंग के लिए सामान्य गिनती बताएगी। सीबीसी एनीमिया, आम संक्रमण से लेकर कैंसर तक कई स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाने में मदद कर सकता है। आपकी रक्त कोशिकाओं के स्तर में परिवर्तन को मापने से आपके डॉक्टर आपके समग्र स्वास्थ्य और विकारों का पता लगा सकते हैं। यह टेस्ट तीन मुख्य प्रकार की रक्त कोशिकाओं को मापता है - 1. लाल रक्त कोशिकाएं लाल रक्त कोशिकाएं आपके शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाती हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को हटा देती हैं। सीबीसी आपकी लाल रक्त कोशिकाओं के दो घटकों को मापता है - हीमोग्लोबिन: ऑक्सीजन-ले जाने वाले प्रोटीन हेमटोक्रिट: आपके रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं का प्रतिशत हीमोग्लोबिन और हेमटोक्रिट का कम होना अक्सर एनीमिया का लक्षण होता है (एनीमिया खून में आयरन की कमी से होता है)।