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मार्च 12, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

PIMPLES AND HOMOEOPATHY

 [3/11, 12:10] Dr.J.k Pandey: मुंहासे (पिंपल्स) की होम्योपैथिक दवा और इलाज - मुंहासे त्वचा से संबंधित एक आम स्थिति हैं। इसमें चेहरे पर दाने के आकार के सफेद, लाल या काले रंग के धब्बे पड़ने लगते हैं। हालांकि, ज्यादातर तैलीय त्वचा वाले लोग इस समस्या से ग्रस्त होते हैं। लेकिन मुंहासे से कोई भी व्यक्ति प्रभावित हो सकता है। यह तब होता है जब त्वचा के रोम छिद्र तेल, मृत त्वचा या बैक्टीरिया से भर जाते हैं। यह अधिकतर चेहरे, कंधे, छाती, गर्दन और पीठ पर देखे जाते हैं। यह पिंपल्स व्हाइटहेड्स या ब्लैकहेड्स के रूप में भी प्रकट हो सकते हैं। मुंहासे की समस्या किशोरावस्था में आम है, लेकिन यह किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है। मुंहासे को ट्रिगर करने वाले कारकों में कॉस्मेटिक का उपयोग करना, गर्भावस्था, यौवन के दौरान या जन्म नियंत्रण गोलियां लेते समय हार्मोन के स्तर में परिवर्तन, बहुत ज्यादा पसीना आना और एस्ट्रोजन व टेस्टोस्टेरोन जैसी कुछ दवाओं का सेवन इत्यादि शामिल है। वैसे तो यह एक हानिकारक स्थिति नहीं है, लेकिन बहुत ज्यादा मुंहासों की वजह से त्वचा पर स्थायी निशान पड़ सकते हैं जिसकी वजह से व्य

MOUTH ULCER AND HOMOEOPATHY

 [3/12, 13:01] Dr.J.k Pandey: मुंह के छाले की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Mouth Ulcer in Hindi मुंह के छाले की होम्योपैथिक दवा और इलाज - मुंह के छालों का मतलब है मुंह और होठों की श्लेष्मा झिल्ली में सूजन होना, जिससे मुंह में छालों वाले घाव हो जाते हैं। मुंह में कई कारणों से छाले हो सकते हैं। ये अचानक दांतों से गाल को काटने के कारण या विटामिन की कमी के कारण हो सकते हैं। ग्लूटेन, स्ट्रॉबेरी या ड्राई फ्रूट्स जैसी चीजों से एलर्जी के कारण भी मुंह में छाले हो सकते हैं। मुंह के छालों के कुछ अन्य कारण, स्ट्रेस और हर्पीस वायरस इन्फेक्शन आदि हैं। मुंह के छालों के मुख्य लक्षण श्लेष्मा झिल्ली में लाली और खाने में व निगलने में कठिनाई, जिसके कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है, छाले होने पर मुंह से लाकर निकलना और मसूड़ों में सूजन आदि हो सकते हैं। इसकी एक ही जटिलता है कि छाले बार-बार हो सकते हैं। मुंह की सही देखभाल और गर्म चीजें खाने-पीने से बचना छालों की समस्या को रोक सकता है और इसके इलाज में भी मदद कर सकता है। होम्योपैथी में मुंह के छालों के लिए सुरक्षित और असरद

DANDRUFF (रूसी )and Homoeopathy

 [3/11, 11:52] Dr.J.k Pandey: रूसी (डैंड्रफ) की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Dandruff in Hindi रूसी (डैंड्रफ) की होम्योपैथिक दवा और इलाज  डैंड्रफ एक सामान्‍य विकार है, जिसकी वजह से सिर की त्‍वचा पपड़ीदार हो जाती है। रूसी की वजह से सिर में खुजली और बाल झड़ने की समस्‍या भी होती है। त्‍वचा की कोशिकाओं के अधिक बढ़ने की वजह से रूसी होती है। स्‍कैल्‍प यानी सिर की त्‍वचा में सिबेशियस ग्रंथियां होती हैं जो कि त्‍वचा को मुलायम और नरम रखने के लिए सीबम का स्राव करती हैं। सीबम के अधिक बनने पर त्‍वचा तैलीय हो जाती है और स्‍कैल्‍प पर खुजली होने लगती है। त्‍वचा में इस तरह के बदलावों के कारण कई प्रकार के त्‍वचा रोग होने का खतरा बढ़ जाता है जिसमें डैंड्रफ भी शामिल है। आमतौर पर यौवनावस्‍था (प्‍यूबर्टी) के बाद डैंड्रफ होता है और ये समस्‍या पुरुषों में ज्‍यादा देखी जाती है। सिबोरिया के लक्षण के रूप में भी रूसी हो सकती है। सिबोरिया में त्वचा लाल और स्किन पर जलन होती है।  डैंड्रफ से छुटकारा पाने के लिए होम्‍योपैथी में कई दवाओं का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। डैंड्रफ के उपचा