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मार्च 16, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

साइटिका की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment

 साइटिका की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment पीठ के निचले हिस्‍से में साइटिक नस के शुरुआती भाग पर दबाव पड़ने से होने वाले दर्द को साइटिका कहते हैं। आमतौर पर साइटिका का दर्द अचानक शुरू होता है और पीठ से होता हुआ टांग के बाहरी और सामने वाले हिस्‍से तक पहुंच जाता है। इसमें चुभने वाला दर्द होता है और ये दर्द आमतौर पर सिर्फ एक टांग को प्रभावित करता है। इसका संबंध नसों से जुड़े लक्षणों जैसे कि प्रभावित टांग और पैर के विभिन्‍न हिस्‍सों में सुन्‍नता, झुनझुनी और कमजोरी से है। भारी चीजें उठाने जैसे कार्यों की वजह से साइटिका ट्रिगर हो सकता है। हर्निया डिस्‍क के साथ साइटिका नस पर कहीं भी दबाव पड़ने, लम्बर स्‍पाइनल स्‍टेनोसिस (पीठ के निचले हिस्‍से में रीढ़ नलिका का सिकुड़ना), स्‍पॉन्डिलोलिस्‍थेसिस (रीढ़ की हड्डी में निचले वर्टिब्रा का आगे की ओर खिसकना), रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर, रीढ़ की हड्डी में संक्रमण या चोट लगना भी साइटिका में दर्द के कुछ कारण हैं। साइटिका के कुछ जोखिम कारकों में उम्र, व्‍यवसाय, गतिहीन जीवनशैली और गर्भावस्‍था से जुड़े हार्मोन शामिल हैं। आमतौर पर साइट

पेट में गैस की होम्योपैथिक दवा और इलाज -

 पेट में गैस की होम्योपैथिक दवा और इलाज -  पेट में गैस का मतलब है ग्रासनली में हवा मौजूद होना। ये समस्या खाते-पीते समय ज्यादा हवा मुंह से अंदर लेने के कारण हो सकती है या ये पेट में बैक्टीरिया बढ़ने के कारण भी हो सकती है। पेट में गैस होने के सबसे आम कारणों में से एक है अपच। अपच, जीवनशैली व खान-पान की आदतों से हो सकती है, जैसे कैफीन, शराब या कार्बन डाइऑक्साइड वाले पदार्थ लेना, जल्दबाजी में खाना और फैट वाला खाना लेना। एंटीबायोटिक व पेनकिलर दवाओं और पेट में इन्फेक्शन के कारण भी अपच और पेट में गैस की समस्या हो सकती है। पेट में गैस होने पर पेट फूलना, डकार आना, थोड़ा सा खाने के बाद ही पेट भरा हुआ लगना, पेट में जलन और कभी-कभी मतली जैसी समस्याएं होती हैं। होम्योपैथी के अनुसार, पेट की गैस एक परेशान कर देने वाली समस्या है, जिसे व्यक्ति के जीवन से संबंधित अलग-अलग पहलुओं के आधार पर दवा देकर सही किया जा सकता है। इसके लिए कार्बो वेजीटेबिलिस, सिनकोना ऑफिसिनैलिस और लाइकोपोडियम। पेट में गैस का होम्योपैथिक इलाज कैसे होता है - Homeopathy me pet ki ganth ka ilaaj kaise hota hai पेट में गैस की होम्योपैथिक दवा

बवासीर (पाइल्स) की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Piles in Hindi

 बवासीर (पाइल्स) की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Piles in Hindi हमारे मलाशय और गुदा के क्षेत्र में एक प्रकार की रक्त वाहिकाएं मौजूद होती हैं, जिन्हें हेमरॉइड्स (Haemorrhoids) कहा जाता है। इन्हीं रक्त वाहिकाओं में सूजन होने को बवासीर कहते हैं। ये समस्या मलाशय की अंदरूनी तरफ या गुदा की बाहरी तरफ हो सकती है। बवासीर के कुछ मुख्य कारण हैं, लगातार कब्ज रहना, गर्भावस्था, गंभीर क्रोनिक खांसी और अनुवांशिकता। अंदरूनी बवासीर का सबसे मुख्य लक्षण है खून बहना। हालांकि, बवासीर वाले टिशू का गुदा से बाहर आ जाने पर इसमें ब्लीडिंग के साथ अत्यधिक दर्द भी होता है। ये समस्या अधिकतर दबाव के कारण रक्त वाहिकाओं के खिंचाव से होती है, जैसे कब्ज की समस्या में। समस्या की गंभीरता और उपचार के आधार पर, बवासीर को स्टेज 1 से स्टेज 4 तक क्रमिक किया गया है। पाइल्स के लिए किए जाने वाले आम उपचार में व्यक्ति को स्टेरॉयड व पेन किलर दवाओं के साथ खान-पान व जीवनशैली के बदलाव करने के लिए कहा जाता है। जब बवासीर के साथ तेज दर्द और ब्लीडिंग की समस्या होती है, उन मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती

मोटापा (OBESITY)AND HOMOEOPATHY

 मोटापे की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Obesity in Hind विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शरीर के ऊतकों में असामान्य रूप से वसा इकट्ठा होने की स्थिति को अधिक वजन और मोटापे के रूप में परिभाषित किया है। यह दोनों ही स्थितियां स्वास्थ्य को खराब कर सकती हैं। इसे बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की मदद से मापा जाता है। बीएमआई शरीर की ऊंचाई और वजन के आधार पर शरीर में अनुमानित फैट होता है। बीएमआई यह निर्धारित करने में मदद करता है कि व्यक्ति का वजन सही है या नहीं। ऐसे लोग जिनका BMI 25 से अधिक या इसके बराबर है, उन्हें अधिक वजन की श्रेणी में गिना जाता है और जिनका BMI 30 या इसके बराबर है वे मोटापे की श्रेणी में आते हैं। अधिक वजन का मुख्य कारण कैलोरी की खपत और इसके उपयोग के बीच असंतुलन है। यदि कोई व्यक्ति अपने शरीर की आवश्यकता से अधिक कैलोरी का सेवन कर रहा है, तो वह धीरे-धीरे मोटापे की चपेट में आ रहा है। अधिक वजन और मोटापे से जूझ रहे लोगों को मस्कुलोस्केलेटल और कुछ कैंसर जैसे एंडोमेट्रियल, स्तन, डिम्बग्रंथि, प्रोस्टेट, लिवर, पित्ताशय की थैली, किडनी और कोलन होने का ख