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फ़रवरी 21, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ULTRASOUND AWARENESS

 अल्ट्रासाउंड क्या होता है? - What is Ultrasound in Hindi? अल्ट्रासाउंड क्या होता है? अल्ट्रासाउंड को 'सोनोग्राफी' भी कहा जाता है, शरीर में हो रही गतिविधियों की तस्वीरे बनाने के लिए इसमें ध्वनि तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है। एक उपकरण जिसे ट्रांसड्यूसर (Transducer) कहा जाता है, यह उच्च आवृत्ति की ध्वनि छोड़ता है, जो कानों को नहीं सुनाई पड़ती। जैसे ही ध्वनि तरंगें नरम ऊतकों व अंगों का आकार, प्रकार और स्थिरता को निर्धारित करने के लिए उछाल या गतिविधि करती है, तो उसको गूँज की मदद से रिकॉर्ड किया जाता है। सारी जानकारी उस ही समय कंप्यूटर को भेजी जाती है, जो इन जानकारीयों की तस्वीर स्क्रीन पर दिखाता है। यह टेस्ट कैसे करना है, इसके लिए अल्ट्रासाउंड के तकनीशियन या सोनोग्राफरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। अल्ट्रासाउंड स्कैन कई प्रकार के होते हैं, जो इस पर निर्भर करते हैं कि शरीर के किस हिस्से को स्कैन किया जा रहा है और क्यों। इसके मुख्यत: तीन प्रकार होते हैं: बाहरी अल्ट्रासाउंड स्कैन (External Ultrasound Scan) -  इसमें प्रोब (Probe) त्वचा के ऊपर घूमता है। आंतरिक अल्ट्रासाउंड स्कैन

CPR AWARENESS

 सीपीआर क्या है - CPR kya hota hai in hindi सीपीआर एक आपातकालीन स्थिति में प्रयोग की जाने वाली प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति की धड़कन या सांस रुक जाने पर प्रयोग की जाती है। सीपीआर में बेहोश व्यक्ति को सांसें दी जाती हैं, जिससे फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलती है और साँस वापस आने तक या दिल की धड़कन सामान्य होने तक छाती को दबाया जाता है जिससे शरीर में पहले से मौजूद ऑक्सीजन वाला खून संचारित होता रहता है हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट, डूबना, सांस घुटना और करंट लगना जैसी स्थितियों में सीपीआर की आवश्यकता हो सकती  है  अगर व्यक्ति की सांस या धड़कन रुक गई है, तो जल्द से जल्द उसे सीपीआर दें क्योंकि पर्याप्त ऑक्सीजन के बिना शरीर की कोशिकाएं बहुत जल्द खत्म होने लगती हैं। मस्तिष्क की कोशिकाएं कुछ ही मिनटों में खत्म होने लगती हैं, जिससे गंभीर नुकसान या मौत भी हो सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि अगर अधिक लोगों को सीपीआर देना आ जाए तो कई जानें बचाई जा सकती हैं, क्योंकि सही समय पर सीपीआर देने से व्यक्ति के बचने की सम्भावना दोगुनी हो सकती है। सीपीआर कब देना चाहिए - CPR ki jarurat kab hoti hai निम्नलिखित स्थितियों म

TMT AWARENES

 स्ट्रेस टेस्ट (टीएमटी टेस्ट) स्ट्रेस टेस्ट क्या है? स्ट्रेस टेस्ट को ट्रेडमिल टेस्ट भी कहा जाता है, यह टेस्ट बिना कोई चीरा लगाए किया जाता है। यह टेस्ट शारीरिक तनाव में हृदय की स्थिति की जांच करता है। आसान शब्दों में, जब एक व्यक्ति तेज चलता है या अधिक व्यायाम करता है तो हृदय को खून की अधिक मात्रा पंप करने की आवश्यकता पड़ती है। स्ट्रेस टेस्ट बताता है कि ऐसी स्थितियों में हृदय कितना भार संभाल सकता है। यदि हार्ट तक खून की सप्लाई में कोई परेशानी होती है उदाहरण के तौर पर कैरोटिड धमनियों के साथ कोई परेशानी हो तो यह हार्ट की कार्य प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है और यह स्ट्रेस टेस्ट के असामान्य परिणाम हो सकते हैं। स्ट्रेस टेस्ट में, व्यक्ति को ट्रेडमिल पर चलने के लिए कहा जाता है, जब तक की हृदय तेज़ कार्य न करने लगे, उसी टेस्ट के दौरान इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (इसीजी) से स्थिति पर नज़र रखी जाती है। जब टेस्ट चल रहा होता है तो ब्लड प्रेशर क्रमिक रूप से बढ़ता है और थकान व छाती में किसी प्रकार की तकलीफ जैसे लक्षण देखे जाते हैं। इसीजी के परिणाम में असामान्य स्थिति जैसे, ब्लड प्रेशर और नब्ज का बढ़ना और छा