Phobia Treatment In Homeopathy – मनोविज्ञान की दृष्टि से इसे इस प्रकार से परिभाषित किया गया हैकिसी पदार्थ या परिस्थिति के प्रति असामान्य तथा स्थायी भय को असंगत भय कहते हैं । यह एक ऐसा अताकिंक भय है जो किसी वास्तविक भयप्रद परिस्थिति के न होने पर भी अत्यन्त अतिरंजित रूप से व्यक्त होता है। यद्यपि इसमें रोगी यह अच्छी तरह समझता है कि उसका यह भय विशिष्ट पदार्थ अथवा परिस्थितियों के प्रति व्यर्थ तथा निर्मूल है किन्तु वैसी ही परिस्थितियों के उत्पन्न होते ही वह पुनः डर जाता है । उसे दौरे पड़ने लगते हैं और उसकी एक प्रकार की विचित्र मानसिक मनोवृत्ति बन जाती है। इस असंगत भय के कारणों को मालूम कर इसका उपचार भी मनोवैज्ञानिक तरीके से करना चाहिये | बार-बार वैसी ही परिस्थितियाँ रोगी के समक्ष उत्पन्न करें और उसे बतलाते जायें कि उसका यह डर निरर्थक तथा निर्मूल है । धीरेधीरे रोगी स्वयं उस असंगत भय का सामना करने के योग्य होता जाता है । होमियोपैथी में हम दवा द्वारा केवल रोगी की मानसिकता को ही बदलने का प्रयास करते हैं । फोबिया अनेक प्रकार का होता है जिनमें प्रमुख हैं- ऊँचे स्थान का भय (Acrophobia), खुले स्था
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