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मार्च 19, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

वेंटिलेटर - Ventilator in hindi,ITS FUNCTION

 वेंटिलेटर - Ventilator in hindi वेंटिलेटर एक ऐसी मशीन है जो उन मरीजों की सांस लेने में मदद करती है, जो स्वयं किसी कारण से सांस नहीं ले पाते हैं। इसके कई अन्य नाम भी हैं जैसे - ब्रीथिंग मशीन या रेस्पिरेटर या मैकेनिकल वेंटिलेटर इत्यादि। अधिकांश रोगियों को गंभीर बीमारी के कारण वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है, इनकी अस्पताल के आईसीयू में देखभाल की जाती हैं। जिन लोगों को लंबे समय तक वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है उनकी देखभाल अस्पताल की नियमित यूनिट, पुनर्वास सुविधा या घर पर की जा सकती है। इस लेख में विस्तार से बताया गया है कि वेंटिलेटर क्या है, आईसीयू में वेंटीलेटर के कितने प्रकार होते हैं, वेंटिलेटर कैसे काम करता है और वेंटीलेटर पर होने से जुड़े रिस्क क्या-क्या है? इसके साथ ही आईसीयू में वेंटीलेटर पर आने वाले खर्च के बारे में भी बताया गया है। वेंटिलेटर क्या है - Ventilator kya hai in hindi आईसीयू में वेंटीलेटर के प्रकार - Types of Ventilator in hindi वेंटिलेटर कैसे काम करता है - Ventilator kaise kaam karta hai in hindi वेंटीलेटर पर होने से जुड़े रिस्क - Risks of being on a Ventilator in hindi आ

बुखार की होम्योपैथिक दवा और इलाज -

 बुखार की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Fever in Hindi अक्‍सर बुखार आने पर हम चिंता से घिर जाते हैं, लेकिन बुखार चिंता का नहीं बल्कि सचेत हो जाने का संकेत होता है। दरअसल, बुखार हमें यह संकेत देता है कि शरीर के अंदर के कुछ गड़बड़ी चल रही है। बुखार तब होता है जब आपके मस्तिष्क का एक हिस्सा, जिसे हाइपोथैलेमस (जिसे आपके शरीर की "थर्मोस्टेट" भी कहा जाता है) कहा जाता है, आपके शरीर के सामान्य तापमान के निर्धारित बिंदु को ऊपर ले जाता है। शरीर का सामान्‍य तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट (37 डिग्री सेल्सियस) है। दिनभर में इसमें उतार-चढ़ाव आता है जैसे कि अधिकतर लोगों के शरीर का तापमान शाम के समय अधिक रहता है। शरीर का सामान्‍य तापमान भी हर व्‍यक्‍ति में अलग होता है। माना जाता है कि जब किसी व्‍यक्‍ति के शरीर का तापमान 100.4 डिग्री फारेनहाइट (38 डिग्री सेल्सियस) तक या इससे ऊपर पहुंच जाए, तो इसका मतलब है कि उस व्‍यक्‍ति को बुखार है। बुखार के लिए डॉक्‍टर के पर्चे के बिना मिलने वाली दवाएं जैसे कि पैरासिटामोल और एस्प्रिन के हानि‍कारक प्रभाव भी होते हैं। हालांकि,

HOMOEOPATHY AND HOMOEOPATHIC MEDICINE

 होम्योपैथी - Homeopathy in Hindi होम्योपैथी - Homeopathy in Hindi       19 वीं शताब्दी से ही होम्योपैथिक दवाओं और डॉ हैनिमैन द्वारा तैयार की गई दवा की प्रणाली पर लोगों का भरोसा लगातार बढ़ता गया है। वर्तमान में विश्व भर में लगभग 20 करोड़ लोग होम्योपैथिक दवाओं या उपचारों को अपनाते हैं और भारत में होम्योपैथी चिकित्सा की दूसरी सबसे लोकप्रिय प्रणाली है। होमियोपैथी व्यक्ति के संपूर्ण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करने पर बल देती है। यह दवा की एक ऐसी प्रणाली है जो शरीर की स्वयं को ठीक कर लेने की क्षमता का सम्मान करती है तथा इस कार्य में सहायक बनती है। हमें उम्मीद है कि होमियोपैथी चिकित्सा या होम्योपैथिक इलाज के संबंध में आपके मन में उठने वाले कई सवालों के जवाब इस लेख में प्राप्त हो जायेंगे।  इस लेख में होम्योपैथिक इलाज क्या है, होम्योपैथिक इलाज के फायदे, होम्योपैथिक इलाज के तरीके, होम्योपैथिक दवा कैसे बनती है, होम्योपैथिक दवा लेने के नियम, होम्योपैथिक दवा का असर, होम्योपैथिक दवा का परहेज के साथ होम्योपैथिक इलाज की संपूर्ण जानकारी दी गयी है। होम्योपैथी क्या है - Homeopathy kya hai in h

MALNUTRITION ,कुपोषण क्या है ? HOMOEOPATHY,

 [3/18, 23:23] Dr.J.k Pandey: कुपोषण क्या है ? कुपोषण के कारण (Malnutrition causes) किसी भी देश या शहर में यदि बड़े पैमाने पर लोग कुपोषण से ग्रस्त होते हैं, तो इसके कई कारण हो सकते हैं जिनमें आर्थिक,सामजिक और राजनीतिक कारण संभव हैं :- सामजिक स्थिति कुपोषण का कारण सिर्फ पोषण की अधिकता या कमी ही नहीं हैं बल्कि यह सामजिक स्थिति से भी  प्रभावित होता हैं. जैसे की जनसंख्या-वृद्धि से भी यह संभव हैं, जिसमे समाज के एक हिस्से को ही सभी पोषण मिलने लगता हैं. और दूसरा पक्ष कुपोषण का शिकार होने लगता हैं. इसी तरह युद्ध के समय भी कुपोषण की संभावना बढ़ जाती हैं और बड़े होते बच्चों में भी यह समस्या दिखना आम हैं. इस तरह वास्तव में कुपोषण  समाज की स्वास्थ सम्बन्धित समस्याओं में मुख्य समस्या बन चुकी हैं क्युकी आज का युवा अपने शरीर को फिट रखने की चाहत में पोषक तत्वों में समझोता करने लगता है,उस पर खाने में जंक फ़ूड की अधिकता भी शरीर में पोषक तत्वों की कमी करती  हैं. भुखमरी विश्व खाध्य कार्यक्रम (WFP) के अनुसार लगभग 1.02 बिलियन लोग विश्व भर में कुपोषण और भुखमरी का शिकार है. इसका मतलब हैं कि हर  6 में से 1 व्यक्ति