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पेट में गैस की होम्योपैथिक दवा और इलाज -

 पेट में गैस की होम्योपैथिक दवा और इलाज - 


पेट में गैस का मतलब है ग्रासनली में हवा मौजूद होना। ये समस्या खाते-पीते समय ज्यादा हवा मुंह से अंदर लेने के कारण हो सकती है या ये पेट में बैक्टीरिया बढ़ने के कारण भी हो सकती है। पेट में गैस होने के सबसे आम कारणों में से एक है अपच। अपच, जीवनशैली व खान-पान की आदतों से हो सकती है, जैसे कैफीन, शराब या कार्बन डाइऑक्साइड वाले पदार्थ लेना, जल्दबाजी में खाना और फैट वाला खाना लेना। एंटीबायोटिक व पेनकिलर दवाओं और पेट में इन्फेक्शन के कारण भी अपच और पेट में गैस की समस्या हो सकती है।


पेट में गैस होने पर पेट फूलना, डकार आना, थोड़ा सा खाने के बाद ही पेट भरा हुआ लगना, पेट में जलन और कभी-कभी मतली जैसी समस्याएं होती हैं।


होम्योपैथी के अनुसार, पेट की गैस एक परेशान कर देने वाली समस्या है, जिसे व्यक्ति के जीवन से संबंधित अलग-अलग पहलुओं के आधार पर दवा देकर सही किया जा सकता है। इसके लिए कार्बो वेजीटेबिलिस, सिनकोना ऑफिसिनैलिस और लाइकोपोडियम।


पेट में गैस का होम्योपैथिक इलाज कैसे होता है - Homeopathy me pet ki ganth ka ilaaj kaise hota hai

पेट में गैस की होम्योपैथिक दवा - Gas ki ramban homeopathic dawa

होम्योपैथी में पेट की गैस के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me pet ki gas ke liye khan-pan aur jeevanshaili ke badlav

पेट में गैस के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Pet ki gas ke homeopathic ilaj ke nuksan aur jokhim karak

पेट में गैस के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Pet ki gas ke homeopathic upchar se jude anya sujhav

 

पेट की गैस के लिए योग 

गैस बनने पर क्या खाएं, क्या न खाएं और परहेज 


पेट में गैस का होम्योपैथिक इलाज कैसे होता है - Homeopathy me pet ki ganth ka ilaaj kaise hota hai

होम्योपैथिक उपचार न केवल समस्या के लक्षणों को ठीक करता है, बल्कि व्यक्ति को कोई और समस्या होने की संभावना भी खत्म करता है।

पेट में गैस के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली होम्योपैथिक दवाओं के असर को जांचने के लिए कई अध्ययन किए गए हैं। अपच को ठीक करने के लिए और पेट में सूजन कम करने के लिए विशेष रूप से, लाइकोपोडियम दवा असरदार सबित हुई है।



पेट में गैस की होम्योपैथिक दवा - Gas ki ramban homeopathic dawa

पेट में गैस के लिए उपयोग की जाने वाली होम्योपैथिक दवाएं नीचे दी गई हैं:


कार्बो वेजीटेबिलिस (Carbo vegetabilis)

सामान्य नाम: वेजीटेबल चारकोल (Vegetable charcoal)

लक्षण: ये दवा अलसी लोगों के लिए अच्छी है, जो मोटे और सुस्त हैं। ये उन लोगों के लिए भी अच्छी है, जिन्हें पहले हुई कोई बीमारी अभी तक ठीक नहीं हो पाई है। निम्नलिखित लक्षणों के लिए ये दवा अच्छी है:

पेट में भारीपन और डकार आना।

पेट में दर्द, जैसे वज़न उठाने से होता है।

पेट फूलने और दर्द के कारण पेट में खिंचाव।

लेटने पर दर्द बढ़ जाना।

उनींदापन।

खाने-पीने के बाद लगातार डकार आना।

दुर्गंध वाली खट्टी डकार।

पेट, पीठ और रीड़ की हड्डी में जलन।

पेट में खिंचाव।

पेट दर्द के साथ ऐंठन, जिसके कारण व्यक्ति झुक जाता है।

पेट फूलने के कारण सांस फूलना। 

मीट, दूध और फैट वाला खाना खाने की इच्छा न होना।

पेट के ऊपरी क्षेत्र में हाथ लगाने से दर्द होना।

हल्का खाना खाने से भी पेट में खिंचाव होना।

कमर और पेट पर टाइट कपडे न पहन पाना।

 

सिनकोना ऑफिसिनैलिस (Cinchona Officinalis)

सामान्य नाम: पेरुवीयन बर्क चाइना (Peruvian bark-China)

लक्षण: ये दवा उन लोगों के लिए अच्छी है, जिन्हें ज्यादा चाय पीने से पेट में गैस की समस्या हुई है। नीचे दिए लक्षणों में इस दवा का उपयोग किया जाता है:

पाचन कमजोर होना।

खाने के बाद पेट में वजन महसूस होना।

भूख न लगना।

पेट की साइड में दर्द होना।

पेट फूलना।

मुंह का स्वाद कड़वा होने के साथ खाना पेट से वापिस मुंह में आना।

खाना पचे बिना ही दोबारा भूख लगना।

फल खाने के बाद लक्षण बढ़ जाना।

हिलने-डुलने से फूला हुआ पेट कम होना।

लिवर के क्षेत्र में दर्द।

पित्त की पथरी के कारण पेट में दर्द।

पेट में गैस महसूस होना, जो न ऊपर जाती है न नीचे।

 

लाइकोपोडियम क्लेवेटम (Lycopodium Clavatum)

सामान्य नाम: क्लब मॉस (Club moss)

लक्षण: ये दवा उन लोगों को अधिक सूट करती है, जिन्हें बार-बार पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं। जो लोग अपनी उम्र से बड़े लगते हैं, उनके लिए भी ये दवा अच्छी है। निम्नलिखित लक्षणों के इलाज के लिए इस दवा का उपयोग किया जाता है:

स्टार्च वाले खाने के कारण गैस बनना, जैसे पत्ता गोभी, फलियां आदि।

पेट फूलने के साथ भूख ज्यादा लगना।

थोड़ा सा भी खाने के बाद खाना पेट से मुंह में आना।

मुंह का स्वाद कड़वा होना।

खाने का स्वाद खट्टा लगना।

मीठा खाने की इच्छा होना।

थोड़ा सा खाने के बाद भी पेट भरा हुआ महसूस होना।

ऐसा महसूस होना, जैसे पेट में गैस घूम रही है।

रात के समय भूख लगना।

ठंडे से ज्यादा गरम खाने-पीने का मन करना।

लिवर के क्षेत्र में हाथ लगाने पर दर्द।

पेट में दर्द, जो दाईं से बाईं तारफ जाता है।

शाम को 4 से 8 बजे के बीच लक्षण बदतर होना और चलने पर बेहतर होना।

शरीर की दाईं तरफ लक्षण महसूस होना।

 

नक्स वोमिका (Nux Vomica)

सामान्य नाम: पाइजन नट (Poison nut)

लक्षण: ये दवा हर उम्र के व्यक्ति के लिए असरदार है, लेकिन इसका इस्तेमाल पुरुषों में अधिक किया जाता है। ये उन लोगों के लिए अच्छी है, जो बहुत चिंता करते हैं और हमेशा जल्दी में रहते हैं। नीचे दिए लक्षणों में ये दवा उपयोग की जाती है:

पेट दर्द के साथ पेट में वजन महसूस होना।

पेट फूलना, जो कभी-कभी खाने के बाद बढ़ जाता है।

खट्टे व कड़वे डकार आना।

मतली के साथ उबकाई व उल्टी आना।

पेट पर दबाव डालने पर दर्द।

पेट की ऊपरी तरफ फूलना और दबाव बनना, जैसे पथरी में होता है।

अत्यधिक पेट फूलना।

मुंह से बदबू आना।

उत्तेजक और फैट वाला खाना खाने की इच्छा होना।

अत्यधिक कॉफी पीने के कारण अपच।

डकार व उल्टी करने में दिक्कत।

ज्यादा सोचने से लक्षण बदतर हो जाना।

आराम करने से लक्षण बेहतर होना।

 

नैट्रम कार्बोनिकम (Natrum Carbonicum)

सामान्य नाम: कार्बोनेट ऑफ़ सोडियम (Carbonate of sodium)

​लक्षण: नीचे दिए लक्षणों में इस दवा से राहत मिलती है:

पेट फूलना और हाथ लगाने में दर्द।

सुबह के 5 बजे भूख लगना।

गर्ड होना।

पाचन कमजोर होना, जो थोड़ा सा भी गलत खाने से खराब हो जाता है।

मुंह का स्वाद कड़वा होना।

दूध पीने की बिलकुल इच्छा न होना।

अपच के कारण लगातार डकार आना।

बदहजमी होना, जो सोडा बिस्कुट खाने से बेहतर हो जाती है।

गर्मी में लक्षण बदतर होना।

संगीत सुनने के बाद मायूस महसूस होना।

दस्त होना, जो दूध पीने से बढ़ जाता है।

सटार्च और फैट वाले खाने के कारण पेट फूलना और अपच।

 

पल्सेटिला प्रेटेंसिस (Pulsatilla Pratensis)

सामान्य नाम: विंडफ्लॉवर (Windflower)

लक्षण: ये दवा उन लोगों के लिए अच्छी है, जो स्वभाव में नाज़ुक व चिड़चिड़े होते हैं और उन्हें सिर को ऊंचा रखकर सोना पसंद होता है। ये दवा आयरन कम होने पर भी दी जाती है और महिलाओं में सबसे अच्छे से काम करती है। नीचे दिए लक्षणों को ठीक करने में इसका उपयोग किया जाता है:

पेट फूलना, खासकर फैट वाला खाना खाने के बाद।

फैट वाले व गरम खाने-पीने के कारण सीने में जलन और अपच।

खाने के बाद पेट में खिंचाव महसूस होना, जिसके कारण व्यक्ति को अपने कपडे ढीले करने पड़ते हैं।

प्यास न लगना।

बहुत पहले खाया खाना भी उल्टी में निकल जाना।

खाने के एक घंटे बाद पेट दर्द।

पेट में भारीपन महसूस होना, जैसे पथरी में होता है, खासकर सुबह उठने के बाद।

बहुत ज्यादा भूख लगना।

खाने का स्वाद बहुत समय तक मुंह में रहना, खासकर बर्फ, फल और पेस्ट्री खाने के बाद।

लगातार डकार आने के साथ मुंह का स्वाद खराब होना।

पेट से मुंह में पानी आने के साथ मुंह से बहुत दुर्गंध आना, जो सुबह के समय बदतर हो जाता है।

पेट में दर्द और खिंचाव।

पेट में दर्द के साथ ठंड लगना।

खुली हवा में जाने का मन होना और बाहर जाकर बेहतर महसूस होना।



एंटीमोनियम क्रूडम (Antimonium Crudum)

सामान्य नाम: ब्लैक सल्फाइड ऑफ़ एंटीमनी (Black sulphide of antimony)

लक्षण: नीचे दिए लक्षणों के लिए ये दवा उपयोगी है:

भूख न लगना।

खट्टा व अचार खाने का मन होना, जिससे लक्षण बढ़ जाता है।

कुछ भी खाने के बाद उसी चीज़ का डकार आना।

सीने में जलन, मतली और उल्टी।

ब्रेड और पेस्ट्री खाने से पेट की समास्याएं होना।

गर्मी में और शाम के समय लक्षण बदतर हो जाना।

खाने के बाद पेट फूलना।

सुबह के समय पेट से मुंह में मीठा पानी आना।

जीभ पर सफेद मोटी परत जमना।

बार-बार डकार आना।

शाम को और रात के समय अधिक प्यास लगना।

बच्चे थोड़ा जमा हुआ दूध निकाल सकते हैं और बाद में फिर से दूध न पीना।

अत्यधिक चिड़चिड़ापन।

मोटापे की प्रवृत्ति।

खुली हवा में और आराम करने से लक्षण बेहतर होना।

 

आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum Album)

सामान्य नाम: आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड (Arsenic trioxide)

लक्षण: ये दवा उन लोगों के लिए अच्छी है, जिन्हें दवाओं में विश्वास नहीं है और उन्हें लगता है वे मरने वाले हैं। निम्नलिखित लक्षण अनुभव करने पर इस दवा का उपयोग किया जाता है:

मतली और उल्टी।

खाने को देखना या उसकी गंध भी बर्दाश्त न होना।

समय-समय पर थोड़ा-थोड़ा पानी पीने की प्यास लगना।

पेट में जलन के साथ दर्द।

सीने में जलन।

लगातार डकार आना।

जीभ का साफ होना व सूखना।

थोड़ा सा खाने-पीने पर भी पेट में दर्द होना।

खट्टा खाना, आइसक्रीम और ठंडा पानी पीने के कारण अपच।

सब्जी, खरबूजा, तरबूज और अन्य पानी वाले फल से लक्षण उत्पन्न होना।

दूध पीने का मन करना।

पेट में दर्द और उसका फूलना।

अत्यधिक बेचैनी के साथ दर्द। इसके कारण व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह घूमता रहता है।

होम्योपैथी में पेट की गैस के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me pet ki gas ke liye khan-pan aur jeevanshaili ke badlav

होम्योपैथिक उपचार के साथ आपको जीवनशैली व खान-पान के कुछ बदलाव करने की आवश्यकता होती है, जिसके बारे में नीचे दिया गया है:

क्या करें:

अचानक होने वाली समस्याओं में व्यक्ति को वह चीज़ खाने-पीने के लिए देनी चाहिए, जो उसका मन करे। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को अक्सर वह चीज़ें लेने का मन करता है, जो उसकी हालत में आराम दे सकती हैं, इसीलिए रोगी की इच्छा पूरी करने की सलाह दी जाती है। 

अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से कुछ शारीरिक कार्य अवश्य शामिल करें।

क्या न करें:

ऐसी चीज़ें खाने-पीने से दूर रहें, जिनके कारण दवाओं के कार्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि इन्हें पहले ही बहुत कम खुराक में दिया जाता है। ये चीज़ें हैं:

जड़ी बूटी और मसाले।

औषधीय गुण वाले टूथपेस्ट व माऊथवॉश।

परफ्यूम और तेज गंध वाले फूल।

तेज मसाले वाला खाना और सॉस। 

स्ट्रांग कॉफी या हर्बल चाय।

आइसक्रीम जैसे जमे ठंडे पदार्थ।

रोगी को परेशान न करें और उसे किसी तरह का मानसिक तनाव न होने दें।

सुस्त जीवनशैली न अपनाएं, दोपहर के समय ज्यादा देर तक सोना रोगी के लिए सही नहीं है।

दवाओं को सीधी धूप में न रखें।

पेट में गैस के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Pet ki gas ke homeopathic ilaj ke nuksan aur jokhim karak

होम्योपैथिक दवाएं बहुत ही सुरक्षित होती हैं और ये बीमारी के लक्षणों के साथ-साथ व्यक्ति को कोई और समस्या होने की संभावना को भी ठीक करती हैं। वैसे तो इन दवाओं के कोई दुष्प्रभाव अभी तक सामने नहीं आए हैं, लेकिन कोई भी होम्योपैथिक दवा लेने से पहले आपको एक योग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

अगर इन दवाओं को अधिक मात्रा में लिया जाए, तो इनके कुछ प्रभाव हो सकते हैं। अगर आपको उपचार के दौरान तेज पेट दर्द, उल्टी, रक्तस्राव या वजन कम होने की समस्याएं अनुभव हों, तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए

पेट में गैस के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Pet ki gas ke homeopathic upchar se jude anya sujhav

पेट में गैस एक ऐसी समस्या है, जो ग्रासनली में अधिक हवा एकत्रित होने के कारण होती है। अपच, पेट में गैस होने का सबसे बड़ा कारण है। हालांकि, ये समस्या ज्यादा खाने से, जल्दी खाने से, शराब व गैस युक्त पदार्थ लेने से और फैट व स्टार्च वाला खाना खाने से भी होती है।

होम्योपैथिक दवाएं बहुत सुरक्षित हैं, चाहे इन्हें किसी अन्य उपचार के साथ लिया जाए या अकेले। हालांकि, इन दवाओं को एक योग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए।


अस्वीकरण: इस  पर उपलब्ध सभी जानकारी और लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं।   चिकित्सा परीक्षण और उपचार के लिए हमेशा एक योग्य चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए

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