[2/9, 01:13] Dr.J.k Pandey: जब मरीज हॉस्पिटल में भर्ती रहकर इलाज करा रहा होता है और उसके स्वास्थ में कोई सुधार नहीं होता है तथा उसके इलाज के लिए जरूरी सुविधा हॉस्पिटल में नहीं मिल पाती तब मरीज को हायर सेंटर के लिए रेफर किया जाता है जिसमे मरीज के जरूरत के हिसाब से सम्बुलेन्स की जरूरत पड़ती है तब मरीज के परिजन का दायित्व बनता है की एम्बुलेंस कैसे मिले उसकी व्यवस्था कैसे की जाये कौन सी एम्बुलेंस की जाये जिससे मरीज सही सलामत हायर सेंटर पहुंच जाये मरीज के परिजन को निम्न बातों का ध्यान रखते हुए एम्बुलेंस की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे वो परेशानियों से बच सकता है
[2/9, 01:19] Dr.J.k Pandey: 1:सबसे पहले मरीज के परिजन को मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर से संपर्क कर पता कर लेना चाहिए की मेरे मरीज को कौन सी एम्बुलेंस की जरूरत है I.C.C.U.अथवा सिंपल ट्रांसपोर्टिंग एम्बुलेंस की और एम्बुलेंस की व्यवस्था कैसे करे इसके बाद एम्बुलेंस की व्यवस्था में आगे बढे
[2/9, 01:22] Dr.J.k Pandey: 2:कभी भी एजेंट के द्वारा एम्बुलेंस न करे नहीं तो आपको एम्बुलेंस महगी पड़ेगी यह मेरा खुद का अनुभव है .
[2/9, 01:26] Dr.J.k Pandey: 2:एक ही एम्बुलेंस संचालक से बात न करे बल्कि दो तीन एम्बुलेंस संचालको से बात करे तथा दूरी के हिसाब से एम्बुलेंस रेट तय करे .
[2/9, 01:30] Dr.J.k Pandey: 4:एम्बुलेंस तय करने से पहले अच्छी तरह से अम्बुलन्स की क्वालिटी के बारे में संचालक से निश्चित कर लें जैसे ऑक्सीजन की उपलब्धता मेडिकल इक्विपमेंट इमरजेंसी मेडिसिन
[2/9, 01:35] Dr.J.k Pandey: 5:एम्बुलेंस तय होने के बाद मरीज को शिफ्ट करने से पहले यह जरूर निश्चित कर ले की एम्बुलेंस चालक नशा करने वाले न हो तथा लाइसेंस धारी हो इसके साथ टेक्निशन की क्वालिफिकेशन जरूर देखले
[2/9, 01:38] Dr.J.k Pandey: ध्यान रहे एम्बुलेंस का किराया जाने तथा आने दोनों बार का लिया जाता है अतः यदि ले जाते समय मरीज की रास्ते में मौत हो जाती है तो किसी भी हालत में वापसी का किराया नहीं देना है
[2/9, 01:40] Dr.J.k Pandey: एम्बुलेंस संचालक या चालक द्वारा जबरजस्ती करने पर बराबर डायल 100की सहायता ली जा सकती है
[2/9, 01:43] Dr.J.k Pandey: इन बातो का ध्यान यदि मरीज के परिजन दे तथा अपने अधिकारों का उपयोग करना सीखे तो बहुत हद तक ठगी एवं परेशानियों से बचा जा सकता है
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