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AMBULANCE AWARENESS



 [2/9, 12:15] Dr.J.k Pandey: जब किसी छोटे हॉस्पिटल में भर्ती मरीज का इलाज चल रहा होता है और मरीज  को  आराम नहीं मिलता है उसकी तबियत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जाती है तब मरीज के परिजन को मरीज को हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी जाती तब परिजन के दिमाग में एक ही बात आती है की मरीज को हायर सेंटर में शिफ्ट कैसे किया जाये तब उसका सबसे बेहतरीन उपाय है एम्बुलेंस एम्बुलेंस ही एक माध्यम है जिसके द्वारा मरीज को एक हॉस्पिटल से दुसरे हॉस्पिटल सुरक्षित पहुंचाया जा सकता है अब बात आती है एम्बुलेंस कहा मिलेगी तो अब बताता हु एम्बुलेंस कैसे करना है

[2/9, 12:18] Dr.J.k Pandey: 1:मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर से मरीज की स्थिति के बारे में परिजनों को समझना चाहिए इसके बाद कौन सी एम्बुलेंस की जरूरत है वो निर्णय होगा .

[2/9, 12:22] Dr.J.k Pandey: 2:यदि मरीज को लाइफ सेविंग मेडिसिन इन्फुजन पंप के द्वारा चलाई जा रही है मरीज वेंटीलेटर सपोर्ट में है तब उसको I.C.C.U एम्बुलेंस की आवस्यकता है अन्यथा नहीं .

[2/9, 12:29] Dr.J.k Pandey: 3:ध्यान रहे मरीज की शिफ्टिंग हमेशा एम्बुलेंस के द्वारा ही करना चाहिए वही सुरक्षित तरीके से एक हॉस्पिटल से दुसरे हॉस्पिटल पंहुचा सकती है क्योकि एम्बुलेंस ही सही समय में पंहुचा सकती है ऐसी स्थिति में एक एक पल महत्वपूर्ण होता है .

[2/9, 12:33] Dr.J.k Pandey: 4:यदि मरीज को लाइफ सपोर्टिंग मेडिसिन नहीं चल रही रही है मरीज बिना वेंटीलेटर सपोर्ट के है तो निश्चित ही आपका मरीज सिंपल एम्बुलेंस में ले जाया जा सकता है यहाँ पर सिंपल एम्बुलेंस और I.C.C.U.एम्बुलेंस इस्सलिये बताया जा रहा है क्योकि दोनों के किराये में बहुत अंतर है

[2/9, 12:38] Dr.J.k Pandey: 5:अतः मरीज के परिजन डॉक्टर द्वारा अपने मरीज की स्वस्थ्य स्थिति भलीभांति समझ कर ही कौन सी एम्बुलेंस करना है निर्णय ले सिंपल एम्बुलेंस किलोमीटर के रेट में भी उपलब्थ रहती हैं इन सब बातों का ध्यान रखते हुए मरीज के परिजन परेशानी एवं असुविधा से बच सकते हैं

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