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VAGINAL CANDIDIASIS AND HOMOEOPATHY

 योनि में यीस्ट संक्रमण की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for vaginal yeast infection in hindi योनि में यीस्ट संक्रमण की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for vaginal yeast infection in hindi योनि में यीस्ट संक्रमण (वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन) को कैंडिडिआसिस के रूप में भी जाना जाता है। यह महिलाओं में होने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है। चार में से तीन महिलाएं अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार इस संक्रमण से प्रभावित होती हैं। यह संक्रमण कैंडिडा अल्बिकंस नामक कवक के अतिवृद्धि के कारण होता है। जो गर्भवती व कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाली महिलाएं गर्भनिरोधक या एंटीबायोटिक्स गोलियां ले रही हैं, उनमें इस संक्रमण का जोखिम ज्यादा होता है। योनि में यीस्ट संक्रमण के सामान्य लक्षणों में पेशाब के दौरान दर्द, यौन संबंध बनाते समय दर्द, योनि के बाहरी भाग में लालिमा और सूजन, योनि और लेबिया (योनि की भीतरी और बाहरी तह) में जलन और खुजली, पानी निकलना शामिल हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर मलहम, क्रीम या टैबलेट लेने की सलाह दे सकते हैं। योनि में यीस्ट संक्रमण

थायराइड की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Thyroid in Hind

 थायराइड की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Thyroid in Hind थायराइड, तितली के आकार की एक ग्रंथि है जो गले के आगे के हिस्से में स्थित होती है। ये ग्रंथि अलग-अलग प्रकार के हार्मोन बनाती है, जैसे ट्राईआयोडोथायरोनिन टी 3 (Triiodothyronine - T3) और थायरोक्सिन टी 4 (Thyroxine - T4) आदि। ये हार्मोन व्यक्ति के विकास व मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करते हैं और कैल्सीटोनिन नामक हार्मोन हड्डियों में मिनरल्स को बनाए रखने में मदद करता है। दिमाग की एक ग्रंथि (पिट्यूटरी ग्रंथि) की प्रतिक्रिया से थायराइड के हार्मोन नियंत्रित होते हैं। पिट्यूटरी ग्रंथि इन हार्मोन को नियंत्रित करने के लिए थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) बनाती है, जो खून में मौजूद टी - 3 और टी - 4 हार्मोन की मात्रा को कम-ज्यादा करता है। जब खून में टी - 3 और टी - 4 हार्मोन का स्तर अधिक हो जाता है और टीएसएच का स्तर कम होता है, तो उसे थायराइड बढ़ना (हायपरथायरॉइडिज़्म) कहते हैं। इसके विपरीत, टी - 3 और टी - 4 का स्तर अधिक होना व टीएसएच कम होना थायराइड कम होना (हाइपोथायरॉइडिज़्म) कहलाता है। थायराइड बढ़ने व घटने के

Pleural Effusion in Hindi

 फुफ्फुस बहाव - Pleural Effusion in Hindi प्लूरल इफ्यूजन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें फेफड़ों के बाहर असामान्य मात्रा में द्रव इकट्ठा हो जाता है। ऐसे कई रोग हैं जिनके कारण यह समस्या होने लग जाती है और ऐसी स्थिति में फेफड़ों के आस-पास जमा हुऐ द्रव को निकालना पड़ता है। इस इस स्थिति के कारण के अनुसार ही इसका इलाज शुरु करते हैं।  प्लूरा (Pleura) एक पत्ली झिल्ली होती है, जो फेफड़ों और छाती की अंदरुनी परत के बीच में मौजूद होती है। जब फुफ्फुसीय बहाव होता है, प्लूरा की परतों के बीच की खाली जगह में द्रव बनने लग जाता है। सामान्य तौर पर प्लूरा की परतों के बीच की खाली जगह में एक चम्मच की मात्रा में द्रव होता है जो आपके सांस लेने के दौरान फेफड़ों को हिलने में मदद करता है। फुफ्फुस बहाव क्या है - What is Pleural Effusion in Hindi प्लूरल इफ्यूजन के लक्षण - Pleural Effusion Symptoms in Hindi फुफ्फुस बहाव के कारण व जोखिम कारक - Pleural Effusion Causes & Risk Factors in Hindi प्ल्यूरल इफ्यूजन से बचाव - Prevention of Pleural Effusion in Hindi फुफ्फुस बहाव का परीक्षण - Diagnosis of Pleural Effusion in Hind

pneumonia in hindi and homoeopathy

 [3/22, 15:18] Dr.J.k Pandey: क्या होता है निमोनिया? जानिएं इसके लक्षण और बचाव के उपाय! pneumonia in hindi क्या होता है निमोनिया? जानिएं इसके लक्षण और बचाव के उपाय! सर्दी का मौसम शुरू होते ही जुकाम और खांसी से जुड़ी बीमारियों के बढ़ने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। आमतौर पर हम जुकाम और खांसी से तो ठीक हो जाते हैं लेकिन कुछ बीमा​रियां ऐसी होती हैं जो सर्दी में अपना प्रकोप ज्यादा दिखाती हैं। उन्हीं में से एक नाम है निमोनिया संक्रमण। निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जो अधिकतर बच्चोंं में होती है और इससे दुनियाभर में हर साल हज़ारों बच्चों की मृत्यु भी हो जाती है। हालांकि व्यस्क और वृद्धजनों को भी निमोनिया हो सकता है। निमोनिया होने का अधिक खतरा 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों और 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा रहता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसकी समय पर पहचान और उपचार नहीं हो तो यह जानलेवा भी हो सकती है। ऐसे में हमारे लिए इस बीमारी के बारे में जानना आवश्यक है ताकि हम इसके लक्षणों की पहचान कर सके और समय पर उपचार भी ले सकें। निमोनिया क्या होता है? फेफड़ों में संक्रमण का हो जाना निमोनिया कहलात

पेनिस का साइज बड़ाने का होम्योपैथिक तरीका

 [3/22, 23:44] Dr.J.k Pandey: पेनिस का साइज बड़ाने का होम्योपैथिक तरीका [3/23, 00:28] Dr.J.k Pandey: यह आम गलतफहमी है कि यौन आनंद का पेनिस के साइज से कुछ लेना-देना होता है. वैसे तो पेनिस का एक छोटा-सा अपेक्षित आकार चिंता का एक प्रमुख कारण है. ऐसा होने से एक के विश्वास और सम्मान को ठेस पहुँचती है. इस मुद्दे का सालमना करने वाले पुरुष इसे ठीक करने और हर जगह से तय करने के लिए विकल्प तलाशते हैं. हालांकि, कई विकल्प हैं जो आकार बढ़ाने का वादा करते हैं. लेकिन ऐसा हो पाना बहुत मुश्किल होता है. होम्योपैथी इस समस्या के लिए कई विकल्प उपलब्ध कराता है. इससे न सिर्फ तत्काल राहत मिलती है, बल्कि सभी मामलों में होम्योपैथी, मूल कारणों का समाधान करने और व्यक्तिगत रूप से इलाज करने की कोशिश करता है. शीघ्रपतन और शुक्राणुओं की कमी आदि जैसी गंभीर समस्याएं में भी यह कारगर सिद्ध होता हैं. नीचे कुछ दवाईयों की सामग्री बताई गई है जो लिंग के आकार में सुधार करने में प्रयोग होती हैं. इसके अलावा ऐसे कई फार्मूला हैं जो नीचे उल्लिखित सामग्री का उपयोग किए जाते हैं. ये सब जड़ी-बूटी और कामोत्तेजक हैं, जो महाद्वीपों में प्रा

Hemangioma का होम्योपैथिक इलाज

 Hemangioma का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Hemangioma In Hindi ] Hemangioma का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Hemangioma In Hindi हृदय हमारे शरीर के सभी हिस्सों में रक्त पहुंचने का काम करता है। ये रक्त पुरे शरीर में रक्त कोशिकाओं के माध्यम से पूरे शरीर में पहुँचती है। रक्त कोशिकाएँ हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक व महत्वपूर्ण है। यह रक्त कोशिकाएं हमारे शरीर में तभी बनने लगती है जब हम माँ के पेट में होते है। ये रक्त कोशिकाये अगर असामान्य तरीके से बढ़ने लगे तो यह या तो बाहर दिखने लगती है या फिर अंदर ही फोड़े (Tumor) की तरह बन जाती है, इसी Tumor को मेडिकल की भाषा में Hemangioma कहा जाता है। यह Hemangioma नवजात बच्चो को होता है और समय के साथ ठीक होने लगता है लेकिन कुछ स्थितियों में ये ठीक नहीं होता। Hemangioma के कारण Hemangioma बीमारी के मुख्य कारण क्या है वह अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन कुछ तथ्य है जिनको देखा जा सकता है, ये तथ्य के कारण निम्न है:- अनुवांशिक :- यदि माता या पिता को Hemangioma हुआ हो अपने जन्म के समय पर तो बच्चो को भी यह समस्या हो सकती है। जब बच्

उपदंश (सिफलिस) HOMOEOPATHIC TREATMENT

 उपदंश (सिफलिस) HOMOEOPATHIC TREATMENT सिफलिस एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो 'ट्रेपोनेमा पैलिडम' नामक बैक्टीरिया की वजह से होता है। यह एक यौन संचारित रोग है, यानी जब आप सिफिलिटिक छाले से ग्रस्त किसी व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो ऐसे में सिफलिस का खतरा होता है। ये छाले बाहरी जननांगों, योनि, गुदा, मलाशय, मुंह और होंठों पर दिखाई दे सकते हैं। आमतौर पर सिफलिस यौन गतिविधियों की वजह से फैलता है, लेकिन कई बार यह सिफलिस से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क (बिना सेक्स किए) में आने से भी फैल सकता है। यह एक संक्रमित मां से उसके अजन्मे बच्चे में भी फैल सकता है, इस स्थिति को कंजेनाइटल सिफलिस कहते हैं और यह जानलेवा हो सकता है। इसके अलावा यह ब्लड ट्रांसफ्यूजन (खून चढ़ाने) या दूषित सुइयों के माध्यम से फैल सकता है। सिफलिस एक्यूट (अचानक व तेज) और क्रोनिक (धीरे-धीरे व लंबे समय तक प्रभावित करने वाला) दोनों रूप से प्रभावित कर सकता है। इसमें पड़ने वाले छाले शरीर के ज्यादातर अंगों पर देखे जा सकते हैं। एचआईवी और सिफलिस एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। सिफलिस से पीड़ित व्यक्ति जो एचआईवी पॉजिटिव है उनमें पेनिसिलिन से