सोरायसिस: त्वचा के इस रोग से पाएं छुटकारा इन होम्योपैथी उपचारों से सोरायसिस एक इंफ्लेमेटरी स्किन कंडीशन है, जिससे कई लोग प्रभावित होते हैं। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन 11 से 60 साल की उम्र के लोगों में यह अधिक देखी गई है। सोरायसिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है। जो उन परिस्थितियों के समूह से संबंधित है, जहां प्रतिरक्षा प्रणाली(Immune system) अतिसक्रिय होती है और अपनी कोशिकाओं और ऊतकों को प्रभावित करती है। आमतौर पर, हमारी त्वचा की बाहरी परत के नीचे त्वचा की कोशिकाएं बनती हैं। यह कोशिकाएं परिवर्तन के एक चक्र से गुजरती हैं। इसमें यह कोशिकाएं डेड हो जाती हैं और तीन से चार सप्ताह की अवधि के भीतर हटा दी जाती हैं। सोरायसिस की स्थिति में यह प्रक्रिया तेज हो जाती है और कोशिकाएं तीन से चार दिनों के भीतर इस चक्र से गुजर सकती हैं। सोरायसिस के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं जैसे दर्द, खुजली, त्वचा का फटना, जोड़ों में जलन, पस से भरे हुए फोड़े आदि। यह लक्षण प्रभावित व्यक्ति के तनाव का कारण भी बन सकते हैं। सोरायसिस के उपचार के कई तरीके हैं। आज हम बात करेंगे सोरायसिस के लिए होम्योपैथी(Homeopathy for ps
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