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HIGH BLOOD PRESSURE(HYPERTENSION)

 उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) क्या है? उच्च रक्तचाप को हाई ब्लड प्रेशर के रूप में भी जाना जाता है, यह एक ऐसी स्थिति है जहां आपकी धमनी की दीवार से टकराने वाले रक्त का बल अत्यधिक अधिक होता है जिससे हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। रक्तचाप आमतौर पर रक्त के स्तर से निर्धारित होता है जिसे आपका हृदय पंप करता है। यदि आपकी धमनियां संकरी हैं और आपका हृदय अत्यधिक मात्रा में रक्त पंप करता है, तो आपका दबाव अधिक हो जाता है। उच्च रक्तचाप कई वर्षों तक बिना किसी स्पष्ट लक्षण के विकसित हो सकता है, हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी जटिलताओं को जन्म दे सकता है जिसके परिणामस्वरूप समय पर इलाज न होने पर मृत्यु हो सकती है। हाई ब्लड प्रेशर अंततः किसी न किसी समय सभी को प्रभावित करता है। क्या उच्च रक्तचाप एक बीमारी है या स्थिति है? हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है। यह दिल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है, दिल की विफलता(हार्ट फेलियर), सीने में दर्द हो सकता है। यह मस्तिष्क को रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली धमनियों को भी फट या अवरुद्ध कर सकता है, जिससे स्

HEART ATTACK OR (M.I.)

 [3/1, 02:48] Dr.J.k Pandey: दिल के दौरे की संपूर्ण जानकारी: कारण, शुरुआती चतेावनी और उपचार के विकल्प [3/1, 04:10] Dr.J.k Pandey: दिल का दौरा (Heart attack)OR (myocardial infarction) भी कहा जाता है, तब होता है जब हृदय की मांसपेशी के एक हिस्से में पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता है। जितना अधिक आपका ब्लड सर्कुलेशन खराब होगा उतना ही ये हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाता है। कोरोनरी धमनी रोग (Coronary artery disease)। दरअसल,  दिल के दौरे का मुख्य कारण  कोरोनरी धमनी का एक गंभीर ऐंठन, या अचानक संकुचन है, जो हृदय की मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन को रोक सकता है। तो एस नजर डालते हैं हार्ट अटैक के कारण, लक्षण और निवारण पर।  हार्ट अटैक के कारण- दिल का दौरा तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों के एक हिस्से में ऑक्सीजन युक्त रक्त का प्रवाह अचानक अवरुद्ध हो जाता है और हृदय को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है।  (ischemic heart disease) रोग के परिणामस्वरूप होते हैं। ISCHEMIC हृदय रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोरोनरी धमनियों के अंदर पट्टिका नामक एक मोमी पदार्थ बनता है। ये धमनियां आपके दिल को ऑक्सीजन य

HEART,STRUCTURE AND FUNCTION

 [3/1, 00:05] Dr.J.k Pandey: मानव ह्रदय क्या है? (Definition of Human Heart in Hindi) इंसानी ह्रदय या दिल  शरीर का वह अंग है जो मुख्यतः हमारे शरीर में रक्तवाह तंत्र की मदद से  खून पंप करने के काम के लिए जाना जाता है। इसके अलावा वह ऊतकों तक ऑक्सीजन व पोषक तत्त्व पहुंचता है एवं कार्बन डाइऑक्साइड तथा दूसरे अपव्यय हो चुके चीजों को निकालने का काम करता है। हमारा दिल एक मिनट में औसत रूप से 70-80/min. धड़कता है। हमारे शरीर के अंगों को कार्य करते रहने के लिए ऑक्सीजन के आपूर्ति की जरुरत होती है। अगर हमारा ह्रदय शरीर के अंगों को सुचारु रूप से रक्त प्रवाहित नहीं करेगा तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। हमारा ह्रदय दोनों फेफड़ों के बीच में, छाती के बीच वाले हिस्से में पाया जाता है। मानव ह्रदय की संरचना : ह्रदय एक ऐसा मांसपेशी है, जिसका आकर मुट्ठी से थोड़ा बड़ा होता है। शरीर के दूसरे मांसपेशियों की तरह यह सिकुड़ता एवं विस्तारित होता रहता है। यह अंग जब भी विस्तारित होता है, पूरे बल के साथ विस्तारित होता है, जबकि दूसरे अंग क्रम के आधार पर विस्तारित होते हैं। जब भी ह्रदय से खून स्पंदित या दूसरे अंगों की ओर पंप

KIDNEY AWARENESS

 [2/28, 20:59] Dr.J.k Pandey: गुर्दे की बीमारी के शुरुआती चेतावनी के लक्षण [2/28, 21:03] Dr.J.k Pandey: हर व्यक्ति के शरीर में दो गुर्दे होते हैं, जो मुख्य रूप से यूरिया, क्रिएटिनिन, एसिड, आदि जैसे नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट पदार्थों को रक्त में से छानने के लिए जिम्मेदार होते हैं। (जो सभी शरीर में चयापचय के उत्पाद हैं) और इस तरह मूत्र का उत्पादन करते हैं। लाखों लोग विभिन्न प्रकार के गुर्दे की बीमारियों के साथ रह रहे हैं और उनमें से अधिकांश को इसके बारे भनक तक नहीं है। यही कारण है कि गुर्दे की बीमारी को अक्सर एक ‘साइलेंट किलर’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि अधिकांश लोगों को बीमारी का पता तब तक नहीं चलता जब तक यह उग्र रूप धारण नहीं कर लेता। जबकि लोग अपने रक्तचाप, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर की नियमित रूप से जांच करवाते रहते हैं, वे अपने गुर्दे की किसी भी समस्या का पता लगाने के लिए अपने रक्त में एक सरल क्रिएटिनिन परीक्षण भी नहीं करवाते। 2015 के ग्लोबल बर्डन डिजीज (GBD) के अध्ययन के अनुसार, क्रोनिक किडनी रोग (CKD) को भारत में मृत्यु दर के आठवें प्रमुख कारणों में से एक के रूप में स्थान दि

RENAL,KIDNEY STONE

 किडनी स्टोन या पथरी के लक्षण, कारण और उपाय Table of Contents किडनी स्टोन या पथरी क्या होती हैं? गुर्दे की पथरी के कारण क्या हैं ? गुर्दा की पथरी के सामान्य कारण किडनी स्टोन या पथरी के लक्षण क्या हैं ? नीचे गुर्दा की पथरी के सामान्य लक्षण गुर्दा की पथरी का निदान कैसे किया जाता है ? पथरी कैसे रोका जा सकता है ? गुर्दे की पथरी के गठन को रोकने के लिए नीचे दिए गए सामान्य तरीके हैं: गुर्दे की पथरी का इलाज कैसे किया जाता है?  पथरी का इलाज ४ तरह से हो सकता है भारत में किडनी में पथरी और यूरेटल पथरी की समस्या बहुत आम बात हो गयी है। 10 में से 1 व्यक्ति को उनके जीवन में पथरी (किडनी स्टोन ) जरूर होता है। आइये जानते हैं किडनी स्टोन या पथरी के लक्षण, पथरी होने के कारण और उपाय क्या है। पथरी पैदा कर  किडनी स्टोन या पथरी के लक्षण, कारण और उपाय Table of Contents किडनी स्टोन या पथरी क्या होती हैं? गुर्दे की पथरी के कारण क्या हैं ? गुर्दा की पथरी के सामान्य कारण किडनी स्टोन या पथरी के लक्षण क्या हैं ? नीचे गुर्दा की पथरी के सामान्य लक्षण गुर्दा की पथरी का निदान कैसे किया जाता है ? पथरी कैसे रोका जा सकता ह

KIDNEY STRUCTURE,FUNCTION

 KIDNEY STRUCTURE AND FUNCTION किडनी की संरचना किडनी (गुर्दा )मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। किडनी की खराबी, किसी गंभीर बीमारी या मौत का कारण भी बन सकता है। इसकी तुलना सुपर कंप्यूटर के साथ करना उचित है क्योंकि किडनी की रचना बड़ी अटपटी है और उसके कार्य अत्यंत जटिल हैं उनके दो प्रमुख कार्य हैं - हानिकारक अपशिष्ट उत्पादों और विषैले कचरे को शरीर से बाहर निकालना और शरीर में पानी, तरल पदार्थ, खनिजों (इलेक्ट्रोलाइट्स के रूप में सोडियम, पोटेशियम आदि) नियमन करना है। किडनी की संरचना किडनी शरीर का खून साफ कर पेशाब बनाती है। शरीर से पेशाब निकालने का कायॅ मूत्रवाहिनी (Ureter), मूत्राशय (Urinary Bladder) और मूत्रनलिका (Urethra) द्वारा होता है। स्त्री और पुरुष दोनों के शरीर में सामान्यत: दो किडनी होती है। किडनी पेट के अंदर, पीछे के हिस्से में, रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ (पीठ के भाग में), छाती की पसलियों के सुरक्षित तरीके से स्थित होती है । किडनी, पेट के भीतरी भाग में स्थित होती हैं जिससे वे सामान्यतः बाहर से स्पर्श करने पर महसूस नहीं होती। किडनी, राजमा के आकर के एक जोड़ी अंग हैं। वयस्कों में एक किड

CKD,RENAL FAILUR

 क्रोनिक किडनी फेल होना क्या होता है? जब कई वर्षों तक धीरे-धीरे ​गुर्दे की कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है, तो उसे क्रोनिक किडनी फेल होना कहा जाता है। इस बीमारी का अंतिम चरण स्थायी रूप से किडनी की विफलता (kidney failure) होता है। क्रोनिक किडनी फेल होने को क्रोनिक रीनल विफलता (chronic renal failure), क्रोनिक रीनल रोग (chronic renal disease) या क्रोनिक किडनी विफलता (chronic kidney failure) के रूप में भी जाना जाता है। जब गुर्दे की कार्य क्षमता धीमी होने लगती है और स्थिति बिगड़ने लगती है, तब हमारे शरीर में बनने वाले अपशिष्ट पदार्थों और तरल की मात्रा खतरे के स्तर तक बढ़ जाती है। इसके उपचार का उद्देश्य रोग को रोकना या धीमा करना होता है - यह आमतौर पर इसके मुख्य कारण को नियंत्रित करके किया जाता है। क्रोनिक किडनी रोग लोगों की सोच से कहीं अधिक विस्तृत है। जब तक यह रोग शरीर में अच्छी तरह से फैल नहीं जाता, तब तक इस रोग या इसके लक्षणों के बारे में कुछ भी पता नहीं चलता। जब किडनी अपनी क्षमता से 75 प्रतिशत कम काम करती है, तब लोग यह महसूस कर पाते हैं कि उन्हें गुर्दे की बीमारी है। किडनी फेल होने के चर