[3/8, 11:55] Dr.J.k Pandey: Dr.J.K.Pandey B.Sc,BHMS
5 best homeopathic medicines for migraine
माइग्रेन सर में होने वाली बीमारीओं में सब से अधिक देखा जाता है। माइग्रेन की वजह से कई बार इतना सरदर्द होता है कि रोगी कुछ भी और करने में असमर्थ रहता है। माइग्रेन सरदर्द के होम्योपैथिक इलाज की बात करने से पहले हम समझ लें कि ये क्या बीमारी है और क्यूँ होती है।
माइग्रेन का अर्थ क्या है ?
माइग्रेन एक प्रकार का सरदर्द है। यह अंग्रेजी के हेमिक्रेनिआ से बना है जिस का अर्थ होता है – एक ओर होने वाला सरदर्द। सामान्यतः लोग यही समझते हैं कि माइग्रेन का दर्द केवल एक ओर ही होता है। यह मान्यता पूरा सच नहीं है। कई बार यह दर्द एक ओर होता है और कई बार सारे सर में दर्द होता है।
माइग्रेन क्या होता है ?
माइग्रेन में सरदर्द टीस मारने वाला या यूँ कहें की धड़कने वाला होता है। कई बार ऐसा महसूस होता है जैसे सर फट रहा हो। सामान्यतः यह दर्द एक ओर ही होता है। बहुत से लोगों को पूरे सर में भी दर्द रहता है। कई बार दर्द एक ओर से दूसरी ओर बदलता रहता है। एक बार दर्द बाईं ओर हुआ तो अगली बार दर्द दाईं ओर हो जाता है।
माइग्रेन के लक्षण
माइग्रेन के लक्षण इस प्रकार हैं –
1. दर्द कई घंटों तक चलता है और कई बार तो यह दर्द कई दिन भी चलता रहता है।
2. माइग्रेन का दर्द बार बार होता रहता है। हर कुछ दिन के बाद वही दर्द फिर से प्रारम्भ हो जाता है। कुछ घंटों तक चलने के बाद यह दर्द ठीक हो जाता है और फिर से कुछ दिनों में हो जाता है। कई बार बहुत समय तक कोई दर्द नहीं होता मानो कभी माइग्रेन नाम की चीज़ होती ही नहीं।
3. यह दर्द टीस मारने वाला होता है या यूँ कहें कि जैसे कुछ धड़क रहा हो।
4. दिल कच्चा होना या उल्टी आना अकसर देखा जाता है।
5. रोगी किसी भी प्रकार से रौशनी या शोर सह नहीं पाता है। लोग ऐसे में किसी अँधेरे कमरे में ही रहना पसंद करते हैं।
6. कुछ लोगों को सोने से आराम मिल जाता है और माइग्रेन ठीक हो जाता है।
7. कुछ लोगों में सरदर्द के आरम्भ होने से पहले औरा प्रारम्भ होता है। उन्हें तेज़ रोशनी दिखती है या आँखों में अंधापन होता है या हाथों पैरों में चींटियाँ चलने के एहसास होता है।
माइग्रेन क्यूँ होता है या माइग्रेन के कारण
चाहे मैडिकल साइंस बहुत तरक्की कर चुकी है, आज तक माइग्रेन का सटीक कारण पता नहीं चल पाया है। लेकिन कुछ ऐसी चीज़ों के बारे में ज़रूर पता चल पाया है जो इसे बढ़ाती हैं। पाया गया है कि निम्नलिखित बातों से माइग्रेन का सरदर्द बढ़ता है –
मानसिक तनाव से माइग्रेन का सरदर्द बढ़ता है। यह हर रोगी ने महसूस किया है कि तनाव किसी भी कारण से हो, वह सरदर्द को बढ़ाता है।
धूप में जाने से माइग्रेन का सरदर्द आरम्भ हो जाता है और अगर पहले से हो रहा हो तो अधिक हो जाता है।
नींद न आने से भी माइग्रेन बढ़ शुरू हो जाता है।
भूख लगने पर यदि समय पर खाना न खाया जाए तो उससे भी माइग्रेन आरम्भ हो जाता है।
ऊंची आवाज़ या शोर आम तौर पर माइग्रेन का कारण बन जाता है।
स्त्रियों में मासिक धर्म से पहले और उन दिनों में भी माइग्रेन अधिक होता है।
माइग्रेन के लिए घरेलू इलाज
इंटरनेट पर बहुत से घरेलू इलाज बताये जाते हैं। इन में इलायची, अदरक, सेब का सिरका, बर्फ लगाना आदि शामिल हैं। हमारे अनुभव में इन में से कोई भी इलाज माइग्रेन को स्थाई रूप से ठीक करने में समर्थ नहीं है। कुछ लोगों को अल्प काल के लिए इन से थोड़ा आराम मिल सकता है परन्तु हर रोगी को नहीं मिलता। इन में से माइग्रेन को जड़ से या पूरी तरह से ठीक करने में से कोई भी समर्थ नहीं है।
माइग्रेन का स्थाई उपचार सम्भव है
जब माइग्रेन का दर्द हो तब आप एक सरदर्द की गोली ले लें , यह सरदर्द का स्थाई उपचार नहीं है। हर कुछ दिन के बाद फिर से दर्द होगा और आप को फिर से पेनकिलर दवा लेनी पड़ेगी। यह सिलसिला सालों साल चलता रहता है। इसी लिए मैंने कहा है की यह स्थाई उपचार नहीं है। यह तो केवल तत्कालिक राहत मात्र है।
होम्योपैथिक दवाएं माइग्रेन का स्थाई उपचार करने में समर्थ हैं। लोग अक्सर सोचते है कि ये छोटी छोटी गोलियां क्या कर पाएंगी जब इतनी बड़ी बड़ी पेनकिलर्स कुछ नहीं कर पाईं। इसी वजह से वे होम्योपैथिक चिकित्सा के बारे में सोचते भी नहीं। यह बहुत बड़ी भूल है। होम्योपैथी की छोटी छोटी गोलियां माइग्रेन के सरदर्द को जड़ से ठीक करने में पूरी तरह सक्षम हैं। कुछ ही माह का उपचार ऐसे रोगियों के भ्रम को दूर करने के लिए बहुत है। वे भूल जाते हैं कि उन्हें कभी माइग्रेन का सरदर्द होता था।
माइग्रेन का होम्योपैथिक उपचार
मैंने अपने 15 साल से भी अधिक के अनुभव में माइग्रेन के इलाज के लिए 50 से भी अधिक दवाओं का प्रयोग किया है। किस रोगी को कौन सी होम्योपैथिक दवा ठीक कर पाएगी, यह निर्भर करता है उस रोगी में पाए जाने वाले लक्षणों पर। उसे यह माइग्रेन किस कारण से हो रहा है, यह भी देखना आवश्यक है। मानसिक तनाव इस का एक महत्वपूर्ण कारण होता है तथा उसे दूर करना भी आवश्यक होता है। यहां समय और जगह के अभाव में जो 5 दवाएं सबसे अधिक प्रयोग में लाई जाती हैं, उन के बारे में बताया जा रहा है।
माइग्रेन की 5 सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवाएं
बेलाडोना – टीस वाली दर्द के साथ होने वाले माइग्रेन के लिए सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा
ग्लोनाइन – खून के ठहराव के साथ होने वाले माइग्रेन के लिए सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा
नेट्रम मयूर – शोक या उदासी से होने वाले माइग्रेन के सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा
सेंग्विनारिआ – दाईं ओर होने वाले माइग्रेन के लिए सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा
स्पाइजिलिआ – बाईं ओर होने वाले माइग्रेन के लिए सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा
इस का ये अर्थ नहीं है की केवल यही 5 दवाओं से माइग्रेन के हर रोगी को ठीक किया जा सकता है। अकसर इन से भिन्न दवाओं का प्रयोग करना पड़ता है। वह रोगी के लक्षणों पर निर्भर करता है।
बेलाडोना – टीस वाली दर्द के साथ होने वाले माइग्रेन के लिए सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा
माइग्रेन के लिए प्रयोग होने वाली होम्योपैथिक दवाओं में से बेलाडोना सबसे अधिक प्रयोग होने वाली दवा है। सरदर्द बहुत भयंकर और टीस मारने वाला होता है। माथे में तीस मारने वाला दर्द होता है। दर्द अचानक शुरू हो जाता है।
यह दर्द शोर, रोशनी और किसी भी स्पर्श से बढ़ता है। ठंडी हवा लगने से भी दर्द बढ़ता है। सर को ज़ोर से दबाने से दर्द में आराम मिलता है। चेहरा लाल और गर्म रहता है। रोगी लेटना पसंद नहीं करता है क्यूंकि लेटने से दर्द बढ़ जाता है।
ग्लोनाइन – खून के ठहराव के साथ होने वाले माइग्रेन के लिए सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा
जब सरदर्द खून के ठहराव से होता हो तो ग्लोनाइन माइग्रेन के लिए सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा है। सर की ओर खून का दौरा बढ़ जाता है। चेहरे और सर पर लाली और गर्मी महसूस की जाती है। नब्ज़ के चलने के साथ साथ टीस जैसी तीखी दर्द महसूस होती है। धूप में जाने से दर्द अधिक होता है। रोगी सर के आस पास किसी भी प्रकार की गर्मी सह नहीं पाता है। सर को ढकना भी अच्छा नहीं लगता।
नेट्रम मयूर – शोक या उदासी से होने वाले माइग्रेन के सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा
नेट्रम मयूर किसी भी प्रकार के शोक, उदासी या तनाव से होने वाले सरदर्द के लिए सर्वोत्तम दवा है। खून की कमी से होने वाले सरदर्द के लिए भी यह उत्तम दवा है। किशोर उम्र की लड़कियों में यह सरदर्द अकसर देखा जाता है।
सरदर्द के साथ तात्कालिक अंधापन भी हो सकता है। ऐसा महसूस होता है कि आँखों की रोशनी चली गई हो परन्तु यह कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाता है। कई बार दर्द ऐसा होता है मानो सर में सैंकड़ों हथोड़ियाँ मार कर रही हों। सूर्य के साथ सरदर्द बढ़ता और घटता है। दिन में सरदर्द अधिक होता है तथा शाम को दर्द कम हो जाता है। चेहरा पीला सा पड़ जाता है। आँखों पर ज़ोर पड़ने के कारण भी सरदर्द बढ़ता है।
सेंग्विनारिआ – दाईं ओर होने वाले माइग्रेन के लिए सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा
दाईं ओर होने वाले सरदर्द के लिए सेंग्विनारिआ एक सर्वोत्तम दवा है। दर्द अमूमन सर के पिछले भाग से आरम्भ होता है और आगे आकर दाईं आँख पर ठहर जाता है। ऐसा मालूम होता है मानो सर और माथे की नसें मानो सूज गई हों।
सरदर्द सामयिक होता है और बार बार एक ही समय पर होता रहता है जैसे कई लोगों में हर सप्ताह होता है। लेट जाने से और सोने से आराम मिलता है।
स्पाइजिलिआ – बाईं ओर होने वाले माइग्रेन के लिए सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा
स्पाइजिलिआ बाईं ओर होने वाले सरदर्द के लिए सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा है। इस दवा में सरदर्द बाईं आँख पर आकर ठहर जाता है। ऐसा महसूस होता है जैसा किसी ने कस के कोई धागा सर के चारों ओर से बाँध दिया हो। स्पर्श से और चलने से यह दर्द बढ़ता है।
[3/8, 11:58] Dr.J.k Pandey: उपचार के बाद के दिशानिर्देश क्या हैं?
यह अपेक्षाकृत तनाव मुक्त जीवन शैली का नेतृत्व करने के लिए अनुशंसित है क्योंकि तनाव सबसे आम कारकों में से एक है जो अटैक को ट्रिगर कर सकता है। इसके अलावा, नियमित नींद जिसमें पर्याप्त मात्रा में नींद शामिल होता है, उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिन्हें माइग्रेन का इतिहास है।
क्या माइग्रेन आपको दुर्बल बना सकता है?
अध्ययनों से पता चला है कि जिन लोगों को हर महीने बार-बार माइग्रेन होता है, वे डिप्रेशन और चिंता विकारों से पीड़ित हो सकते हैं। माइग्रेन और मानसिक समस्याओं के बीच एक सामान्य कड़ी मौजूद है, बार-बार माइग्रेन भी मानसिक बीमारी की शुरुआत का लक्षण हो सकता है।
अधकपारी ठीक होने में कितना समय लगता है?
माइग्रेन की रोकथाम हमेशा बीमारी से पूर्ण मुक्ति सुनिश्चित नहीं करती है; यह हमलों की आवृत्ति और गंभीरता को कम करने की दिशा में अधिक लक्षित है। एक हमले से पीड़ित व्यक्ति को सबसे खराब स्थिति में ठीक होने में 4 घंटे से लेकर लगभग 72 घंटे तक का समय लग सकता है।
भारत में माइग्रेन के इलाज की लागत कितनी है?
उपचार की लागत रोगी के उपचार के विशेष रूप के आधार पर भिन्न होती है। पारंपरिक दवाओं की अधिक लागत नहीं है; नए पेश किए गए बोटोक्स उपचार की कीमत लगभग 19,200 रु से 38,400 रु है।
क्या उपचार के परिणाम स्थायी हैं?
माइग्रेन अक्सर वयस्कों में एक पुरानी स्थिति है। रोकथाम चिकित्सा अटैक की आवृत्ति, गंभीरता और दीर्घायु को कम कर सकती है, लेकिन सिरदर्द पूरी तरह से नहीं होता है।
माइग्रेन में क्या खाएं?
माइग्रेन के लक्षणों को नियंत्रित करने में भोजन प्रमुख भूमिका निभाता है। ऐसी स्थितियों में जिन खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए उनमें मिनरल्स, विटामिन और फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल हैं। उनमें शामिल हैं:
मैग्नीशियम सामग्री से भरपूर भोजन जैसे एवोकैडो, टूना, और हरी, और पत्तेदार सब्जियां।
मछली जैसे सैल्मन और सार्डिन, बीज और फलियां जो ओमेगा -3 फैटी एसिड स्रोत हैं।
कुछ केटोजेनिक खाने में कम कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ के साथ-साथ वसा सामग्री से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
कैफीन के स्रोतों में कॉफी का सेवन शामिल है। लेकिन कैफीन की मात्रा को सावधानी से लिया जाना चाहिए क्योंकि अधिक मात्रा एक ट्रिगर कारक के रूप में भी काम कर सकती है।
सफेद ब्रेड, नमकीन पटाखे, और नाशपाती जो नरम होते हैं, सहित खाद्य पदार्थ भी अच्छी तरह से काम कर सकते हैं।
ताजे फल और सब्जियां।
चिकन, बीफ, मछली, सूअर का मांस और टर्की।
तिल, कद्दू और खसखस जैसे बीज।
माइग्रेन में क्या नहीं खाना चाहिए?
चूंकि माइग्रेन के प्रबंधन में खाद्य पदार्थों की सकारात्मक और नकारात्मक दोनों भूमिकाएँ होती हैं, इसलिए हमारे लिए उन खाद्य पदार्थों के बारे में जानना महत्वपूर्ण है जो स्थिति को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं और ट्रिगर करने वाले कारकों के रूप में कार्य करते हैं। उनमें से कुछ खाद्य पदार्थों में शामिल हैं:
अनाज, अनाज और ब्रेड के स्रोत जिनमें क्रैकर्स, पिज्जा, सफेद ब्रेड, चिप्स शामिल हैं।
प्रोटीन के स्रोत जैसे फ्लेवर्ड पॉपकॉर्न, बीफ और चिकन के लीवर, मैरीनेट किए गए मीट और ब्रेडेड और नट बटर।
अल्फ्रेडो सॉस और सालसा सहित बोतलबंद सलाद ड्रेसिंग और डिप्स।
खट्टे फल जैसे फल और परिरक्षकों के साथ सूखे मेवे।
मैश किए हुए आलू जैसी सब्जियां जो डिब्बे में बंद होकर खाने के लिए तैयार हैं और प्याज।
बीन्स जैसे लीमा और नेवी बीन्स।
माइग्रेन ( अधकपारी ) के घरेलू उपचार क्या हैं?
माथे, गर्दन या खोपड़ी पर आइस पैक रक्त की आपूर्ति को कम करके दर्द से राहत दे सकते हैं।
एसिटामिनोफेन, इबुप्रोफेन या नेप्रोक्सेन जैसी काउंटर दवाओं पर किसी भी नुस्खे की आवश्यकता नहीं होती है और यह अच्छी तरह से ज्ञात दर्द निवारक होता हैं।
कैफीन एक अन्य घटक है जो कॉफी में और कई अन्य खाद्य पदार्थों और पेय में मौजूद होता है जो न केवल सिरदर्द से राहत देता है बल्कि शरीर को एंटी-माइग्रेन दवाओं को आसानी से अवशोषित करने में मदद करता है।
अंधेरे और शांत वातावरण में मदद मिल सकती है क्योंकि तेज रोशनी और तेज आवाज सिरदर्द को खराब कर सकती है।
व्यायाम करने से दर्द से लड़ने वाले एंडोर्फिन रिलीज करने, तनाव से राहत देने और व्यक्ति को अच्छी नींद लेने से माइग्रेन के एपिसोड को रोका जा सकता है। लेकिन यह प्रयास नहीं किया जाना चाहिए, जब एपिसोड चालू है क्योंकि अचानक व्यायाम से सिरदर्द हो सकता है।
हरी सब्जियों, नट्स और साबुत अनाज में पाया जाने वाला मैग्नीशियम माइग्रेन के अटैक को रोकने में मदद करता है।
अच्छी रात की नींद लगभग 7 से 8 घंटे तक अटैक को रोकने में मदद करती है क्योंकि बहुत ज्यादा या बहुत कम नींद ट्रिगर कारक है।
नियमित योगा अटैक की संख्या को कम करते हैं और जब वे होते हैं तो उन्हें कम तीव्र बनाते हैं।
विटामिन बी 2 को दूध, पनीर, मछली और चिकन में पाए जाने वाले राइबोफ्लेविन भी अटैक से बचाता है।
यह पता लगाना कि माइग्रेन के हमले को क्या ट्रिगर करता है और इससे बचना एपिसोड की संख्या को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है। बताए गए कुछ ट्रिगर्स में रेड वाइन, ऐजेड चीज, मीट, चमकदार रोशनी, अधिक ऊंचाई पर रहना और मजबूत गंध हैं।
क्या कॉफी माइग्रेन के लिए अच्छी है?
कैफीन एक सामान्य माइग्रेन उपाय है जो सूजन और सिरदर्द को कम करने में मदद करता है। हालांकि, कॉफी भी माइग्रेन का कारण बन सकती है क्योंकि यह मस्तिष्क को घेरने वाली रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देती है। जब कैफीन का सेवन बंद कर दिया जाता है, तो रक्त वाहिकाओं का विस्तार होता है और माइग्रेन का कारण बनता है।
माइग्रेन के बाद मुझे क्या खाना चाहिए?
माइग्रेन प्रकरण के बाद खाने के लिए भोजन:
चेरी
अदरक वाली चाई
हरी चाय
मैग्नीशियम से भरपूर भोजन जैसे पत्तेदार हरी सब्जियां
न्यूनतम संसाधित भोजन
उपचार के विकल्प क्या हैं?
यदि कोई व्यक्ति क्रोनिक माइग्रेन के दर्द से पीड़ित है और दवाओं के साथ सहज नहीं है, तो वह सिरदर्द से लड़ने के लिए कई अपरंपरागत तरीकों का विकल्प चुन सकता है।
एक्यूपंक्चर एक ऐसा विकल्प है। यह देखा गया है कि यह उपचार, जिसमें एक चिकित्सक परिभाषित बिंदुओं पर त्वचा के कई क्षेत्रों में कई पतली, डिस्पोजेबल सुइयों को सम्मिलित करता है, इस उपचार में सकारात्मक परिणाम हुए हैं।
बायोफीडबैक, मसाज थेरेपी, कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी उनके इलाज के कुछ अन्य गैर-पारंपरिक तरीके हैं। हालांकि अध्ययनों ने मिश्रित परिणाम दिखाए हैं, कुछ प्रमाण हैं कि फीवरफ्यू और बटरबर जैसी जड़ी-बूटियां माइग्रेन की गंभीरता को कुछ हद तक कम करती हैं।
माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए शारीरिक व्यायाम:
फिटनेस और अच्छे स्वास्थ्य को प्राप्त करने के लिए व्यायाम जैसी शारीरिक गतिविधियों की हमेशा आवश्यकता होती है। यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है और माइग्रेन जैसी स्थितियों के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए प्रभावी उपाय साबित हो सकता है। लक्षणों को कम करने और स्थिति को और अधिक गंभीर होने से रोकने के लिए व्यायाम भी अच्छी तरह से काम करते हैं। उनमें से कुछ अभ्यासों में शामिल हैं:
एरोबिक्स में चलना, दौड़ना, टहलना, साइकिल चलाना और क्रॉस-ट्रेनिंग जैसे व्यायाम शामिल हैं। मुख्य सावधानी जो बरतने की आवश्यकता है वह यह है कि इन्हें मध्यम किया जाना चाहिए न कि गंभीर रूप से करना है। माइग्रेन के दर्द के साथ-साथ अवधि की तीव्रता को कम करने में एरोबिक्स की एक सिद्ध भूमिका है।
ब्रिस्क वॉकिंग और डांसिंग।
योग तनाव के स्तर को कम करने में मदद करता है जिसके परिणामस्वरूप माइग्रेन जैसी स्थितियों में सुधार होता है।
ताई-ची, जो दर्द को सहन करने की क्षमता को बढ़ाता है और चिंता और अवसाद को काफी कम करता है।
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