पीरियड्स न आने की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Amenorrhea in Hindi
पीरियड्स न आने की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Amenorrhea in Hindi
बच्चों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और रजोनिवृत्ति से गुजर चुकी महिलाओं में पीरियड्स का न आना सामान्य है। लेकिन जिन महिलाओं में नियमित रूप से मासिक धर्म आते हैं, जब उनमें असामान्य रूप से मासिक धर्म आना बंद हो जाता है, तो इस स्थिति को एमेनोरिया कहते हैं। इसके दो प्रकार हैं - प्राथमिक और द्वितीयक।
प्राथमिक एमेनोरिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें 16 साल की उम्र तक मासिक धर्म शुरू नहीं होता है, लेकिन उसके शरीर का विकास और स्तन का बढ़ना सामान्य रूप से होता है। सेकेंडरी एमेनोरिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें माहवारी शुरू होने के बाद कम से कम 6 महीने तक मासिक धर्म आता है, लेकिन उसके बाद लगातार 3 महीने या इससे ज्यादा समय तक मासिक धर्म नहीं आता है।
एमेनोरिया का सबसे आम कारण विभिन्न अंतर्निहित स्थितियों की वजह से शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन के स्तर में असंतुलन आना है। इसके अलावा निम्नलिखित स्थितियां भी एमेनोरिया का कारण हो सकती हैं :
गर्भाशय, योनि से जुड़ी असामान्यताएं
लंबे समय तक शारीरिक या मानसिक तनाव होना
ब्रेन ट्यूमर
ब्रेन सर्जरी या ब्रेन इंजरी
सामान्य से ज्यादा शारीरिक गतिविधि करना
ईटिंग डिसऑर्डर
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम
आनुवंशिक विकार जैसे टर्नर सिंड्रोम
पर्याप्त मात्रा में भोजन न करना
तेजी से वजन कम या ज्यादा होना
एमेनोरिया के लक्षण इसके अंतर्निहित कारणों पर निर्भर करते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में मतली, सिरदर्द, चेहरे पर अत्यधिक बाल, नजर कमजोर होना, बालों का झड़ना, स्तनों के आकार में बदलाव और स्तन से दूध का स्राव होना शामिल हैं। परंपरागत रूप से, एमेनोरिया का उपचार भी अंतर्निहित कारण पर निर्भर है। इलाज के तौर पर जीवनशैली में जरूरी बदलाव, कुछ दवाएं, हार्मोन थेरेपी और कुछ मामलों में सर्जरी शामिल हैं।
इसके अलावा एमेनोरिया का होम्योपैथिक उपचार भी लिया जा सकता है। एक होम्योपैथिक डॉक्टर व्यक्ति के स्वास्थ्य (मानसिक और शारीरिक दोनों), उम्र, लक्षणों व अन्य जरूरी चीजों को जानने के बाद दवाएं लिखते हैं। कई होम्योपैथिक दवाएं एमेनोरिया और इससे जुड़े लक्षणों के प्रबंधन में उपयोगी हैं। इन दवाओं में कैल्केरिया कार्बोनिका, पल्सेटिला प्रैटेंसिस, पॉलीगोनम हाइड्रोपाइपरॉइड्स, कैलियम कार्बोनिकम, ग्रेफाइट्स, यूफ्रेसिया ऑफिसिनैलिस, सिमिसिफुगा रेसमोसा और एपिस मेलिफिका शामिल हैं।
पीरियड्स न आने की होम्योपैथिक दवा - Amenorrhoea ki homeopathic medicine in Hindi
होम्योपैथी के अनुसार पीरियड्स न आने पर जीवन शैली में बदलाव - Changes according to homeopathy for Amenorrhoea in Hindi
पीरियड्स न आने के होम्योपैथिक उपचार कितने प्रभावी हैं - Homoepathic treatment for Amenorrhoea effectiveness in Hindi?
पीरियड्स न आने की होम्योपैथिक दवा के नुकसान - Disadvantages of homeopathic medicine for Amenorrhoea in Hindi
पीरियड्स न आने का होम्योपैथिक इलाज से संबंधित टिप्स - Tips related to homeopathic treatment for Amenorrhea in Hindi
पीरियड्स न आने की होम्योपैथिक दवा और इलाज के डॉक्टर
पीरियड्स न आने की होम्योपैथिक दवा - Amenorrhoea ki homeopathic medicine in Hindi
निम्नलिखित कुछ होम्योपैथिक उपचार हैं, जिनका उपयोग एमेनोरिया के प्रबंधन के लिए किया जाता है :
कैल्केरिया कार्बोनिका
सामान्य नाम : कार्बोनेट ऑफ लाइम
लक्षण : एमेनोरिया को नियंत्रित करने के लिए 'कार्बोनेट ऑफ लाइम' एक उपयोगी औषधि है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन में भी मदद करती है :
जननांगों में जलन और खुजली महसूस होना
डिम्बग्रंथि वाले हिस्से (पेट का निचला हिस्सा) में दर्द जो हाथ-पैरों तक फैलता है।
गर्भाशय में ट्यूमर
योनि में दर्द
योनि से अत्यधिक सफेद या पीले रंग का स्राव होना
पीठ के निचले हिस्से में दर्द
यह लक्षण बरसात के मौसम में, शारीरिक और मानसिक थकान से, सीढ़ियां चढ़ने और ठंड से बिगड़ जाते हैं, जबकि दर्द वाले हिस्से के बल लेटने और शुष्क मौसम में रोगी को अच्छा लगता है।
पल्सेटिला प्रैटेंसिस
सामान्य नाम : विंड फ्लॉवर
लक्षण : पल्सेटिला प्रैटेंसिस मुख्य रूप से उन व्यक्तियों में प्रयोग किया जाता है जो लगातार लक्षणों में बदलाव नोटिस करते हैं। यह ऐसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है जो पहली बार प्यूबर्टी (यौवनावस्था) में दिखाई देते हैं। यह उपाय निम्नलिखित लक्षणों को प्रबंधित करने में भी सहायक है
उबकाई और ठंड लगना
पीठ दर्द
पेट दर्द
थकान
आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया
सिर में चुभन जैसा दर्द, खासकर अधिक काम करने के कारण
यह लक्षण शाम को, दर्द वाले हिस्से के बल या बाएं तरफ करवट करके लेटने, वसायुक्त भोजन करने और गर्म महौल में रहने से खराब हो जाते हैं। ठंडे खाद्य और पेय पदार्थों का सेवन करने, खुली हवा में समय बिताने और ठंडी सिकाई से इन लक्षणों में सुधार होता है।
पॉलीगोनम हाइड्रोपाइपरॉइड्स
सामान्य नाम : हाइड्रोपाइपर
लक्षण : हाइड्रोपाइपर का उपयोग मुख्य रूप से युवा लड़कियों में एमेनोरिया के प्रबंधन के लिए किया जाता है, लेकिन यह निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन में भी असरदार है :
मतली और जकड़न (गैस की तरह ऐंठन) पेट में दर्द
ऐसा महसूस होना जैसे कूल्हे खिंच रहें हो
कूल्हों में दर्द और रीढ़ के निचले हिस्से के दोनों तरफ दर्द
स्तनों में तेज दर्द
श्रोणि (पेल्विक) वाले हिस्से में भारीपन व तनाव महसूस करना
कैलियम कार्बोनिकम
सामान्य नाम : पोटेशियम कार्बोनेट
लक्षण : यह उपाय दर्द में कारगर है। इसके अलावा यह निम्नलिखित स्थितियों में भी आराम पहुंचाता है :
पेट दर्द
पीठ दर्द
युवा लड़कियों में पीरियड्स् में देरी
पहला मासिक धर्म आने में कठिनाई
बहुत देर से मासिक धर्म आना
जननांगों में दर्द
चक्कर और सिरदर्द
यह लक्षण सुबह के समय, लगभग 3 बजे, सेक्स के बाद, सूप या कॉफी पीने के बाद, ठंडे महौल में रहने और दर्द वाले हिस्से के बल लेटने से बढ़ जाते हैं। दिन के दौरान, घूमने-फिरने और गर्म मौसम में लक्षण बेहतर होते हैं।
ग्रेफाइट्स
सामान्य नाम : ब्लैक लेड
लक्षण : यह दवा जननांगों में सूजन, एनीमिया और मोटापे के जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए उपयोगी है। यह निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन में असरदार है :
पीरियड्स ना आना या बहुत देर से आना
पेट में मतली महसूस होना
योनि से बहुत ज्यादा, सफेद रंग का स्राव होना
स्तन में सूजन
पीठ के निचले हिस्से में दर्द और कमजोरी
सुबह के समय सिरदर्द
यह लक्षण रात में और गर्म महौल में बिगड़ जाते हैं, जबकि अंधेरे में सुधार होता है।
यूफ्रेसिया ऑफिसिनैलिस
सामान्य नाम : आईब्राइट
लक्षण : इस दवा का उपयोग मुख्य रूप से आंखों के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, लेकिन यह एमेनोरिया में भी मदद कर सकता है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों का भी प्रबंधन कर सकता है :
आंखों की सूजन के साथ पीरियड्स न आना
तेज सिरदर्द
यह लक्षण शाम और रोशनी से बिगड़ जाते हैं, जबकि कॉफी पीने या अंधेरे में लक्षणों से राहत मिलती है।
सिमिसिफुगा रेसमोसा
सामान्य नाम : ब्लैक स्नेक-रूट
लक्षण : सिमिसिफुगा रेसमोसा गर्भाशय, अंडाशय और श्रोणि अंगों से जुड़े लक्षणों के उपचार के लिए प्रभावी है। यह निम्नलिखित लक्षणों को ठीक करने में भी असरदार है :
मांसपेशियों में ऐंठन जैसा दर्द
मतली और उल्टी
मासिक धर्म न आना
पेट के निचले हिस्से में दर्द जो ऊपरी और निचली जांघों तक बढ़ता है
श्रोणि में दर्द जो कूल्हों के चारों ओर होता है
दर्द बर्दाश्त न कर पाना
स्तन में दर्द
नींद न आना
यह लक्षण ठंड के मौसम और सुबह में बिगड़ जाते हैं, जबकि गर्म परिस्थितियों में और भोजन के बाद ठीक हो जाते हैं।
एपिस मेलिफिका
सामान्य नाम : दि-हनी बी
लक्षण : एपिस मेलिफिका का उपयोग मुख्य रूप से चुभन वाले दर्द और सामान्य दर्द के इलाज के लिए किया जाता है। यह निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन में भी मदद करता है :
थकान
अंडाशय में सूजन, विशेष रूप से दाहिना अंडाशय
डिम्बग्रंथि में ट्यूमर
पेट और गर्भाशय को छूने पर दर्द
पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द
यह लक्षण दर्द वाली जगह को छूने, गर्मी और बंद व गर्म कमरे में रहने से बढ़ सकते हैं। हालांकि, यह लक्षण दोपहर में और सोने के बाद भी बिगड़ सकते हैं। लेकिन ठंडे पानी से नहाने और खुली हवा में समय बिताने के बाद रोगी बेहतर महसूस कर सकता है।
होम्योपैथी के अनुसार पीरियड्स न आने पर जीवन शैली में बदलाव - Changes according to homeopathy for Amenorrhoea in Hindi
होम्योपैथी के अनुसार पीरियड्स न आने पर आहार और जीवनशैली में बदलाव निम्नलिखित हैं :
वैसे तो होम्योपैथिक दवाएं एमेनोरिया के प्रबंधन में प्रभावी हैं, लेकिन डॉक्टर हमेशा दवाओं के साथ साथ आहार और जीवनशैली में कुछ बदलाव करने की सलाह देते हैं। ये बदलाव होम्योपैथिक उपचार के असर को सटीक व बेहतर करने में मदद करता है।
क्या करना चाहिए
फाइबर और पोषक तत्वों से भरा संतुलित भोजन व स्वस्थ भोजन लें, जिसमें फल और सब्जियां शामिल हों।
खुद की साफ-सफाई रखें और स्वच्छ वातावरण में रहें।
नियमित रूप से व्यायाम करें और सक्रिय (एक्टिव) जीवन बनाए रखें
क्या नहीं करना चाहिए
दैनिक भोजन में औषधीय गुणों वाले खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों को शामिल न करें।
कैफीन युक्त पेय पदार्थ और तेज महक वाले पेय न पिएं। इसके अलावा, तेज महक वाले परफ्यूम का इस्तेमाल भी न करें।
उमसभरी जगहों पर न रहें।
ऐसे किसी भी कार्य से बचें जिससे अत्यधिक थकान हो सकती है, उदाहरण के लिए दुख और क्रोध जैसी भावनाएं न लाएं।
किसी भी खाद्य पदार्थ में अत्यधिक मसाले, नमक या चीनी का प्रयोग न करें।
पीरियड्स न आने के होम्योपैथिक उपचार कितने प्रभावी हैं - Homoepathic treatment for Amenorrhoea effectiveness in Hindi?
अनियमित व पीरियड्स न आने के प्रबंधन के लिए कई होम्योपैथिक उपचार मौजूद हैं और यह उपयोगी भी हैं। यह दवाइयां प्राकृतिक उत्पादों से तैयार की जाती हैं, इसीलिए यह असरदार और दुष्प्रभावमुक्त हैं। हालांकि, कुछ प्रक्रियाओं की मदद से इन्हें और असरदार बनाया जाता है। यह दवाइयां सभी आयु वर्ग के लिए सुरक्षित मानी जाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि होम्योपैथिक उपचार हार्मोन के स्तर में संतुलन बनाता है और व्यक्ति की जन्मजात प्रतिरक्षा को उत्तेजित करता है, जिससे शरीर अपने आप बीमारी से लड़ पाने में सक्षम होता है।
पीरियड्स न आने की होम्योपैथिक दवा कितनी असरदार है, यह जानने के लिए एक नैदानिक अध्ययन किया गया, जिसमें ओलिगोमेनोरिया (35 या इससे ज्यादा दिनों के अंतराल पर लगातार तीन माह तक पीरियड्स आना), एमेनोरिया (3 माह से अधिक समय तक पीरियड्स न आना) या पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से ग्रस्त 18-36 उम्र की महिलाओं को शामिल किया गया। इन सभी को अलग-अलग वर्ग में बांटा गया और लक्षणों के अनुसार दवाइयां दी गईं। साथ ही साथ स्वस्थ भोजन और सप्ताह में 5 दिन व्यायाम (आधा घंटा) कराया गया। दवाइयों में आमतौर पर पल्सेटिला प्रैटेंसिस, नेट्रम म्यूरिएटिकम, सेपिया ऑफिसिनैलिस, कैल्केरिया कार्बोनिका, लाइकोपोडियम क्लैवैटम, फास्फोरस, सिनकोना ऑफिसिनैलिस, नक्स वोमिका और सल्फर थीं। अध्ययन से पता चला कि एमेनोरिया के उपचार में होम्योपैथी दवाइयां असरदार साबित हुईं
पीरियड्स न आने की होम्योपैथिक दवा के नुकसान - Disadvantages of homeopathic medicine for Amenorrhoea in Hindi
होम्योपैथिक दवाएं प्राकृतिक उत्पादों जैसे जड़ी-बूटियों, खनिजों या पशु उत्पादों से मिलकर तैयारी की जाती हैं। इन्हें घुलनशील रूप देने के बाद ही इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। प्राकृतिक उत्पादों का यह घुलनशील रूप किसी भी एडवर्स इवेंट (एक तरह का दुष्प्रभाव) के जोखिम को खत्म कर सकता है, इसीलिए यह सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए सुरक्षित है। हालांकि, ये दवाएं प्रभावी हैं, लेकिन यदि कोई व्यक्ति इन दवाओं का सबसे अच्छा असर चाहता है तो उसे चिकित्सा शुरू करने से पहले किसी योग्य, अनुभवी होम्योपैथिक डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, क्योंकि एक डॉक्टर अपनी दवाओं के घटकों के बारे में अच्छे से जानते व समझते हैं और इसी आधार पर वे व्यक्ति के लिए सबसे उपयुक्त दवा लिखते हैं।
पीरियड्स न आने का होम्योपैथिक इलाज से संबंधित टिप्स - Tips related to homeopathic treatment for Amenorrhea in Hindi
एमेनोरिया या मासिक धर्म का न आना अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति व आनुवंशिक दोनों वजह से हो सकता है। लक्षण नोटिस करने के बाद आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए और उपचार शुरू कर देना चाहिए। इसका उपचार आमतौर पर इसके कारण पर निर्भर करता है।
एमेनोरिया और उससे जुड़े लक्षणों के प्रबंधन में होम्योपैथिक दवाएं उपयोगी हैं। ये उपचार व्यक्तिगत रूप से निर्धारित किए जाते हैं। इन दवाइयों को लिखने से पहले व्यक्ति के लक्षण, शारीरिक और मानसिक स्थिति, उम्र, फैमिली व मेडिकल हिस्ट्री पता किया जाता है। यह उपाय दुष्प्रभावों से मुक्त होते हैं, लेकिन इन्हें अपने आप से नहीं लेना चाहिए, क्योंकि संबंधित विषय के डॉक्टर ही जानते हैं कि दवाओं की मात्रा क्या होनी चाहिए।
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