सूजन क्या है?
जब शरीर के किसी अंदरूनी या बाहरी अंगों का आकार बढ़ने लगे या उनमें फैलाव आने लगे तो ये सूजन का रूप होता है। मेडिकल भाषा में सूजन को एडिमा (Edema) के नाम से जाना जाता है।
सूजन आम तौर पर किसी जगह पर द्रव एकत्रित होने के परिणाम से होती है। यह जलन या दर्द के प्रति शरीर की प्रतक्रिया से भी हो सकती है। सूजन शरीर के अंदर भी हो सकती, और बाहर त्वचा को भी प्रभावित कर सकती है।
ऐसी कई स्थितियां हैं जो सूजन का कारण बन सकती हैं। कीट द्वारा काटना, बीमारियां या चोट आदि लगने से त्वचा में सूजन आ सकती है। शरीर के अंदरूनी भागों में सूजन मुख्य रूप से किसी दवाई के साइड इफेक्ट या किसी गंभीर चोट के कारण आती है।
अगर आपको तीव्र और अस्पष्ट सूजन अनुभव हो रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। खासकर अगर सूजन होने के साथ अस्पष्ट रूप से आपका वजन बढ़ रहा है और दर्द महसूस हो रहा है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं।
सूजन के प्रकार -
सूजन के लक्षण
सूजन के कारण
सूजन से बचाव
सूजन का परीक्षण
सूजन के प्रकार - Types of Swelling in Hindi
सूजन (एडिमा) के कितने प्रकार हो सकते हैं?
पेरिफेरल एडिमा (Peripheral edema) –
आमतौर पर यह टांगों, पैरों और टखनों को प्रभावित करता है, लकिन यह बाजूओं में भी हो जाता है। यह सूजन का सबसे आम प्रकार है। संचार प्रणाली, गुर्दे या लिम्फ नोड्स में समस्या इसके मुख्य कारण हैं।
पीडल एडिमा (पैरों में सूजन; pedal edema) -
यह तब होता है, जब टांग के निचले हिस्से और पैर में द्रव इकट्ठा हो जाता है। बुज़ुर्गों में और गर्भावस्था में पैरों में सूजन सबसे आम है। पीडल एडिमा से प्रभावित हिस्से को हिलाना कठिन हो जाता है, क्योकिं हो सकता है कि आपको पैर सुन्न हो सकते हैं।
पलमॉनेरी एडिमा (Pulmonary edema) –
जब द्रव फेफड़ों में मौजूद हवा की थैलियों में इकट्ठा हो जाता है, तो पलमॉनेरी एडिमा विकसित हो जाता है। यह सांस लेने में कठिनाई उत्पन्न कर सकता है, और लेटने पर इसकी स्थिति और बद्तर हो सकती है। इसमें दिल की धड़कन तेज और घुटन महसूस हो सकती है तथा झागदार थूक और कई बार साथ में खून भी आ सकता है।
लिंफेडिमा (Lymphedema) -
बाहों और पैरों में सूजन अक्सर आपके लिम्फ नोड्स को क्षति पहुंचने के कारण होती है। यह उन ऊतकों में क्षति पहुंचने के कारण भी हो सकती है जो जीवाणुं और अपशिष्ट पदार्थ को फिल्टर करने में मदद करते हैं। इसका कारण बनने वाली चोट या क्षति अक्सर कैंसर के लिए रेडिएशन और सर्जरी जैसे उपचार आदि के परिणाम से होती है।
मैक्यूलर एडिमा (Macular edema) -
मैक्यूला रेटिना के बीच में स्थित एक प्रकाश-संवेदनशील ऊतक होता है। मैक्यूलर एडिमा तब होता है जब रेटिना में स्थित क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाओं में द्रव इकठ्ठा होने के बाद रिसने लग जाता है।
मस्तिष्क संबंधी एडिमा (Cerebral edema) –
यह बहुत गंभीर स्थिति है, जिसमें मस्तिष्क में द्रव विकसित होने लग जाता है। इसके विकसित होने के मुख्य कारणों में दिमाग के अंदर की रक्त वाहिकाएं फट जाना या ब्लॉक हो जाना, ब्रेन ट्यूमर होना, किसी प्रकार का एलर्जिक रिएक्शन होना, सिर पर गंभीर चोट लगना आदि शामिल हैं।
सूजन के लक्षण - Swelling Symptoms in Hindi
सूजन के लक्षण व संकेत क्या हो सकते हैं?
हल्की सूजन आम तौर से शायद आप महसूस भी न करें क्योंकि उससे कोई लक्षण पैदा नहीं होते हैं।
बाहरी सूजन में त्वचा या मांसपेशियों का बढ़ा हुआ आकार आमतौर पर दिखाई देता है। हालांकि सूजन के कुछ अन्य लक्षण जैसे शरीर के प्रभावित क्षेत्र में द्रव बनना आदि का जल्दी पता लगा पाना कठिन भी हो सकता है। अगर आपको किसी बीमारी, चोट या किसी कीट आदि के काटने के कारण सूजन हुई है, तो आपको कई तरह के लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जैसे कि:
पेट फूलना।
खुजली।
प्रभावित क्षेत्र में दर्द महसूस होना।
उल्टी।
एक इमेजिंग स्कैन की मदद से अंदरूनी अंगों, मांसपेशी या हड्डी आदि के बढ़े हुऐ आकार को देखा जा सकता है। अगर सूजन दिखाई नहीं दे रही हो या अंदरूनी शरीर में सूजन हो, तो निम्न लक्षण अनुभव हो सकते हैं:
थकान
बुखार
चक्कर आना
जी मिचलाना
अनिद्रा
दर्द
फ्लू जैसे लक्षण
डॉक्टर को कब अवश्य दिखाना चाहिए?
यदि आपको त्वचा में सूजन, फैलाव, त्वचा के किसी भाग में चमक या अगर त्वचा के किसी क्षेत्र को उंगली से दबाने से वहां कुछ देर के लए गढ्ढा बन जाता है, तो उसे डॉक्टर को दिखाएं। अगर आपको निम्न में से कुछ भी समस्या दिखाई पड़ती है, तो तुरंत डॉक्टर से मदद लें:
सांस फूलना
छाती में दर्द
सांस लेने में कठिनाई
ये लक्षण पलमॉनेरी एडिमा का संकेत हो सकता है, जिसके लिए शीघ्र उपचार की आवश्यकता होती है।
अगर आपको कहीं पर काफी लंबे समय तक बैठना पड़ता है, जिस कारण से आपके टांगो में सूजन या दर्द विकसित हो गया है, जो अपने आप ठीक नहीं हो रहा तो अपने डॉक्टर से बात करें। लगातार पैर के दर्द और सूजन नसों में खून के थक्के बनने का संकेत हो सकती है।
हड्डियों, ऊतकों या मांसपेशियों में दर्द या इन्फ्लमेशन (inflammation; शरीर की अपने को चोट या संक्रमण से बचाने की प्रतिक्रिया पर होने वाले लक्षण, जैसे जलन व लाली) के परिणाम से त्वचा के बाहरी हिस्से में सूजन हो सकती है। सिस्ट (cyst; पुटी) और ट्यूमर के कारण भी प्रभावित क्षेत्र के पास सूजन हो सकती है। वैसे तो द्रव एकत्रित होना एक अंदरूनी परिस्थिति है, लेकिन इसके कारण से बाहरी हिस्से में सूजन विकसित होती है।
बाहरी सूजन के कुछ सबसे सामान्य कारणों जिनमें शामिल हैं:
किसी कीट द्वारा काटना
लाल चकत्ते
पित्ती
चोट लगना
तरल अवरोधन
गर्भावस्था
मासिक धर्म
हार्मोनल परिवर्तन
संक्रमण।
बाहरी सूजन स्थिर भी रह सकती है और फैल भी सकती है।
स्थिर सूजन वह स्थिति होती है, जिसमें सूजन सिर्फ एक विशेष क्षेत्र को ही प्रभावित करती है। उदाहरण के लिए जैसे अगर किसी व्यक्ति की आंखों में संक्रमण है, तो सूजन सिर्फ उसकी आंखों के आस-पास ही होती है। या अगर किसी व्यक्ति को किसी कीट द्वारा काटा गया है, तो सूजन वहीं होगी जहां पर कीट ने डंक मारा है।
फैलने वाली सूजन शरीर के एक बड़े क्षेत्र तक फैल जाती है। यह सूजन आम तौर पर एक गंभीर बीमारी का संकेत होती है। आम तौर पर यह तरल अवधारण या एलर्जिक रिएक्शऩ के कारण होती है। फैलने वाली सूजन के अन्य सामान्य कारणों में निम्न शामिल हैं:
किडनी फेलियर
हार्ट फेलियर
एनाफिलेक्सिस (गंभीर एलर्जी)
विषैले कीट द्वारा काटना।
शुगर या कुछ प्रकार के कैंसर जिनसे ग्रसित लोगों को शरीर के बड़े हिस्से पर सूजन या हाथों-पैरों के कुछ हिस्से पर जैसे उंगलियां आदि पर सूजन का अनुभव कर सकते हैं। सूजन का यह रूप समय-समय पर दिखाई दे सकता है।
शरीर के अंदर सूजन होना भी अंदरूनी अंग में इन्फ्लमेशन, तरल एकत्रित होना या पेट फूलने आदि का परिणाम हो सकता है। सूजन का यह रूप कुछ अंदरूनी रोगों के मरीजों को भी हो सकता है, जैसे आंतों को क्षति पहुंचाने वाले रोग व सिंड्रोम, क्रोहन रोग और कैंसर आदि।
सूजन से बचाव - Prevention of Swelling in Hindi
सूजन से कैसे बचाव किया जा सकता है?
अगर कोई क्रोनिक (दीर्घकालिक) बीमारी सूजन की समस्या पैदा कर रही है, तो उस बीमारी का ठीक से इलाज करके या सूजन के लिए दवाई आदि लेकर सूजन को होने से रोका जा सकता है। अगर अंदरूनी किसी अंग में दर्द व जलन आदि के कारण सूजन हुई हो तो उसको रोकने के लिए भी दवाईयां मदद कर सकती हैं।
अंदरूनी सूजन की रोकथाम करने के लिए डॉक्टर मरीज को जीवनशैली में कुछ बदलाव करने के सुझाव दे सकते हैं। इसकी रोकथाम करे के लिए कुछ तरीके घर पर भी अपनाए जा सकते हैं, जैसे नमक का सेवन ना करना, सहारा देने वाले होज़ (hose) पहनना और लेटने के समय अपनी टांगों और बाहों को छाती के स्तर से उपर रखना आदि शामिल हैं।
सूजन का परीक्षण - Diagnosis of Swelling in Hindi
सूजन का निदान कैसे किया जाता है?
सूजन के कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर मरीज का शारीरिक परिक्षण करते हैं और मरीज से उसकी पिछली जानकारी ले सकते हैं। यह जानकारी अक्सर आपके एडिमा के अंतर्निहित कारण को निर्धारित करने के लिए काफी होती है। कुछ मामलों में, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड टेस्ट, खून टेस्ट या मूत्र विश्लेषण आदि भी आवश्यक हो सकता है।
सूजन का इलाज - Swelling Treatment in Hindi
सूजन का उपचार कैसे किया जाता है?
उपचार सूजन के कारण पर निर्भर करता है। सामान्य तौर पर, निम्न कुछ उपचार विकल्प हैं –
सूजन की हल्की समस्या आम तौर पर अपने आप ठीक हो जाती है, खासकर यदि आप प्रभावित क्षेत्र को दिल के स्तर से उंचा रखने में सक्षम होते हैं।
गंभीर प्रकार की सूजन को दवाओं की मदद से ठीक किया जाता है। मूत्रल (ड्यूरेटिक; diuretics) दवाएं इकट्ठा हुऐ तरल को मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकाल देती हैं।
सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर कुछ प्रकार की दवाएं लिख सकते हैं। चकत्ते और पित्ती आदि से होने वाली बिना डॉक्टर की पर्ची के मिलने वाली दवाएं (OTC) एंटिहिस्टामिन (antihistamines) दवाएं ठीक कर सकती हैं। लगाने वाली स्टेरॉयड दवाएं भी त्वचा संबंधी सूजन व जलन आदि को कम करने में मदद करती है।
लंबे समय तक चलने वाले उपचार, आमतौर पर सूजन के अंतर्निहित कारण को ठीक करते हैं। सूजन अगर किसी विशेष दवा को लेने से हो रही है, तो डॉक्टर उसकी दूसरी वैकल्पिक दवा लिखेंगे जो सूजन पैदा ना करती हो।
सूजन अगर किसी ट्यूमर या फोड़े के कारण हो रही है, तो उसको निकालने के लिए शायद सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ जाए। अगर डॉक्टरों को लगता है कि इन्हें सर्जरी से हटाया नहीं जा सकता, तो वे ज़्यादा स्ट्रांग ट्रीटमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे कीमोथेरेपी व रेडिएशन थेरेपी आदि।
सूजन की जटिलताएं - Swelling Complications in Hindi
सूजन में क्या जटिलताएं हो सकती है?
अगर सूजन को अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो यह निम्न समस्याओं का कारण बन सकती है:
लगातार बढ़ती रहने वाली पीड़ादायक सूजन
चलने में कठिनाई
अकड़न
तनी हुई त्वचा, जो खुजली और बैचेनीभरी हो सकती है
सूजन क्षेत्र में संक्रमण का खतरा बढ़ना
ऊतकों की परतों के बीच निशान बनना (Scar)
रक्त परिसंचरण (circulation) में कमी
धमनियों, नसों, जोड़ों और मांसपेशियों के लचीलेपन में कमी
त्वचा के अल्सर का खतरा बढ़ना।
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