सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

CBC AWARENESS

 कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट (खून की जांच) क्या होता है? - What is Complete Blood Count Test in Hindi?

सीबीसी यह निर्धारित करता है कि आपके रक्त कोशिकाओं की गिनती में कोई वृद्धि या कमी हुई है या नहीं। आपकी उम्र और आपके लिंग के आधार पर सामान्य गिनती अलग हो सकती है। प्रयोगशाला से मिलने वाली सीबीसी रिपोर्ट आपको आपकी उम्र और लिंग के लिए सामान्य गिनती बताएगी।


सीबीसी एनीमिया, आम संक्रमण से लेकर कैंसर तक कई स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाने में मदद कर सकता है।


आपकी रक्त कोशिकाओं के स्तर में परिवर्तन को मापने से आपके डॉक्टर आपके समग्र स्वास्थ्य और विकारों का पता लगा सकते हैं। यह टेस्ट तीन मुख्य प्रकार की रक्त कोशिकाओं को मापता है -


1. लाल रक्त कोशिकाएं


लाल रक्त कोशिकाएं आपके शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाती हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को हटा देती हैं। सीबीसी आपकी लाल रक्त कोशिकाओं के दो घटकों को मापता है -


हीमोग्लोबिन: ऑक्सीजन-ले जाने वाले प्रोटीन

हेमटोक्रिट: आपके रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं का प्रतिशत

हीमोग्लोबिन और हेमटोक्रिट का कम होना अक्सर एनीमिया का लक्षण होता है (एनीमिया खून में आयरन की कमी से होता है)। 


2. सफेद रक्त कोशिकाएं


श्वेत रक्त कोशिकाएं आपके शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करती है। सीबीसी आपके शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या और प्रकार को मापता है। सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या या प्रकार में कोई असामान्य वृद्धि या कमी संक्रमण, इन्फ्लमेशन (inflammation) या कैंसर का संकेत हो सकती है।


3. प्लेटलेट्स


प्लेटलेट्स आपके खून के थक्के और ब्लीडिंग को नियंत्रण करने में मदद करते हैं। जब किसी घाव से खून बहना बंद हो जाता है, तो इसका मतलब है कि प्लेटलेट्स अपना काम कर रहे हैं। प्लेटलेट्स के स्तर में कोई भी बदलाव से आपको अत्यधिक खून बहने का खतरा हो सकता है और यह एक गंभीर चिकित्सा स्थिति का संकेत हो सकता है।


ब्लड टेस्ट (खून की जांच) क्यों किया जाता है - What is the purpose of Blood Test in Hindi

आपके डॉक्टर नियमित जांच के लिए सीबीसी टेस्ट करने के लिए कह सकते हैं। या अगर आपको कुछ ऐसे लक्षण हैं जिनका पता टेस्ट कराये बिना नहीं सकता, जैसे कि ब्लीडिंग (खून बहना) या चोट जिसका कारण ना पता हो।

 

सीबीसी टेस्ट निम्नलिखित के लिए आपके डॉक्टर की मदद कर सकता है -

संपूर्ण स्वास्थ्य की जांच - आपके स्वास्थ्य की जांच के लिए सीबीसी उपयोगी होता है। यह आपके डॉक्टर को आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य की एक अच्छी तस्वीर देता है। सीबीसी से डॉक्टर कुछ बिमारियों के होने के जोखिम का अंदाजा भी लगा सकते हैं।

किसी बीमारी का निदान - किसी बिमारी या स्वास्थ्य समस्या का निदान करने के लिए भी आपके डॉक्टर सीबीसी टेस्ट करवाने को कह सकते हैं। इसके अलावा अगर आपको कुछ ऐसे लक्षण हैं जिनका कारण पता नहीं चल पा रहा है, जैसे कमजोरी, थकान, बुखार, लालिमा, सूजन, चोट या रक्तस्राव, तो उनके बारे में ज़्यादा जानने के लिए भी सीबीसी उपयोगी होता है।

किसी चल रही बीमारी पर नज़र रखना - अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो उस पर नियमित रूप से नज़र रखने के लिए आपके डॉक्टर सीबीसी टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं। यह ख़ास तौर पर तब लागू होता है जब आपको एक ऐसा विकार हो जो रक्त कोशिकाओं की संख्या को प्रभावित करता है।

खून की जांच (ब्लड टेस्ट) से पहले - Before Complete Blood Count Test in Hindi

जब आप टेस्ट करवाने जाएं, तो एक छोटी बाजू की शर्ट पहन कर जाएं या फिर एक ऐसी शर्ट जिसकी बाज़ू आप आसानी से फोल्ड कर सकें।


आम तौर पर आप सीबीसी से पहले सामान्य तौर से खा और पी सकते हैं। हालांकि, आपकी स्थिति के अनुसार, आपके डॉक्टर आपको टेस्ट से पहले एक कुछ अवधि के लिए कुछ न खाने के लिए कह सकते हैं। अगर आपके ब्लड सैंपल का उपयोग कुछ अन्य टेस्ट करने के लिए होना है, तो ये बिलकुल सामान्य बात है। 


रक्त परिक्षण (ब्लड टेस्ट) के दौरान - During Complete Blood Count Test in Hindi

सीबीसी के दौरान, एक लैब तकनीशियन हाथ या बाज़ू की नस से खून का सैंपल निकालता है। सैंपल लेने की प्रक्रिया में चंद मिनट ही लगते हैं। इस दौरान तकनीशियन निम्नलिखित कार्य करता है -


एंटीसेप्टिक पट्टी से आपकी त्वचा को साफ करेगा।

आपकी ऊपरी बांह के आस-पास एक बैंड बांधा जाएगा। ऐसा इसलिए ताकि जिस नस से खून का सैंपल लेना है, वह नस खून से भर कर सूज जाए, और आसानी से दिखने लगे। 

इस दौरान एक तकनीशियन आपकी नस में एक सुई को डालकर रक्त निकालेगा और एक या एक से अधिक शीशियों में ब्लड सैंपल को रखेगा।

उसके बाद बैंड को निकाल दिया जाएगा।

अगर सुईं निकालने के बाद भी खून बेहता रहे तो उसे रोकने के लिए पट्टी या बैंड-ऐड लगाकर उसे रोका जाएगा।

इसके बाद सैंपल की शीशी पर नाम लिखकर उसे विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया जाएगा।

अधिकांश सीबीसी के परिणाम, टेस्ट के कुछ ही घंटों से लेकर एक दिन के बीच में उपलब्ध हो जाते हैं।


ब्लड टेस्ट (खून की जांच) के क्या जोखिम होते हैं - What are the risks of Blood Test (CBC) in Hindi

आम तौर से सीबीसी के कुछ साइड इफेक्ट्स नहीं होते। लेकिन निम्नलिखित परेशानियां देखने में आईं हैं -


रक्त परीक्षण थोड़ा असुविधाजनक हो सकता है। जब सुई आपकी त्वचा में जाती है, तो आपको एक चुभन या सनसनी महसूस हो सकती है।

खून देखने पर कुछ लोगों को चक्कर आ जाते हैं या सिर में भारीपन महसूस होता है।

जिस जगह सुई लगाई जाती है , उधर हल्का घाव हो सकता है। लेकिन यह जल्द ही ठीक हो जाता है।

ब्लड टेस्ट (सीबीसी) के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Complete Blood Count Test Result and Normal Range in Hindi

आपकी रक्त कोशिकाओं की गणना के आधार पर टेस्ट के परिणाम अलग-अलग हो सकते हैं। यहां वयस्कों के लिए सामान्य परिणाम दिए गए हैं -


ब्लड कॉम्पोनेन्ट सामान्य स्तर

लाल रक्त कोशिका महिलाओं में: 39.0-50.3 लाख कोशिकाएं / एमसीएल

पुरुषों में: 43.2 - 57.2 लाख कोशिकाएं / एमसीएल

हीमोग्लोबिन महिलाओं में : 120-155 ग्राम / ली

पुरुषों में : 135-175 ग्राम / ली

हीमेटोक्रिट महिलाओं में: 34.9-44.5 प्रतिशत

पुरुषों में: 38.8-50.0 प्रतिशत

सफेद रक्त कोशिका की गणना 3,500 से 10,500 कोशिकाएं / एमसीएल

प्लेटलेट की गणना 150,000 से 450,000 / एमसीएल

सीबीसी के परिणाम के आधार पर हमेशा ही कुछ निश्चित कहा जा सके, ऐसा मुश्किल होता है। रक्त कोशिकाओं की बहुत अधिक या कम गिनती कई प्रकार की स्थितियों को संकेत हो सकती है। समस्या की पुष्टि करने के लिए कुछ विशिष्ट परीक्षणों की आवश्यकता होती है। कुछ समस्याओं के उदाहरण जिनकी वजह से असामान्य लोशिकाओं की गिनती हो सकती है, वह इस प्रकार हैं - 


आयरन या अन्य विटामिन और खनिज की कमी

ब्लीडिंग डिसऑर्डर

दिल की बीमारी

प्रतिरक्षा विकार

अस्थि मज्जा (बोन मैरो; bone marrow) समस्याएं

कैंसर

संक्रमण या सूजन

दवा का साइड इफ़ेक्ट

यदि आपका सीबीसी असामान्य स्तर दिखाता है, तो आपके डॉक्टर परिणाम की पुष्टि करने के लिए एक और रक्त परीक्षण करवाने को कह सकते हैं। वे आपकी स्थिति का निदान करने या निदान की पुष्टि करने में सहायता के लिए अन्य परीक्षण करवाने को कह सकते हैं।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कैनुला क्या है?कैनुला कैसे लगाते हैं ? Cannulation in Hindi

 कैनुला कैसे लगाते हैं ? Cannulation in Hindi कैनुला क्या है? कैनुला एक पतली ट्यूब है, जिसे शरीर में नसों के जरिए इंजेक्ट किया जाता है, ताकि जरूरी तरल पदार्थ को शरीर से निकाला (नमूने के तौर पर) या डाला जा सके। इसे आमतौर पर इंट्रावीनस कैनुला (IV cannula) कहा जाता है। बता दें, इंट्रावीनस थेरेपी देने के लिए सबसे आम तरीका पेरिफेरल वीनस कैनुलेशन (शरीर के परिधीय नसों में कैनुला का उपयोग करना) है। इंट्रावीनस (नसों के अंदर) प्रबंधन का मुख्य लक्ष्य ऊतकों को नुकसान पहुंचाए बिना, सुरक्षित और प्रभावी ढंग से उपचार प्रदान करना है। जब किसी मरीज का लंबे समय तक उपचार चलता है, तो ऐसे में इंट्रावीनस थेरेपी की विशेष जरूरत पड़ती है। शोध से पता चला है कि जिन मामलों में इंट्रावीनस कैनुला की जरूरत नहीं होती है, उनमें भी इसका प्रयोग किया जाता है, जबकि कुछ मामलों में इसे टाला जा सकता है। जनरल वार्डों में भर्ती 1,000 रोगियों पर हाल ही में एक शोध किया गया, इस दौरान इन सभी मरीजों के नमूने लिए गए। अध्ययन में पाया गया कि लगभग 33% रोगियों में इंट्रावीनस कैनुला का प्रयोग सामान्य से अधिक समय के लिए किया जा रहा है। जबकि

Pleural Effusion in Hindi

 फुफ्फुस बहाव - Pleural Effusion in Hindi प्लूरल इफ्यूजन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें फेफड़ों के बाहर असामान्य मात्रा में द्रव इकट्ठा हो जाता है। ऐसे कई रोग हैं जिनके कारण यह समस्या होने लग जाती है और ऐसी स्थिति में फेफड़ों के आस-पास जमा हुऐ द्रव को निकालना पड़ता है। इस इस स्थिति के कारण के अनुसार ही इसका इलाज शुरु करते हैं।  प्लूरा (Pleura) एक पत्ली झिल्ली होती है, जो फेफड़ों और छाती की अंदरुनी परत के बीच में मौजूद होती है। जब फुफ्फुसीय बहाव होता है, प्लूरा की परतों के बीच की खाली जगह में द्रव बनने लग जाता है। सामान्य तौर पर प्लूरा की परतों के बीच की खाली जगह में एक चम्मच की मात्रा में द्रव होता है जो आपके सांस लेने के दौरान फेफड़ों को हिलने में मदद करता है। फुफ्फुस बहाव क्या है - What is Pleural Effusion in Hindi प्लूरल इफ्यूजन के लक्षण - Pleural Effusion Symptoms in Hindi फुफ्फुस बहाव के कारण व जोखिम कारक - Pleural Effusion Causes & Risk Factors in Hindi प्ल्यूरल इफ्यूजन से बचाव - Prevention of Pleural Effusion in Hindi फुफ्फुस बहाव का परीक्षण - Diagnosis of Pleural Effusion in Hind

शीघ्रपतन की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Premature Ejaculation in Hindi

 शीघ्रपतन की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Premature Ejaculation in Hindi शीघ्र स्खलन एक पुरुषों का यौन रोग है, जिसमें दोनों यौन साथियों की इच्छा के विपरीत सेक्स के दौरान पुरुष बहुत जल्दी ऑर्गास्म पर पहुंच जाता है यानि जल्दी स्खलित हो जाता है। इस समस्या के कारण के आधार पर, ऐसा या तो फोरप्ले के दौरान या लिंग प्रवेश कराने के तुरंत बाद हो सकता है। इससे एक या दोनों साथियों को यौन संतुष्टि प्राप्त करने में परेशानी हो सकती है। स्खलन को रोक पाने में असमर्थता अन्य लक्षणों जैसे कि आत्मविश्वास में कमी, शर्मिंदगी, तनाव और हताशा आदि को जन्म दे सकती है। ज्यादातर मामलों में, हो सकता है कि स्खलन को नियंत्रित करने में असमर्थता किसी जैविक कारण से न पैदा होती हो, हालांकि उपचार के किसी भी अन्य रूप की सिफारिश करने से पहले डॉक्टर इसकी संभावना का पता लगाते हैं। तनाव, चिंता, अवसाद, यौन अनुभवहीनता, कम आत्मसम्मान और शरीर की छवि जैसे मनोवैज्ञानिक कारक शीघ्र स्खलन के सबसे आम कारण हैं। विशेष रूप से सेक्स से संबंधित अतीत के दर्दनाक अनुभव भी शीघ्र स्खलन का संकेत दे सकते हैं। अन्य