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फ़रवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

KIDNEY AWARENESS

 [2/28, 20:59] Dr.J.k Pandey: गुर्दे की बीमारी के शुरुआती चेतावनी के लक्षण [2/28, 21:03] Dr.J.k Pandey: हर व्यक्ति के शरीर में दो गुर्दे होते हैं, जो मुख्य रूप से यूरिया, क्रिएटिनिन, एसिड, आदि जैसे नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट पदार्थों को रक्त में से छानने के लिए जिम्मेदार होते हैं। (जो सभी शरीर में चयापचय के उत्पाद हैं) और इस तरह मूत्र का उत्पादन करते हैं। लाखों लोग विभिन्न प्रकार के गुर्दे की बीमारियों के साथ रह रहे हैं और उनमें से अधिकांश को इसके बारे भनक तक नहीं है। यही कारण है कि गुर्दे की बीमारी को अक्सर एक ‘साइलेंट किलर’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि अधिकांश लोगों को बीमारी का पता तब तक नहीं चलता जब तक यह उग्र रूप धारण नहीं कर लेता। जबकि लोग अपने रक्तचाप, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर की नियमित रूप से जांच करवाते रहते हैं, वे अपने गुर्दे की किसी भी समस्या का पता लगाने के लिए अपने रक्त में एक सरल क्रिएटिनिन परीक्षण भी नहीं करवाते। 2015 के ग्लोबल बर्डन डिजीज (GBD) के अध्ययन के अनुसार, क्रोनिक किडनी रोग (CKD) को भारत में मृत्यु दर के आठवें प्रमुख कारणों में से एक के रूप में स्थान दि

RENAL,KIDNEY STONE

 किडनी स्टोन या पथरी के लक्षण, कारण और उपाय Table of Contents किडनी स्टोन या पथरी क्या होती हैं? गुर्दे की पथरी के कारण क्या हैं ? गुर्दा की पथरी के सामान्य कारण किडनी स्टोन या पथरी के लक्षण क्या हैं ? नीचे गुर्दा की पथरी के सामान्य लक्षण गुर्दा की पथरी का निदान कैसे किया जाता है ? पथरी कैसे रोका जा सकता है ? गुर्दे की पथरी के गठन को रोकने के लिए नीचे दिए गए सामान्य तरीके हैं: गुर्दे की पथरी का इलाज कैसे किया जाता है?  पथरी का इलाज ४ तरह से हो सकता है भारत में किडनी में पथरी और यूरेटल पथरी की समस्या बहुत आम बात हो गयी है। 10 में से 1 व्यक्ति को उनके जीवन में पथरी (किडनी स्टोन ) जरूर होता है। आइये जानते हैं किडनी स्टोन या पथरी के लक्षण, पथरी होने के कारण और उपाय क्या है। पथरी पैदा कर  किडनी स्टोन या पथरी के लक्षण, कारण और उपाय Table of Contents किडनी स्टोन या पथरी क्या होती हैं? गुर्दे की पथरी के कारण क्या हैं ? गुर्दा की पथरी के सामान्य कारण किडनी स्टोन या पथरी के लक्षण क्या हैं ? नीचे गुर्दा की पथरी के सामान्य लक्षण गुर्दा की पथरी का निदान कैसे किया जाता है ? पथरी कैसे रोका जा सकता ह

KIDNEY STRUCTURE,FUNCTION

 KIDNEY STRUCTURE AND FUNCTION किडनी की संरचना किडनी (गुर्दा )मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। किडनी की खराबी, किसी गंभीर बीमारी या मौत का कारण भी बन सकता है। इसकी तुलना सुपर कंप्यूटर के साथ करना उचित है क्योंकि किडनी की रचना बड़ी अटपटी है और उसके कार्य अत्यंत जटिल हैं उनके दो प्रमुख कार्य हैं - हानिकारक अपशिष्ट उत्पादों और विषैले कचरे को शरीर से बाहर निकालना और शरीर में पानी, तरल पदार्थ, खनिजों (इलेक्ट्रोलाइट्स के रूप में सोडियम, पोटेशियम आदि) नियमन करना है। किडनी की संरचना किडनी शरीर का खून साफ कर पेशाब बनाती है। शरीर से पेशाब निकालने का कायॅ मूत्रवाहिनी (Ureter), मूत्राशय (Urinary Bladder) और मूत्रनलिका (Urethra) द्वारा होता है। स्त्री और पुरुष दोनों के शरीर में सामान्यत: दो किडनी होती है। किडनी पेट के अंदर, पीछे के हिस्से में, रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ (पीठ के भाग में), छाती की पसलियों के सुरक्षित तरीके से स्थित होती है । किडनी, पेट के भीतरी भाग में स्थित होती हैं जिससे वे सामान्यतः बाहर से स्पर्श करने पर महसूस नहीं होती। किडनी, राजमा के आकर के एक जोड़ी अंग हैं। वयस्कों में एक किड

CKD,RENAL FAILUR

 क्रोनिक किडनी फेल होना क्या होता है? जब कई वर्षों तक धीरे-धीरे ​गुर्दे की कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है, तो उसे क्रोनिक किडनी फेल होना कहा जाता है। इस बीमारी का अंतिम चरण स्थायी रूप से किडनी की विफलता (kidney failure) होता है। क्रोनिक किडनी फेल होने को क्रोनिक रीनल विफलता (chronic renal failure), क्रोनिक रीनल रोग (chronic renal disease) या क्रोनिक किडनी विफलता (chronic kidney failure) के रूप में भी जाना जाता है। जब गुर्दे की कार्य क्षमता धीमी होने लगती है और स्थिति बिगड़ने लगती है, तब हमारे शरीर में बनने वाले अपशिष्ट पदार्थों और तरल की मात्रा खतरे के स्तर तक बढ़ जाती है। इसके उपचार का उद्देश्य रोग को रोकना या धीमा करना होता है - यह आमतौर पर इसके मुख्य कारण को नियंत्रित करके किया जाता है। क्रोनिक किडनी रोग लोगों की सोच से कहीं अधिक विस्तृत है। जब तक यह रोग शरीर में अच्छी तरह से फैल नहीं जाता, तब तक इस रोग या इसके लक्षणों के बारे में कुछ भी पता नहीं चलता। जब किडनी अपनी क्षमता से 75 प्रतिशत कम काम करती है, तब लोग यह महसूस कर पाते हैं कि उन्हें गुर्दे की बीमारी है। किडनी फेल होने के चर

RENAL FAILURE (अल्पकालिक)

 Acute renal failure (ARF) : क्या है, कारण, लक्षण, इलाज एक्यूट रीनल फेलियर (ARF) में किडनी की क्षति अल्पकालीन किडनी की विफलता (एक्यूट रीनल फेलियर, acute renal failure(ARF)) वह है, जो कुछ घंटों या दिनों में शुरु हुई हो। “Renal” का अर्थ हिंदी में “किडनी से संभंधित” है। यह एक ऐसी गंभीर बीमारी है जो मरीज के शरीर में पहले से ही मौजूद कई अन्य बीमारियों (दिल की विफलता, यकृत विफलता, आदि) के साथ रह सकती है। अल्पकालीन किडनी की विफलता के अन्य बीमारियों के साथ मौजूद रहने के कई कारण हो सकते हैं। समझने के लिए महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर किडनी की विफलता के कारण ठीक से पता लगाया जाता है, और इलाज किया जाता है। इलाज से अल्पकालीन किडनी की विफलता पूरी तरह से ठीक  हो  सकती  है।    क्या होता है अल्पकालीन रीनल (किडनी) विफलता (Acute renal failure) अल्पकालीन किडनी की विफलता तब होती है जब आपकी किडनी अचानक से रक्त से अतिरिक्त लवण, तरल पदार्थ और अपशिष्ट पदार्थों को छानकर शरीर से बाहर निकालने की कार्यक्षमता को खो देती हैं। अल्पकालीन किडनी विफलता को अल्पकालीन किडनी क्षति (acute kidney injury,AKI) भी कहा जाता है। जो

HAEMOPHILIA AWARENESS

 [2/27, 01:59] Dr.J.k Pandey: ये एक आनुवांशिक बीमारी है जिसमें ख़ून का थक्का बनना बंद हो जाता है. जब शरीर का कोई हिस्सा कट जाता है तो ख़ून में थक्के बनाने के लिए ज़रूरी घटक खून में मौजूद प्लेटलेट्स से मिलकर उसे गाढ़ा कर देते हैं. इससे ख़ून बहना अपने आप रुक जाता है. जिन लोगों को हीमोफीलिया होता है उनमें थक्के बनाने वाले घटक बहुत कम होते हैं. [2/27, 02:05] Dr.J.k Pandey: हीमोफीलिया को ब्‍लीडिंग डिसऑर्डर (रक्तस्राव विकार) भी कहते हैं, यह एक जेनेटिक रोग है जो बहुत कम लोगों में पाया जाता है। हीमोफीलिया रोग में शरीर के बाहर बह रका खून जल्‍दी नहीं रुकता है। यही कारण है कि सामान्य व्यक्तियों की तुलना में हीमोफीलिया के मरीजों में रक्‍त के थक्के बनने में अधिक समय लगता है। गंभीर मामलों में, यह आंतरिक रक्तस्राव (Internal Bleeding) का कारण हो सकता है। ऐसी स्थिति में उपचार न मिलने पर व्‍यक्ति की मृत्‍यु भी हो सकती है। महिलाओं की तुलना में हीमोफीलिया पुरुषों को ज्‍यादा होता है। भारत में जन्‍मे प्रत्येक 5,000 पुरुषों में से 1 पुरुष को हीमोफीलिया रोग होता है। यानि कि हमारे देश में हर साल लगभग 1300 बच्च