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ECG,(ELECTROCARDIOGRAM)

 [3/3, 08:29] Dr.J.k Pandey: ईसीजी क्या होता है? ईसीजी (ECG) एक ऐसा टेस्ट है, जो हृदय की इलेक्ट्रिक (विद्युत) गतिविधियो को दर्ज करता है। हृदय की प्रत्येक धड़कन एक विद्युत आवेग (electrical signal) की वजह से होती है। इस आवेग से हृदय की मांसपेशियां संकुचित हो जाती है और हृदय से रक्त प्रवाहित करती है। ECG से आपके डॉक्टर को यह पता चलेगा कि क्या - विद्युत आवेग सामान्य, तेज, धीमा या अनियमित है। हृदय सामान्य से बड़ा है या इसे सामान्य से अधिक कार्य करना पड़ रहा है। हृदय की मांसपेशी को दिल के दौरे से नुकसान पंहुचा है या नहीं। [3/3, 08:33] Dr.J.k Pandey: ईसीजी क्यों किया जाता है - What is the purpose of ECG in Hindi इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम आपके दिल की विद्युत गतिविधि की एक तस्वीर को रिकॉर्ड करता है। लेकिन ये केवल उस वक़्त ही हो सकता है जब आपको मॉनिटर किया जा रहा हो। हालांकि, कुछ हृदय की समस्याएं आती-जाती रहती है। इन मामलों में, आपको अधिक देखभाल की आवश्यकता हो सकती है। स्ट्रेस टेस्ट (Stress Test) कुछ हृदय समस्याएं केवल व्यायाम के दौरान प्रकट होती हैं। तनाव परीक्षण (स्ट्रेस टेस्ट) के दौरान, व्यायाम करते

ANGIOGRAPHY, ANGIOGRAM

 [3/2, 17:03] Dr.J.k Pandey: एंजियोग्राफी क्या होती है और कैसे करते हैं [3/2, 17:04] Dr.J.k Pandey: ANGIOGRAPHY DETAIL एंजियोग्राफी क्या होती है  एंजियोग्राफी के लिए क्या तैयारी करें?  एंजियोग्राफी कैसे की जाती है –  एंजियोग्राफी के बाद देखभाल –  कहा जाता है कि एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है, और शरीर के स्वस्थ होने के लिए आवश्यक है की मनुष्य का दिल स्वस्थ हो। जब हमारे दिल में या हमारे शरीर के किसी अंग में किसी प्रकार का कोई अवरोध उत्पन्न होता है या हमारा हार्ट सही प्रकार से काम नहीं करता तब उसकी जाँच करने के लिए एंजियोग्राफी की जाती है। एंजियोग्राफी एक डायग्नोस्टिक प्रोसेस है जो यह जानने के लिए की जाती है कि आपकी आर्टरी में कोई ब्लॉकेज तो नहीं है आइये जानते हैं कि कैसे की जाती है, कहाँ की जाती है और किस लिए की जाती है। एंजियोग्राफी क्या होती है –  एंजियोग्राफी  एक प्रकार का टेस्ट होता है जिसमे X- Ray तकनीक के द्वारा आपके शरीर विभिन्न अंगों की जाँच की जाती है। इस टेस्ट में शरीर के जिस हिस्से की जाँच करनी है उसे X-Ray के द्वारा देखा जाता है जिसके लिए उस हिस्से की

HEART BYPASS SURGERY

 [3/2, 11:37] Dr.J.k Pandey: हार्ट बाईपास सर्जरी क्या है? हार्ट बाईपास सर्जरी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जो कि हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली एक या एक से अधिक रक्त वाहिकाओं के संकुचित हो जाने के कारण की जाती है। इस सर्जरी में आमतौर पर हृदय में किसी अन्य रक्त वाहिका के भाग का प्रयोग कर के रक्त प्रवाह को वापस ठीक कर दिया जाता है। इसके द्वारा एक नया चैनल बन जाता है, जिसके अंदर से रक्त प्रवाह होता है। ग्राफ्ट को इस तरह से लगाया जाता है कि यह प्रभावित रक्त वाहिका के अंदर से गुजरता है, इसीलिए इसे हार्ट बाईपास सर्जरी कहा जाता है। सर्जरी से पहले आपके स्वास्थ्य की जांच करने के लिए कुछ टेस्ट किए जा सकते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आप सर्जरी में जाने के लिए पूरी तरह स्वस्थ हैं। हार्ट बाईपास के लिए आपको कुछ दिन तक अस्पताल में रहने को कहा जा सकता है, उसके बाद आप घर जा सकते हैं। सर्जरी के बाद या सर्जरी के दौरान कुछ समस्याएं हो सकती हैं। ऐसा ब्लॉकेज की गंभीरता और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों जिनसे मरीज पीड़ित होता है उस पर निर्भर करता है। इनमें बुखार, सर्जरी के स्थान पर संक्रमण, हृदय की दर से जुड़ी सम

C.H.D.(दिल में सुराग होना) ,छेद

 दिल में छेद होना क्या होता है ? दिल में छेद होने की समस्या को मेडिकल भाषा में 'कॉन्जेनिटल हार्ट डिफेक्ट्स' (Congenital heart defects) यानि ह्रदय संबंधी जन्मजात दोष कहते हैं। यह दिल की संरचना संबंधी समस्या होती है जो जन्म से ही मौजूद होती है। दिल में छेद होने से दिल के अंदर खून का सामान्य बहाव बदल जाता है। दिल में छेद की समस्याओं के कई प्रकार हैं, जिसमें सरल से लेकर काफी जटिल समस्या शामिल है। दिल में छेद के रोग का निदान करने के लिए डॉक्टर शारीरिक परीक्षण व कुछ विशेष टेस्ट करते हैं।   नवजात शिशुओं में गंभीर दिल की सूजन की समस्या के संकेत तेज सांसें, थकान, खराब रक्त परिसंचरण और होठों, नाखूनों और त्वचा पर नीले रंग के निशान बनना आदि होते हैं। दिल में छेद का उपचार उसकी गंभीरता और प्रकार पर आधारित होता है। नई तथा एडवांस टेस्टिंग और उपचार तरीकों की मदद से दिल में छेद की समस्या से ग्रसित ज्यादातर बच्चे, बड़े होने पर स्वस्थ जीवन जीते हैं। दिल में छेद (जन्मजात हृदय रोग) के लक्षण - Congenital Heart Disease (Defect) Symptoms in Hindi दिल में छेद (जन्मजात हृदय रोग) के कारण और जोखि कारक - Co

LOW B.P.(HYPOTENSION)

 LOW BLOOD PRESSURE(HYPOTENSION) हमारे शरीर में पलने वाले कईं ऐसे रोग हैं जिनको हम ये सोच के  नज़र अंदाज़ कर देते हैं के ये आम बीमारी है। ऐसी ही एक बीमारी है लो ब्लड प्रेशर/ निम्न रक्तचाप। लो ब्लड प्रेशर को हल्के में मत लें। ब्लड प्रेशर हद से ज़्यादा कम होने पर ऑर्गन फेलियर से लेकर दिल का दौरा पड़ने जैसी खतरनाक स्थिति भी पैदा हो सकती है। दुनिया में बहुत बड़ी तादाद में लोग लो ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित हैं। ये बीमारी इतनी आम लगती है के अक्सर इसके लक्षणों के बारे में किसीको नहीं पता चलता है और इसे कोई और शारीरिक बदलाव से या आम चीज़ों से जोड़ लेते हैं। ये उनकी सिर्फ हेल्थ ही नहीं ज़िन्दगी को भी खतरे में डाल सकता है। लो ब्लड प्रेशर या निम्न रक्तचाप क्या है? इससे कभी-कभी आप थका हुआ या चक्कर आना महसूस कर सकते है। किसी भी व्यक्ति के रक्त चाप की सामान्य मात्रा 120/80 होना चाहिए। जब किसी भी इंसान का ब्लड प्रेशर 90/60 से नीचे चला जाता है, तो इस अवस्था को लो बीपी या हाइपोटेंशन कहते है। कभी किसीकी ब्लड प्रेशर की रीडिंग अगर इस साधारण मात्रा से कम  हो जाये तो उसे लौ बीपी की श्रेणी में गिना जाता है। य

HIGH BLOOD PRESSURE(HYPERTENSION)

 उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) क्या है? उच्च रक्तचाप को हाई ब्लड प्रेशर के रूप में भी जाना जाता है, यह एक ऐसी स्थिति है जहां आपकी धमनी की दीवार से टकराने वाले रक्त का बल अत्यधिक अधिक होता है जिससे हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। रक्तचाप आमतौर पर रक्त के स्तर से निर्धारित होता है जिसे आपका हृदय पंप करता है। यदि आपकी धमनियां संकरी हैं और आपका हृदय अत्यधिक मात्रा में रक्त पंप करता है, तो आपका दबाव अधिक हो जाता है। उच्च रक्तचाप कई वर्षों तक बिना किसी स्पष्ट लक्षण के विकसित हो सकता है, हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी जटिलताओं को जन्म दे सकता है जिसके परिणामस्वरूप समय पर इलाज न होने पर मृत्यु हो सकती है। हाई ब्लड प्रेशर अंततः किसी न किसी समय सभी को प्रभावित करता है। क्या उच्च रक्तचाप एक बीमारी है या स्थिति है? हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है। यह दिल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है, दिल की विफलता(हार्ट फेलियर), सीने में दर्द हो सकता है। यह मस्तिष्क को रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली धमनियों को भी फट या अवरुद्ध कर सकता है, जिससे स्

HEART ATTACK OR (M.I.)

 [3/1, 02:48] Dr.J.k Pandey: दिल के दौरे की संपूर्ण जानकारी: कारण, शुरुआती चतेावनी और उपचार के विकल्प [3/1, 04:10] Dr.J.k Pandey: दिल का दौरा (Heart attack)OR (myocardial infarction) भी कहा जाता है, तब होता है जब हृदय की मांसपेशी के एक हिस्से में पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता है। जितना अधिक आपका ब्लड सर्कुलेशन खराब होगा उतना ही ये हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाता है। कोरोनरी धमनी रोग (Coronary artery disease)। दरअसल,  दिल के दौरे का मुख्य कारण  कोरोनरी धमनी का एक गंभीर ऐंठन, या अचानक संकुचन है, जो हृदय की मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन को रोक सकता है। तो एस नजर डालते हैं हार्ट अटैक के कारण, लक्षण और निवारण पर।  हार्ट अटैक के कारण- दिल का दौरा तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों के एक हिस्से में ऑक्सीजन युक्त रक्त का प्रवाह अचानक अवरुद्ध हो जाता है और हृदय को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है।  (ischemic heart disease) रोग के परिणामस्वरूप होते हैं। ISCHEMIC हृदय रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोरोनरी धमनियों के अंदर पट्टिका नामक एक मोमी पदार्थ बनता है। ये धमनियां आपके दिल को ऑक्सीजन य