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CKD,RENAL FAILUR

 क्रोनिक किडनी फेल होना क्या होता है? जब कई वर्षों तक धीरे-धीरे ​गुर्दे की कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है, तो उसे क्रोनिक किडनी फेल होना कहा जाता है। इस बीमारी का अंतिम चरण स्थायी रूप से किडनी की विफलता (kidney failure) होता है। क्रोनिक किडनी फेल होने को क्रोनिक रीनल विफलता (chronic renal failure), क्रोनिक रीनल रोग (chronic renal disease) या क्रोनिक किडनी विफलता (chronic kidney failure) के रूप में भी जाना जाता है। जब गुर्दे की कार्य क्षमता धीमी होने लगती है और स्थिति बिगड़ने लगती है, तब हमारे शरीर में बनने वाले अपशिष्ट पदार्थों और तरल की मात्रा खतरे के स्तर तक बढ़ जाती है। इसके उपचार का उद्देश्य रोग को रोकना या धीमा करना होता है - यह आमतौर पर इसके मुख्य कारण को नियंत्रित करके किया जाता है। क्रोनिक किडनी रोग लोगों की सोच से कहीं अधिक विस्तृत है। जब तक यह रोग शरीर में अच्छी तरह से फैल नहीं जाता, तब तक इस रोग या इसके लक्षणों के बारे में कुछ भी पता नहीं चलता। जब किडनी अपनी क्षमता से 75 प्रतिशत कम काम करती है, तब लोग यह महसूस कर पाते हैं कि उन्हें गुर्दे की बीमारी है। किडनी फेल होने के चर

RENAL FAILURE (अल्पकालिक)

 Acute renal failure (ARF) : क्या है, कारण, लक्षण, इलाज एक्यूट रीनल फेलियर (ARF) में किडनी की क्षति अल्पकालीन किडनी की विफलता (एक्यूट रीनल फेलियर, acute renal failure(ARF)) वह है, जो कुछ घंटों या दिनों में शुरु हुई हो। “Renal” का अर्थ हिंदी में “किडनी से संभंधित” है। यह एक ऐसी गंभीर बीमारी है जो मरीज के शरीर में पहले से ही मौजूद कई अन्य बीमारियों (दिल की विफलता, यकृत विफलता, आदि) के साथ रह सकती है। अल्पकालीन किडनी की विफलता के अन्य बीमारियों के साथ मौजूद रहने के कई कारण हो सकते हैं। समझने के लिए महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर किडनी की विफलता के कारण ठीक से पता लगाया जाता है, और इलाज किया जाता है। इलाज से अल्पकालीन किडनी की विफलता पूरी तरह से ठीक  हो  सकती  है।    क्या होता है अल्पकालीन रीनल (किडनी) विफलता (Acute renal failure) अल्पकालीन किडनी की विफलता तब होती है जब आपकी किडनी अचानक से रक्त से अतिरिक्त लवण, तरल पदार्थ और अपशिष्ट पदार्थों को छानकर शरीर से बाहर निकालने की कार्यक्षमता को खो देती हैं। अल्पकालीन किडनी विफलता को अल्पकालीन किडनी क्षति (acute kidney injury,AKI) भी कहा जाता है। जो

HAEMOPHILIA AWARENESS

 [2/27, 01:59] Dr.J.k Pandey: ये एक आनुवांशिक बीमारी है जिसमें ख़ून का थक्का बनना बंद हो जाता है. जब शरीर का कोई हिस्सा कट जाता है तो ख़ून में थक्के बनाने के लिए ज़रूरी घटक खून में मौजूद प्लेटलेट्स से मिलकर उसे गाढ़ा कर देते हैं. इससे ख़ून बहना अपने आप रुक जाता है. जिन लोगों को हीमोफीलिया होता है उनमें थक्के बनाने वाले घटक बहुत कम होते हैं. [2/27, 02:05] Dr.J.k Pandey: हीमोफीलिया को ब्‍लीडिंग डिसऑर्डर (रक्तस्राव विकार) भी कहते हैं, यह एक जेनेटिक रोग है जो बहुत कम लोगों में पाया जाता है। हीमोफीलिया रोग में शरीर के बाहर बह रका खून जल्‍दी नहीं रुकता है। यही कारण है कि सामान्य व्यक्तियों की तुलना में हीमोफीलिया के मरीजों में रक्‍त के थक्के बनने में अधिक समय लगता है। गंभीर मामलों में, यह आंतरिक रक्तस्राव (Internal Bleeding) का कारण हो सकता है। ऐसी स्थिति में उपचार न मिलने पर व्‍यक्ति की मृत्‍यु भी हो सकती है। महिलाओं की तुलना में हीमोफीलिया पुरुषों को ज्‍यादा होता है। भारत में जन्‍मे प्रत्येक 5,000 पुरुषों में से 1 पुरुष को हीमोफीलिया रोग होता है। यानि कि हमारे देश में हर साल लगभग 1300 बच्च

FIRST AID

 किसी की जान बचाने के लिए प्राथमिक चिकित्सा एक एहम कदम हो सकता है। प्राथमिक चिकित्सा को अंग्रेजी में फर्स्ट ऐड (First Aid) कहा जाता है। एक्सीडेंट या चोट लगने के बाद तुरंत फर्स्ट ऐड देने से घायल व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। प्राथमिक चिकित्सा में सामान्य चोट के लिए पट्टी करना से लेकर सीपीआर (CPR) देने की प्रक्रिया तक शामिल हो सकती हैं। हर व्यक्ति को फर्स्ट ऐड देना आना चाहिए ताकि वह ज़रूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल कर सके। इस लेख में आप प्राथमिक चिकित्सा का मतलब, उसका महत्व, उद्देश्य, सिद्धांत और प्राथमिक चिकित्सा देने के तरीके जैसी बातों के बारे में जानेंगे। प्राथमिक चिकित्सा (फर्स्ट ऐड) क्या है -  प्राथमिक चिकित्सा का महत्व - (first aid) प्राथमिक चिकित्सा का उद्देश्य  प्राथमिक चिकित्सा के सिद्धांत  प्राथमिक चिकित्सा देने के नियम  प्राथमिक चिकित्सा कैसे करते हैं  प्राथमिक चिकित्सा (फर्स्ट ऐड) क्या है चोट लगने के बाद व्यक्ति को अस्पताल ले जाने से पहले किए जाने वाले सहायक इलाज को प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड कहते हैं। बीमार व्यक्ति की स्थिति को सुधारने के लिए भी फर्स्ट ऐड का प्रयोग किया जा

कीड़े मकोड़े का काटना INSECT BITE

 परिचय कीटों का काटना और डंक मारना आम हैं और आमतौर पर केवल मामूली जलन पैदा करता है। हालांकि, कुछ डंक दर्दनाक हो सकते हैं और गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया शुरू कर सकते हैं। एक कीट पेट भरने के लिए आपकी त्वचा में छेद बनाकर काटती है। अधिकांश कीड़े अपनी रक्षा करने के लिए आपकी त्वचा में जहर चुभा देते हैं। कीट के काटने या डंक मारने के लक्षण जब एक कीट काटता है, तो वह लार छोड़ता है जो काटी जाने वाली जगह के चारों ओर की त्वचा को लाल कर सकता है और वहाँ सूजन और खुजली भी हो सकती है। डंक का ज़हर अक्सर त्वचा पर सूजन, खुजली, लाल निशान (घाव का निशान) भी पैदा कर सकता है। यह दर्दनाक हो सकता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में नुकसान दायक नहीं होता है। प्रभावित क्षेत्र पर आमतौर पर कुछ दिनों तक दर्द और खुजली रहती है। काटने और डंक मारने की गंभीरता कीट के प्रकार और व्यक्ति की संवेदनशीलता के आधार पर भिन्न होती है। कीटों के काटने और डंक मारने से कभी कभी कुछ दुर्लभ मामलों में, कुछ लोगों को गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया (एनाफिलैक्सिस) हो सकती है जिसके लिए तत्काल चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है। कीटों के काटने और डंक मारने के लक

SCORPION AWARENESS

 बिच्छू अक्सर घरों के अंदर दरारों में अपना घर बनाते हैं, बिच्छू अन्य छोटे स्थानों जैसे चट्टानों के नीचे और जलाऊ लकड़ी में भी रहते हैं। यह आश्चर्यजनक है कि ये क्षेत्रीय भी होते हैं। यदि आप बिच्छू के सामने अनजाने से आजाते हैं तो बहुत सम्भव है कि वह आत्मरक्षा के लिए आपको जहरीला डंक मार दे । बिच्छू के डंक से पीड़ित रोगीयों से निम्नलिखित प्रश्‍न पूछे जाने चाहिए: डंक मारने का समय घटना की प्रकृति स्थान विशेष और सामान्य लक्षण अधिकांश बिच्छुओं का डंक हानिकारक नहीं होता है और शरीर के जिस भाग पर बिच्छू ने डंक मारा हो उसके आसपास केवल दर्द ही होता है। लेकिन अधिक खतरनाक बिच्छुओं का डंक जानलेवा भी हो सकता है। लक्षण डंक लगने के निम्नलिखित व इनके अलावा और भी कई लक्षण हो सकते हैं : पूरे शरीर में सुनापन साँस लेने में कठिनार्इ निगलने में कठिनार्इ जीभ में सूजन होना और मुख में अत्यधिक लार आना जी मचलाना और उल्टी होना वाणी का अस्पष्ट होना बेचैनी होना दौरे पड़ना धुंधला दिखाई देना मांसपेशियों का अचानक फड़कना आँखों का फिरना अल्प रक्तचाप हृदय की धड़कन का असामान्य रूप से धीमा पड़ना अनियंत्रित मल त्याग या मूत्र होना घ

सर्प दंश अवेयरनेस

  सांप के काटने का इलाज (Snake bite) का उपचार क्या है? सांप के काटने का इलाज (Snake bite) एक जहरीले या गैर विषैले सांप (venomous or non-venomous snake) के झुकाव के कारण एक शारीरिक puncturing घाव है। यह दर्द और उल्टी, पक्षाघात (pain and vomiting, paralysis) और कभी-कभी मौत जैसे लक्षणों की ओर जाता है। एक जहरीले (जहरीले) सांप काटने (venomous (poisonous) snake bite) के मामले में, सांप घुमावदार त्वचा घाव या श्लेष्म झिल्ली या आंखों में जहरीले इंजेक्शन देता है जहां विषाक्त पदार्थ अवशोषित किया जा सकता है। एक nonvenomous (गैर विषैले) सांप काटने (nonvenomous (non-poisonous) snake bite) के मामले में, विषाक्तता गुप्त या इंजेक्शन (secreted or injected) नहीं है। किसी भी मामले में, रोगी को तत्काल उपचार के साथ प्रदान किया जाना चाहिए। सांप के काटने (Snake bite) से उत्पन्न लक्षणों के प्रकार को चार श्रेणियों (four categories) के तहत समूहीकृत (grouped) किया जा सकता है। वे कार्डियोटॉक्सिन (Cardiotoxins) हैं जो हृदय ऊतक (heart tissue), न्यूरोटॉक्सिन्स (Neurotoxins) पर कार्य करते हैं जो तंत्रिका तंत्र ऊतक (ne