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Hemangioma and homoeopathy

 [4/24, 12:09] Dr.J.k Pandey: रक्तवाहिकार्बुद (हेमन्जिओमा) -


त्वचा या अन्य आंतरिक अंगों में विकसित होने वाली रक्त वाहिका को हेमेनजियोमा कहा जाता है। यह जन्म के दौरान होने वाले सामान्य निशान (जन्म चिन्ह) होते  हैं, जो अक्सर शिशु के सिर, गर्दन या धड़ पर देखे जाते हैं। इनका रंग आमतौर पर लाल या नीले रंग का हो सकता है। हेमेनजियोमा में विकसित होने वाले निशान ज्यादातर मामलों में अपने आप ठीक हो जाते हैं। लेकिन इसके कुछ मामलों में शिशु को देखने, सुनने या खाने आदि में परेशानी पैदा करने लग जाते हैं, जिनका इलाज करवाना पड़ता है। इनका इलाज आमतौर पर कोर्टिकोस्टेरॉयड व अन्य दवाओं के साथ किया जाता है।



हेमेनजियोमा क्या है - What is Hemangioma in Hindi

हेमेनजियोमा के प्रकार - Types of Hemangioma in Hindi

रक्तवाहिकार्बुद के लक्षण - Hemangioma Symptoms in Hindi

हेमेनजियोमा के कारण व जोखिम कारक - Hemangioma Causes & Risk Factors in Hindi

हेमेनजियोमा का परीक्षण - Diagnosis of Hemangioma in Hindi

रक्तवाहिकार्बुद का उपचार - Hemangioma Treatment in Hindi

हेमेनजियोमा की जटिलताएं - Hemangioma Complications in Hindi

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रक्तवाहिकार्बुद (हेमन्जिओमा) के डॉक्टर


हेमेनजियोमा क्या है - What is Hemangioma in Hindi

हेमेनजियोमा या रक्तवाहिकार्बुद तब होता है, जब अतिरिक्त रक्त वाहिकाएं विकसित हो जाती हैं। एक्टर्नल (बाहरी) हेमेनजियोमा त्वचा पर एक लाल चिन्ह की तरह दिखता है। इसे “वेस्कुलर बर्थमार्क” या “इन्फेंटाइल हेमेनजियोमा” के नाम से भी जाना जाता है। हेमेनजियोमा से आमतौर पर किसी प्रकार की समस्या नहीं होती है, सिवाए इनके त्वचा पर दिखने के। अक्सर ये बिना इलाज किए ही अपने आप ठीक हो जाते हैं।


 

हेमेनजियोमा के प्रकार - Types of Hemangioma in Hindi

हेमेनजियोमा कितने तरह के होते हैं?


हेमेनजियोमा के निम्न प्रकार होते हैं:


केपिलरी हेमेनजियोमा:

केशिकाओं में होने वाले रक्तवाहिकार्बुद आमतौर पर त्वचा की सतह में ही दिखते हैं। यह तब होता है, जब बहुत अधिक छोटी-छोटी रक्त वाहिकाएं जिन्हें केशिकाएं कहा जाता है विकसित हो जाती हैं। संयोजी ऊतक इस केशिकाओं को एक साथ थाम कर रखते है। यदि इन छोटी रक्त वाहिकाओं का समूह बड़ा हो गया है, तो हेमेनजियोमा त्वचा से थोड़ा उभर सकता है और इसकी रचना स्पंजी हो सकती है। इस तरह के हेमेनजियोमा आमतौर पर शिशु को होते हैं।

 

केवर्नस हेमेंजियोमा:

यह त्वचा की अंदरूनी सतह में मौजूद रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है। यह तब होता है, जब बड़ी रक्त वाहिकाएं फैल या चौड़ी हो जाती हैं। ये रक्त वाहिकाएं एक दूसरे से कस कर जड़ी नहीं होती हैं और इनके बीच में खाली स्थान होता है। जब इस खाली स्थान में रक्त जमा हो जाता है, तो रक्त वाहिकाएं फैलने के परिणामस्वरूप केवर्नस हेमेंजियोमा विकसित हो जाता है।

 

लेबर केपिलरी हेमेंजियोमा:

जब बहुत सारी रक्त वाहिकाएं एक साथ मिलकर एक गांठ का रूप धारण कर लेती हैं। इस प्रकार के हेमेनजियोमा से आसानी से खून निकलने लग जाता है। 

कुछ अन्य प्रकार के हेमेनजियोमा भी हो सकते हैं जो शरीर के अंदर विकसित होते हैं, उदाहरण के लिए लीवर हेमेनजियोमा।


 

रक्तवाहिकार्बुद के लक्षण - Hemangioma Symptoms in Hindi

हेमेनजियोमा के क्या संकेत होते हैं?


हेमेनजियोमा विकसित होने के दौरान व बाद में आमतौर पर किसी प्रकार के लक्षण पैदा नहीं करता है। हालांकि कुछ स्थितियों में इनसे लक्षण भी विकसित हो सकते हैं, जैसे हेमेनजियोमा का आकार बढ़ जाना, संवेदनशील जगह पर विकसित हो जाना या फिर एक साथ कई हेमेनजियोमा विकसित हो जाना। त्वचा पर होने वाला हेमेनजियोमा आमतौर पर एक लाल रंग की छोटी सी खरोंच या गांठ के जैसा दिखाई देता है। जैसे ही यह बड़ा होता है, तो यह बरगंडी रंग के बर्थमार्क जैसा दिखने लग जाता है। त्वचा पर होने वाला हेमेनजियोमा (स्किन हेमेनजियोमा) को आमतौर पर स्ट्रॉबेरी हेमेनजियोमा कहा जाता है, क्योंकि यह गहरे लाल रंग का दिखाई देता है। इस तरह के हेमेनजियोमा आमतौर पर गर्दन या चेहरे पर दिखाई देते हैं।


डॉक्टर को कब दिखाएं?


आपके बच्चे के डॉक्टर नियमित रूप से जांच करने के दौरान हेमेनजियोमा की जांच भी करते रहेंगे। यदि हेमेनजियोमा से खून आ रहा है या दर्द हो रहा है या फिर आपको लगता है कि इसमें संक्रमण हो गया है, तो ऐसे में उसे डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।


यदि यह हेमेनजियोमा के कारण आपके बच्चे को देखने, सांस लेने, सुनने या अन्य किसी गतिविधि करने में समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से मदद प्राप्त कर लेनी चाहिए।


 

हेमेनजियोमा के कारण व जोखिम कारक - Hemangioma Causes & Risk Factors in Hindi

हेमेनजियोमा क्यों होता है?


रक्तवारिकार्बुद अतिरिक्त रक्तवाहिकाएं विकसित होने पर बनता है, जो आपस में मिलकर एक घने समूह के रूप में विकसित हो जाती हैं। हेमेनजियोमा के प्रकार के अनुसार उसके कारण भी अलग-अलग हो सकते हैं:


स्किन हेमेनजियोमा


त्वचा पर विकसित होने वाला हेमेनजियोमा तब विकसित होता है, जब त्वचा के किसी हिस्से में मौजूद रक्त वाहिकाओं में असामान्य रूप से प्रसार होने लगता है। डॉक्टर व विशेषज्ञ अभी तक इसके कारण का निश्चित रूप से पता नहीं लगा पाए हैं, कि आखिर क्यों रक्त वाहिकाएं एक समूह के रूप में विकसित हो जाती हैं। हालांकि उनका मानना है, कि यह गर्भकाल (जब भ्रूण गर्भ में होता है) के दौरान गर्भनाल में उत्पन्न होने वाले कुछ विशेष प्रोटीन के कारण हो सकता है।


त्वचा पर होने वाले हेमेनजियोमा त्वचा की ऊपरी सतह पर भी हो सकता या फिर त्वचा के निचली वसायुक्त त्वचा पर भी हो सकता है, जिसे चमड़ी के नीचे की परत (सबक्युटेनस लेयर) भी कहा जाता है। शुरुआत में हेमेनजियोमा त्वचा पर एक लाल चिन्ह (बर्थमार्क) के रूप में विकसित होता है। धीरे-धीरे यह बाहर की तरफ उभरने लग जाता है। 


लीवर हेमेनजियोमा


लीवर की सतह पर विकसित होने वाले हेमेनजिया को लीवर हेमनजियोमा कहा जाता है। इस हेमेनजियोमा एस्ट्रोजन के प्रति संवेदनशील माना जाता है। रजोनिवृत्ति के दौरान कई महिलाओं को एस्ट्रोजन दिया जाता है, ताकि प्राकृतिक एस्ट्रोजन के स्तर में कमी के कारण होने वाले लक्षणों से बचाव किया जा सके। हालांकि अधिक एस्ट्रोजन होना लीवर हेमेनजियोमा का कारण बन सकता है। इसी तरह गर्भावस्था और कभी-कभी गर्भनिरोधक गोलियां भी हेमेनजियोमा के आकार को बढ़ा सकती है। 


हेमेनजियोमा होने का खतरा कब बढ़ता है?


हेमेनजियोमा आमतौर पर बच्चों में होता है, लेकिन इसके मामले ज्यादातर उन बच्चों में देखे गए हैं, जिनका लिंग लड़की, रंग सफेद और जिनका जन्म समय से पहले हो गया हो।


हेमेनजियोमा का परीक्षण - Diagnosis of Hemangioma in Hindi

हेमेनजियोमा की जांच कैसे की जाती है?


आमतौर पर त्वचा पर होने वाले हेमेनजियोमा का परीक्षण करने के लिए किसी विशेष प्रकार के टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ती है। शारीरिक परीक्षण के दौरान डॉक्टर हेमेनजियोमा को देखकर ही उसकी जांच कर लेते हैं। आमतौर पर बच्चे के 5 से 10 साल का होने तक हेमेनजियोमा गायब हो जाता है या छोटा होने लग जाता है। 


हेमेनजियोमा गायब होने के बाद निम्न निशान छोड़ सकता है:


प्रभावित त्वचा का रंग सामान्य के मुकाबले थोड़ा हल्का पड़ जाना

छोटी रक्तवाहिका दिखाई देना

त्वचा में खिंचाव आने पर झुर्रियां पड़ जाना

प्रभावित त्वचा में छोटी सी विकृति दिखाई देना

कॉस्मेटिक्स सर्जरी की मदद से अनचाहे निशानों में सुधार किया जा सकता है।

 

रक्तवाहिकार्बुद का उपचार - Hemangioma Treatment in Hindi

हेमेनजियोमा का इलाज कैसे किया जाता है?


हेमेनजियोम का इलाज करना हमेशा आवश्यक नहीं होता है, क्योंकि ये आमतौर पर समय के साथ अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन अगर हेमेनजियोमा के कारण दृष्टि संबंधी या अन्य समस्याएं हो रही हैं, तो इसका इलाज करने की आवश्यकता पड़ती है जिसमें दवाएं व लेजर सर्जरी आदि शामिल हैं:


कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं:

हेमेनजियोमा की वृद्धि को कम करने के लिए कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाओं को इंजेक्शन की मदद से हेमेनजियोमा में डाला जाता है। इसकी मदद से सूजन को रोक दिया जाता है।

 

बीटा ब्लॉकर दवाएं:

इसमें ऐसी दवाएं शामिल हैं, जिसे प्रभावित त्वचा पर लगाया जाता है, जैसे टिमोलोल जेल। इस दवा को दिन में कई बार लगातार 6 से 12 महीने तक इस्तेमाल किया जाता है। इस दवाओं का इस्तेमाल सिर्फ छोटे आकार के व त्वचा की ऊपरी सतह पर विकसित होने वाले हेमेनजियोमा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इन दवाओं की मदद से ऐसे हेमेनजियोमा का इलाज करने में भी मदद मिलती है, जिनमें अल्सर आदि बन गए हैं। इन दवाओं को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है।

 

लेजर ट्रीटमेंट:

लेजर सर्जरी की मदद से हेमेनजियोमा को हटा दिया जाता है। कुछ मामलों में डॉक्टर लेजर ट्रीटमेंट का उपयोग सिर्फ लालिमा को कम करने और ठीक होने की गति (हीलिंग) को बढ़ाने के लिए करते हैं।

 

मेडिकेटेड जेल:

इसे बेकैप्लेर्मिन (रिग्रानेक्स) भी कहा जाता है, इसका उपयोग आमतौर पर हेमेनजियोमा के ऊपर बने अल्सर का इलाज करने के लिए किया जाता है। इस जेल की मदद से हेमोनजियोमा का इलाज नहीं किया जा सकता है। हालांकि यदि अन्य इलाज काम ना कर पाएं, तो इस ट्रीटमेंट को सेकेंड लाइन ट्रीटमेंट के रूप में किया जा सकता है। लेकिन अगर इस उपचार प्रक्रिया का इस्तेमाल बार-बार किया जाए, तो इसके कारण मरीज को कैंसर हो सकता है, जिसके जानलेवा परिणाम भी हो सकते हैं। यह ट्रीटमेंट करवाने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार बात कर लें।

 

सर्जरी:

यदि हेमेनजियोमा का आकार बड़ा है और यह किसी संवेदनशील त्वचा पर है, जैसे आंख तो ऐसे में डॉक्टर इसे निकालने के लिए सर्जरी की मदद ले सकते हैं। 

यदि आप अपने बच्चे के हेमेनजियोमा का इलाज करवाना चाहते हैं, तो पहले डॉक्टर से इसके फायदे व नुकसान आदि के बारे में बात कर लें। यह बात ध्यान में रखें कि ज्यादातर प्रकार के हेमेनजियोमा आमतौर पर उनके बचपन के दौरान अपने आप ठीक हो जाते हैं और इसके इलाज के संभावित रूप से कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।


हेमेनजियोमा की जटिलताएं - Hemangioma Complications in Hindi

हेमेनजियोमा से क्या परेशानियां उत्पन हो सकती हैं?


कभी कभार हेमेनजियोमा फट कर एक घाव बन जाता है। ऐसा होने पर प्रभावित त्वचा में खून बहना, संक्रमण, स्कार (खरोंच जैसे निशान) और दर्द आदि हो सकता है। हेमेनजियोमा के कारण आपके बच्चे को देखने, सुनने या सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, हालांकि यह निर्भर करता है कि हेमोनजियोमा कहां पर विकसित हुआ है और ऐसी स्थितियां काफी कम देखी जाती हैं।

[4/24, 12:13] Dr.J.k Pandey: Hemangioma की समस्या के लिए होम्योपैथिक दवाईयाँ

Arnica Montana 6 CH :- यह दवाई Hemangioma के लिए बहुत ही फायदेमंद है। यह दवाई रक्त कोशिकाओं पर प्रभाव डालती है। रक्त कोशिकाओं में जो खून जमा होता है और जिस कारण Hemangioma हो जाता है यह दवाई उसे निकालने के लिए तथा रक्त को शरीर के अन्य हिस्सों तक सही तरीके से पहुंचने के लिए लाभदायक है।


दवा लेने की विधि :- जिन बच्चो को Hemangioma है उन्हें इसकी एक-एक बूँद दिन में तीन बार देनी है, अगर आप बड़े है और आपको यह समस्या है तो आपको अर्निका 30 CH में प्रयोग करनी है और इसका भी सेवन दिन में तीन बार करने है एक-एक बूँद।


Calcarea Flourica :- अगर हमारे शरीर में कही भी कोई भी कोशिका सामान्य से अधिक बढ़ती है तो यह दवाई उस समस्या के लिए बहुत ही लाभदायक है। यह दवाई हमारे शरीर से Tumor को हटाने के लिए बहुत ही असरदार है।


दवा लेने की विधि :- बच्चो को यह दवाई देने के लिए एक चम्मच पानी में तीन गोली Calcarea Flourica 3x घोलनी है और पिलाना है, यह ऐसे आपको दिन में तीन बार पिलाना है। यदि आप बड़े है तो आपको छः-छः गोलिया चुसनी है दिन में तीन बार।



Hamamelis 30 CH :- अगर रक्त कोशिकाओं में कही भी असामान्य वृद्धि हो जाये तो यह दवाई बहुत ही लाभदायक है। रक्त कोशिकाएं अगर कभी भी सामान्य से अधिक बढ़ जाती है तो वहाँ पर अधिक खून जम जाता है तब कई सारी समस्याएं होती है उनमे से एक Hemangioma भी है। ये दवाई उन सभी समस्याओं के लिए असरदार है।


दवा लेने की विधि :- बच्चो को देने के लिए इसकी एक-एक बूँद दिन में दो बार देनी है और बड़े इसका सेवन दिन में तीन बार करें।


Thuja Occidentalis 1000 CH :- Thuja बाहर ही असरदार दवाई है Tumor को ठीक करने के लिए और उसमे जमे खून को शरीर के बाकी हिस्सों में पहुंचने के लिए। Hemangioma के Tumor के लिए भी यह अच्छी है।


दवा लेने की विधि :- Thuja आपको दो बूँद सप्ताह में एक बार लेनी है। जैसे हर रविवार को केवल सुबह इसकी दो बूँद लेनी है।


इन सभी दवाइयों का सेवन आपको तबतक करना है जब तक Hemangioma पूरी तरह ठीक न हो जाये। ये सभी दवाईयां हर प्रकार के Hemangioma के लिए लाभदायक है। हर दवाई के बीच कम से कम दस मिनट का अंतर जरूर रखना है।





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