कान में दर्द की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Ear pain
homeopathic medicine and treatm कान में दर्द की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Ear pain homeopathic medicine and treatment in Hind
कान में दर्द को ओटाल्जिया भी कहा जाता है। बता दें, यह एक सामान्य लक्षण है, जो कि कई संभावित कारणों की वजह से हो सकता है। कान के अंदर या बाहरी हिस्से में दर्द होने से अक्सर सुनने में दिक्कत हो सकती है। हालांकि, जब कान के अंदर किसी समस्या की वजह से दर्द होता है और टेस्ट में इसका कारण पता चल जाता है तो इसे प्राइमरी ओटाल्जिया कहते हैं, लेकिन जब इसके विपरीत होता है यानी कान के अंदर बिना किसी समस्या के दर्द होता है तो इसे सेकंडरी ओटाल्जिया कहते हैं।
प्राइमरी ओटाल्जिया के सबसे सामान्य कारणों में ओटाइटिस मीडिया (इयरड्रम के पीछे हवा से भरे स्थान में संक्रमण), ओटाइटिस एक्सटर्ना (बाहरी कान और इयरड्रम के बीच की नलिका की सूजन), कीट की तरह कान में कोई बाहरी हानिकारक चीजें होना और बेरोट्रॉमा (पर्यावरणीय दबाव में बदलाव होने की वजह से चोट आना, अक्सर यह दबाव फ्लाइट उड़ने के दौरान या स्कूबा डाइविंग के दौरान होता है) शामिल है।
सेकंडरी ओटाल्जिया के सबसे सामान्य कारणों में दांत से जुड़े विकार, ग्रसनी (मुंह और नाक की गुहा के पीछे स्थिति गले का हिस्सा) की सूजन और सर्वाइकल स्पाइन में गठिया शामिल है।
50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति और जो लोग धूम्रपान या अल्कोहल का सेवन करते हैं या मधुमेह से पीड़ित हैं, उनमें कान के दर्द का खतरा अधिक होता है। कान के दर्द का उपचार अंतर्निहित कारणों पर निर्भर करता है। इसमें दर्द निवारक और एंटीबायोटिक दिए जाते हैं।
फिलहाल, परंपरागत दवाओं के अलावा इस मर्ज के लिए होम्योपैथी चिकित्सा भी ली जा सकती है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति को उनके लक्षणों, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य व अन्य जरूरी बातों को ध्यान में रखकर दवाइयां निर्धारित की जाती हैं। कान के दर्द का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ होम्योपैथिक दवाओं में पल्सेटिला प्रेटेंसिस, हेपर सल्फर, प्लांटैगो मेजर, एकोनिटम नैपेलस, बेलाडोना, कैमोमिला, कैप्सिकम एन्नम, वर्बस्कम थैपसस, मर्क्यूरियस सॉलबिलिस और फेरम फास्फोरिकम।
(और पढ़ें - सुनने में परेशानी के उपाय)
कान में दर्द की होम्योपैथिक दवा - Homeopathic medicines for ear pain in Hindi
कान में दर्द के लिए होम्योपैथी के अनुसार बदलाव - Diet according to homeopathy for Ear Pain in Hindi
कान में दर्द के लिए होम्योपैथिक दवाएं और उपचार कितने प्रभावी हैं - How much effective homeopathic medicine for Ear Pain in Hindi
कान दर्द के लिए होम्योपैथिक दवा के जोखिम - Disadvantages of homeopathic medicine for Ear Pain in Hindi
कान में दर्द का होम्योपैथिक उपचार से संबंधित टिप्स - Tips related to homeopathic treatment for Ear Pain in Hindi
कान में दर्द की होम्योपैथिक दवा और इलाज के डॉक्टर
कान में दर्द की होम्योपैथिक दवा - Homeopathic medicines for ear pain in Hindi
निम्नलिखित कुछ होम्योपैथिक दवाइयों की जानकारी दी गई है, जिनका उपयोग कान के दर्द के उपचार के लिए किया जाता है :
पल्सेटिला प्रेटेंसिस
सामान्य नाम : विंड फ्लावर
लक्षण : इस उपाय से निम्नलिखित लक्षणों का इलाज किया जाता है
बाहरी कान में लालिमा और सूजन
ऐसा महसूस करना जैसे किसी चीज को कान से बाहर धकेला जा रहा है
कान में सूजन और संक्रमण
कान का दर्द जो रात में बिगड़ जाता है
सुनने में कठिनाई
कान से मोटा डिस्चार्ज होना, जिसमें से गंदी महक आती है
कान भरे हुए महसूस होना
यह लक्षण शाम को, कुछ खाने के बाद (खासकर वसायुक्त खाने के बाद) और गर्म माहौल में खराब हो जाते हैं। इन लक्षणों में ठंडे खानपान, खुली हवा में समय बिताने और शारीरिक गतिविधयों से सुधार होता है।
बेलाडोना
सामान्य नाम : डेडली नाइटशेड
लक्षण : डेडली नाइटशेड लालिमा, जलन और थ्रोबिंग सेंसेशन (धमक जैसा एहसास) का अनुभव करने वाले व्यक्तियों के लिए सबसे उपयुक्त है। इस उपाय से निम्नलिखित लक्षणों को भी ठीक किया जा सकता है :
कान का दर्द जो डेलीरियम (मानसिक क्षमताओं में गंभीर रूप से गड़बड़ी जिसकी वजह से सोच भ्रमित और जागरुकता की कमी हो जाती है) का कारण बनता है
कान में तेज दर्द, विशेष रूप से बाहरी और मध्य कान में
तेज आवाज के प्रति संवेदनशील होना
मध्य कान की सूजन
कान में बहुत तेज दर्द होना
कान बजना
पैरोटिड ग्रंथियों की सूजन, यह मुंह के दोनों ओर कानों के सामने मौजूद सबसे बड़ी लार ग्रंथि है
यूस्टेशियन ट्यूब से जुड़े लक्षण, यह ट्यूब कान को नेसोफैरिंक्स (नाक की गुहा के पीछे और गले का ऊपरी हिस्सा) से जोड़ती है
यह लक्षण दोपहर, छूने पर, शोर में और लेटने पर बिगड़ जाते हैं। मरीज तब बेहतर महसूस करता है जब वे सेमी-इरेक्ट (लेटने व बैठने के बीच वाली स्थिति) पोजिशन में रहते हैं।
र्क्यूरियस सॉलबिलिस
सामान्य नाम : क्विकसिल्वर
लक्षण : सूजन और मवाद के डिस्चार्ज के उपचार में क्विकसिल्वर थेरेपी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस उपाय का उपयोग करके कुछ अन्य लक्षणों को भी प्रबंधित किया जा सकता है जैसे :
कानों से मोटा और पीला डिस्चार्ज; डिस्चार्ज में खून भी आ सकता है
कान की बाहरी गुहा में फोड़े
सिर में तेज दर्द होना
यह लक्षण नम और उमसभरे वातावरण में रहने, दाईं करवट लेटने और रात में खराब हो जाते हैं। गर्म कमरे में पसीना आने या गर्म बिस्तर से भी यह लक्षण खराब होते हैं।
हेपर सल्फर
सामान्य नाम : हैनिमैन कैल्शियम सल्फाइड
लक्षण : ग्रंथियों में सूजन व मवाद बनने की प्रवृत्ति में हेपर सल्फर उपयोगी है। यह कान दर्द से जुड़े कुछ अन्य लक्षणों को भी ठीक करता है :
कान और उसके पीछे की त्वचा पर पपड़ी आना
कानों से मवाद आना
कानों में धमक महसूस होना
सुनने में कठिनाई
मास्टॉयड हड्डी की सूजन, जो कान के पीछे मौजूद होती है
बाहरी कान में फफोले
स्कार्लेट फीवर (जीवाणु संक्रमण के कारण होने वाला एक प्रकार का बुखार) के बाद होने वाला बहरापन
यह लक्षण दर्द वाले हिस्से के बल लेटने, ठंडी और शुष्क हवाओं में रहने से बिगड़ जाते हैं। कुछ खाने के बाद, सिर को लपेटने और उमसभरे मौसम में इनमें सुधार होता है।
प्लांटैगो मेजर
सामान्य नाम : प्लांटेन
लक्षण : प्लांटेन मुख्य रूप से कान के दर्द और मध्य कान में सूजन के इलाज के लिए उपयोगी है। इसके अलावा निम्नलिखित कुछ अन्य लक्षण भी बताए गए हैं, जिन्हें इस उपाय का उपयोग करके प्रबंधित किया जा सकता है :
शोर बढ़ने से दर्द बढ़ना
कान में तेज और अचानक दर्द होना
दांत के दर्द के साथ कान का दर्द होना
कान का दर्द जो एक कान से दूसरे कान की ओर बढ़ता है।
एकोनिटम नेपेलस
सामान्य नाम : मौंकशूड
लक्षण : यह उपाय बेचैनी, आंतरिक भागों में जलन, सुन्न होना, ठंड लगना और निम्नलिखित लक्षणों के साथ सिहरन जैसी स्थितियों के ट्रीटमेंट में कारगर है :
शोर के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होना
कान में पानी की बूंद होने का एहसास होना
बाहरी कान में लालिमा और सूजन
सिरदर्द के साथ सिर में भारीपन
यह लक्षण शाम और रात, गर्म माहौल, दर्द वाले हिस्से के बल लेटने और स्मोकिंग से खराब होते हैं, जबकि खुली हवा में समय बिताने से रोगी को राहत महसूस होती है।
कैमोमिला
सामान्य नाम : जर्मन कैमोमाइल
लक्षण : जर्मन कैमोमाइल का उपयोग मुख्य रूप से बहुत तेज दर्द, सुन्न होना और रात में पसीना आने के इलाज के लिए किया जाता है। कुछ अन्य लक्षण जिनका कैमोमिला का उपयोग करके इलाज किया जा सकता है वे हैं :
ऐसा एहसास मानो एक कान सही से कार्य नहीं कर रहा है
कान बजना
पैरोटिड ग्रंथि में सूजन
कानों में चुभन जैसा दर्द
कान में सूजन
यह लक्षण रात में और जब व्यक्ति खुली हवा में समय बिताता है, हवा या गर्मी के संपर्क में आने पर बिगड़ते हैं। भावनाएं जैसे क्रोधित होने से भी लक्षण बिगड़ते हैं, लेकिन गर्म और नम मौसम में इनमें सुधार होता है।
कैप्सिकम एन्नम
सामान्य नाम : केयेन पेपर
लक्षण : यह उपाय मुख्य रूप से पेट्रायूस बोन की सूजन के प्रबंधन के लिए उपयोग किया जाता है। बता दें, पेट्रायूस बोन खोपड़ी के किनारे स्थित एक हड्डी है। इस उपाय के माध्यम से शरीर में ठंडक और जलन का इलाज किया जा सकता है। इस दवा द्वारा प्रबंधित किए जाने वाले कुछ अन्य लक्षणों में शामिल हैं :
मास्टॉयड बोन की सूजन
कान में जलन और चुभन
पेट्रायूस बोन को छूने पर दर्द होना
कान के पीछे वाले हिस्से में दर्द और सूजन
कानों से डिस्चार्ज होना
खुली हवा में रहने और जब कानों को कवर नहीं करते हैं तो ऐसे में लक्षण खराब हो जाते हैं। जबकि गर्मी और भोजन करते समय रोगी बेहतर महसूस करता है।
वर्बस्कम थैपसस
सामान्य नाम : म्यूलेन
लक्षण : यह उपाय कान सहित शरीर के कई हिस्सों पर प्रभाव डालता है और यह सूजन व सर्दी के लिए भी एक उपयोगी उपाय है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों को भी ठीक करता है :
बहरापन
कान में दर्द के साथ ऐसा एहसास होना जैसे कान में कुछ फंस गया हो
कान की नलिका में सूखापन और पपड़ी
यह लक्षण सुबह 9 से शाम 4 बजे के बीच, छींकने पर, बात करने और वातावरण में बदलाव होने से खराब हो जाते हैं।
फेरम फास्फोरिकम
सामान्य नाम : फॉस्फेट ऑफ आयरन
लक्षण : इस उपाय से निम्नलिखित लक्षणों का प्रबंधन किया जा सकता है :
कान में संक्रमण
कान में सूजन
कान में धमक जैसा एहसास होना
मवाद बनना
इयरड्रम में लालिमा और उभार
यह लक्षण रात में, छूने से, 4 से 6 बजे के बीच बिगड़ जाते हैं जबकि ठंडी सिकाई से रोगी बेहतर महसूस करता है।
कान में दर्द के लिए होम्योपैथी के अनुसार बदलाव - Diet according to homeopathy for Ear Pain in Hindi
होम्योपैथिक दवाएं अत्यधिक पतली व घुलनशील होती हैं। इसलिए बाहरी कारकों की वजह से बड़ी आसानी से इन दवाओं का असर कम हो सकता है। ऐसे में होम्योपैथी डॉक्टर उपाय निर्धारित करने के साथ-साथ खानपान में जरूरी बदलाव करने की सलाह देते हैं।
क्या करना चाहिए
स्वच्छ वातावरण में रहें और खुद की भी सफाई रखें
पोषक तत्वों से भरा संतुलित और स्वस्थ आहार लें
एक्टिव रहें और ताजी व खुली हवा में रहें और नियमित रूप से व्यायाम करें
क्या नहीं करना चाहिए
तेज महक वाली कैफीन (चाय, कॉफी इत्यादि) और पेय पदार्थों को न लें।
औषधीय गुणों वाले मसालेदार भोजन और खाद्य पदार्थ न खाएं।
भोजन में जरूरत से ज्यादा नमक और चीनी लेने से बचें।
क्रोधित और शोक जैसी भावनाओं से बचें, क्योंकि इससे ओवरएक्जरशन हो सकता है।
(और पढ़ें - ज्यादा नमक खाने के नुकसान)
कान में दर्द के लिए होम्योपैथिक दवाएं और उपचार कितने प्रभावी हैं - How much effective homeopathic medicine for Ear Pain in Hindi
होम्योपैथिक डॉक्टर कान दर्द के उपचार के लिए कई दवाएं लिख सकते हैं जो कि असरदार व सुरक्षित हैं।
ब्रिटिश होम्योपैथिक एसोसिएशन का सुझाव है कि बेलाडोना, हेपर सल्फर और पल्सेटिला प्रैटेंसिस का उपयोग कान के संक्रमण के प्रबंधन में किया जा सकता है। फेरम फास्फोरिकम की मदद से कान के दर्द के उपचार में तेजी से राहत मिलती है, खासकर जब व्यक्ति को बुखार नहीं होता है। इसके अलावा एकोनाइट उन लोगों में असरदार है जिन्हें बुखार और बेचैनी के साथ अचानक से कान में दर्द महसूस होता है।
कान दर्द, बहती नाक, गले में खराश, साइनस के दर्द या खांसी की समस्या से ग्रस्त वयस्कों और बच्चों दोनों में होम्योपैथिक उपचार की प्रभावशीलता को जानने के लिए एक तुलनात्मक नैदानिक अध्ययन किया गया। प्रतिभागियों को उपचार के तरीको के आधार पर अलग-अलग समूहों में बाटा गया गया। व्यक्तिगत लक्षणों के आधार पर लगभग 62 होम्योपैथिक उपचार लोगों के लिए निर्धारित किए गए थे, जबकि अन्य समूह के लिए 190 पारंपरिक दवाओं का इस्तेमाल किया गया। इस शोध में इस्तेमाल की जाने वाली टॉप की 10 होम्योपैथिक दवाओं में से बेलाडोना, पल्सेटिला प्रैटेंसिस, हेपर सल्फर और मर्क्यूरियस सोल्यूबिल शामिल थे। इन होम्योपैथिक उपचारों को पारंपरिक दवाओं के समान प्रभावी पाया गया। अध्ययन ने निष्कर्ष निकला कि होम्योपैथिक उपचार आधुनिक दवाओं की तुलना में कान के दर्द के इलाज में समान रूप से प्रभावी हैं साथ ही बच्चों में यह सुरक्षित हैं
कान दर्द के लिए होम्योपैथिक दवा के जोखिम - Disadvantages of homeopathic medicine for Ear Pain in Hindi
होम्योपैथिक दवाएं प्राकृतिक चीजों से तैयार की जाती हैं और यह घुलनशील रूप में होती हैं, इसीलिए इनका कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है। इन दवाओं का उपयोग दुष्प्रभाव के जोखिम के बिना कई बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है। होम्योपैथिक उपचार बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों में भी उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं। यदि आप भी होम्योपैथी दवाएं लेने की सोच रहे हैं तो होम्योपैथिक डॉक्टर से परामर्श करें, क्योंकि एक अनुभवी होम्योपैथी डॉक्टर हमेशा दवाइयां निर्धारित करने से पहले व्यक्ति के लक्षणों के अलावा उसकी मानसिक और शारीरिक स्थिति, मेडिकल व फैमिली हिस्ट्री चेक करते हैं, ताकि मरीज को सटीक दवा दी जा सके।
कान में दर्द का होम्योपैथिक उपचार से संबंधित टिप्स - Tips related to homeopathic treatment for Ear Pain in Hindi
कान दर्द एक सामान्य सा लक्षण है, यह कई वजहों से हो सकता है, इसके अंतर्निहित कारण का पता लगाने के लिए जांच करने की आवश्यकता होती है। परंपरागत रूप से इस स्थिति का इलाज दर्द निवारक और एंटीबायोटिक्स जैसी दवाओं से किया जाता है। जबकि कान दर्द के लिए होम्योपैथिक उपचार भी लिया जा सकता है, यह बात शोध में सामने आई है। इन उपायों से कान दर्द का प्रबंधन बिना किसी साइड इफेक्ट्स के किया जा सकता है। हालांकि, आपको किसी भी होम्योपैथिक दवा को लेने से पहले हमेशा डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, क्योंकि होम्योपैथिक डॉक्टर नैदानिक स्थिति के अनुसार निर्णय लेते हैं कि आपको कौन-सी दवा कितनी मात्रा में देनी है।
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