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GALLBLADDERपित्ताशय की थैली क्या है?

 [3/5, 08:31] Dr.J.k Pandey: Gallbladder in Hindi: पित्ताशय हमारे शरीर का एक छोटा सा अंग होता है जिसे इंग्लिश में गॉलब्लैडर (Gallbladder) कहा जाता है। यह लिवर (Liver) के ठीक पीछे होता है। मानव शरीर में पित्तरस भंडारण का काम Gallbladder ही करती है, इसलिए इसे पित्ताशय की थैली भी कहा जाता है। इसके अलावा यह फूड को डाइजेस्ट करने के लिए छोटी आंत (Small Intestine) को प्रभावित करती है।

[3/5, 08:32] Dr.J.k Pandey: हालांकि Gallbladder मानव शरीर के लिए बाकी अंग जितना महत्वपूर्ण नहीं होता है। आपने कई बार सुना होगा कि Gallbladder में पथरी (Gallbladder Stone) होने की वजह से पित्ताशय को मानव शरीर से निकाल दिया जाता है। इसका कारण यह है कि पित्त (Bile) अन्य तरीकों से भी छोटी आंत तक पहुंच सकता है। इसका मतलब Gallbladder के बिना भी इंसान जीवित रह सकता

[3/5, 08:34] Dr.J.k Pandey: What is gallbladder in Hindi | पित्ताशय की थैली क्या है?



Gallbladder लगभग चार इंच का नाशपाती के आकार का एक अंग है। यह यकृत (liver) के नीचे और पेट के ऊपरी-दाएं भाग में स्थित होता है। यह मानव पित्त प्रणाली (human biliary system) का एक बी भाग है, जो पित्तरस (bile) के उत्पादन, भंडारण और परिवहन से सम्बंधित कार्य को संपन्न करता है।



Gallbladder छोटी आंत में पित्तरस पहुंचाने का काम करती है। पित्तरस छोटी आंत में फैटी खाद्य पदार्थों को तोड़ने और पचाने तथा वसा में घुलनशील विटामिन (fat-soluble vitamins) और पोषक तत्वों को रक्त प्रवाह में आसानी से अवशोषित करने की अनुमति देता है। भोजन से पहले Gallbladder पित्तरस से भरी हो सकती है, परन्तु भोजन के बाद Gallbladder खाली और सपाट हो जाती है।

[3/5, 08:35] Dr.J.k Pandey: Gallbladder functions in Hindi | पित्ताशय के कार्य


Gallbladder in Hindi: पित्त की थैली मानव शरीर में निम्न प्रजार से कार्य करती है, जो नीचे बताए गए है।


मानव शरीर में पित्त का भंडारण करना।


छोटी आंत तक पित्त नली के माध्यम से पित्तरस को जारी करना।


फैट को पचाने में सहायक।


पित्त में मुख्य रूप से पानी और नमक पाया जाता है इसी वजह से यह शरीर से बिलीरुबिन को कम करने या समाप्त करने के रूप में भी कार्य करता है।


Gallbladder disease and symptoms in Hindi | पित्ताशय रोग और उनके लक्षण



Gallbladder को प्रभावित करने वाली समस्याओं को पित्ताशय रोग (Gallbladder Disease) कहते है। Gallbladder Disease का मुख्य कारण पित्ताशय में सूजन के कारण होता है। पित्ताशय में सूजन के कारण पित्त नलिकाओं में अवरुद्ध उत्पन्न हो जाता है, जिस कारण नेक्रोसिस (Necrosis) या गैंग्रीन (Gangrene) जैसी समस्या पैदा हो जाती है। Gallbladder Disease कई प्रकार के होते है।

[3/5, 08:37] Dr.J.k Pandey: Gallbladder Inflammation (गॉलब्लैडर की सूजन)


इस बीमारी को Cholecystitis कहा जाता है, इस बीमारी में मरीज को उल्टी होना, पीलिया, बुखार आना, जी मिचलाना जैसे लक्षण होते है।


Gallbladder Cancer (गॉलब्लैडर कैंसर)



इस समस्या में कैंसर की कोशिकाएं आन्तरिक परतों से लेकर बाहरी परतों, लिवर, लिम्फ नोड्स और शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगती हैं। गॉलब्लैडर कैंसर का इलाज काफी मुश्किल है।


Gallbladder Gangrene (गॉलब्लैडर गैंग्रीन)



मधुमेय के रोगी और अधिक उम्र के पुरुषों में यह बीमारी अधिक प्रभावित करता है। इस बीमारी में रोगी के Gallbladder में दर्द होने लगता है। कम रक्त दबाव की समस्या उत्पन्न जाती है, इसके अलावा बुखार आना, उलटी होना जैसे भी लक्षण भी है।


इसके अलावा Gallbladder disease इस प्रकार है-


Choledocholithiasis (कोलेडोकोलिथियासिस)

Gallstones (गैल्स्टोन)

Biliary dyskinesia (बिलीरी डिस्केनेसिया)

Gallbladder polyps (गॉलब्लैडर पोलिप्स)

Gallbladder Disease Treatment in Hindi | पित्ताशय रोग का इलाज क्या है?


Gallbladder in Hindi: गालबल्डर जैसी बीमारों से पीड़ित होने के बाद मरीजों को मुख्यता तीन रूप से इलाज किया जाता है। पहकी अवस्था में मरीज को जीवनशैली में बदलाव करने का कहा जाता है, इसके बाद दवाई के जरिए बीमारी ठीक करने की कोशिश की जाती है, अगर फिर भी Gallbladder Disease ठीक नहीं होता तो ऑपरेशन के सहारा लिया जाता है। आइए विस्तार से जानते है-


1- Lifestyle changes for Gallbladder (जीवन शैली में परिवर्तन)


पित्त रोग के लक्षण को कम करने के लिए पहले जीवन शैली में बदलाव करने की सलाह दी जाती है। इसके लिए नियमित रूप से व्यायाम और स्वस्थ डाइट जरूरी है। इसके आलवा यदि कोई रोगी सिगरेट, शराब का सेवन करता है तो उसे नशे का त्याग कर देना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। पित्ताशय रोग से पीड़ित मरीजों के लिए भी स्वस्थ जीवन शैली जरूरी होता है।


2- Medical treatment for Gallbladder Disease (चिकित्सा उपचार)


पित्ताशय की समस्या अधिक बढ़ जाने पर डॉक्टर द्वारा एंटी-इन्फ्लामेट्री दवा दी जाती है। वहीं, अगर समस्या और अधिक गंभीर हो जाती है तो अन्य चिकित्सकीय दवाओं का सहारा लिया जाता है।


3- Gallbladder surgery (गॉलब्लेडर सर्जरी)


अगर दवाइयों से भी Gallbladder Disease ठीक नहीं होता है तो सर्जरी द्वारा पित्ताशय की थैली हटाने की सलाह दी जाती है। यह पित्ताशय की बीमारी का सबसे प्रभावी इलाज है।


किसी भी विधि से पित्ताशय (Gallbladder) की सर्जरी के बाद, लोगों को दस्त का अनुभव होना सामान्य है। ज्यादातर लोगों के लिए सुर्जरी के बाद दस्त केवल कुछ हफ्तों तक चलते हैं। लेकिन कुछ मामलों में, यह समस्या वर्षों तक चल सकती है। यदि सर्जरी के बाद दो सप्ताह से अधिक समय तक दस्त की समस्या बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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