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नपुसंकता यानि (Erectile dysfunction AND Homoeopathy

 [3/21, 10:28] Dr.J.k Pandey: Sexual Health

नपुसंकता यानि (Erectile dysfunction


) उस यौन संबंधित रोग को कहते हैं जो इंसान के शरीर में वीर्य कम या खत्म हो जाता है और इसी कारण वह संतान की प्राप्ति नहीं कर सकता । इसे स्तंभन दोष भी कहते हैं । 

नपुसंकता (Erectile dysfunction)अब सामान्य हो चली है । तनाव या डिप्रैशन के होना इसकी प्रमुख जड़ है ।बार-बार हो रही बीमारियां या स्वास्थ्य का खराब रहना भी नपुंसकता के लक्षण हो सकते हैं । 

कईं बार सिर्फ नपुसंकता (Erectile dysfunction) का होना सैक्स समस्या नहीं हो सकता बल्कि इसके दूसरे कारण भी हो सकते हैं । इसके पीछे दूसरे शारीरिक कारण भी हो सकते हैं, जैसे-

समय से पहले वीर्य का निकल जाना

देरी से या कम मात्रा में वीर्य का निकलना

सैक्स में मन न लगना

नपुसंकता होने के कारण (Causes of Erectile dysfunction)

दिल संबंधी रोग, जैसे – हार्ट अटैक, थक्का लगना आदि ।

डायबटिज़

बल्ड प्रैशर

कैंसर

डिप्रैशन

नशीली दवाओं के सेवन द्वारा

शराब का उपयोग

धूम्रपान

नपुसंकता के लिए इसमें से कोई भी कारक जिम्मेदार हो सकते हैं | यही कारण है कि आपको अपने सैक्सोलॉजिस्ट से संपर्क करना ज़रुरी है ।

लिंग का खड़ा न होना 

लिंग का बड़ा या खड़ा होनाखून में रक्त के प्रवाह की वजह से होता है । रक्त का यह प्रवाह आमतौर पर सैक्स भावनाओं के मन में आने और लिंग के साथ किसी सैक्स संबंधी साधन के संपर्क में आने से होता है |

जब कोई मनुष्य यौन रुप से उत्तेजित होता है तब उसके लिंग में रक्त का प्रवाह होना जारी होता है । उस समय अगर मनुष्य इससे और उत्तेजक बनाना चाहता है तो खून का दौर या प्रवाह और अधिक तेजी से होने लगता है । जब लिंग की मांसपेशियों में रक्त का यह प्रवाह पूरी तरह भर जाता है तब लिंग कठोर हो जाता है । 

क्या दिक्कतें आती हैं ? (Complication)

डॉक्टरों और सैक्सोलॉजिस्ट के शोध के अनुसार आजकल बहुत से पुरुषों में नपुंसकता बढ़ती जा रही है । अगर आयु के अनुसार देखें तो :

60 से कम आयु के पुरुषों में लगभग 12 प्रतिशत 

60 से अधिक आयु के लोगों में 22 प्रतिशत

70 या उससे अधिक उम्र के लोगों में 30 प्रतिशत 

वैसे आयु के साथ नपुसंकता (Erectile dysfunction) का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन जब आप उम्र के पड़ाव को पूरा करते हैंतो नपुसंकता होना परेशानी की बात नहीं है । आयु बढ़ने के साथ लिंग का कठोर होना या खड़ा होना कठिन हो जाता है । 

नपुंसकता युवा पुरुषों के बीच भी हो सकती है । लंदन में 2013 में किए एक शोध में पाया गया कि नपुंसकता से ग्रसित अधिकतकर लोग 40वर्ष से कम आयु के थे । वैज्ञानिकों ने 40 वर्ष से कम पुरुषों में धूम्रपान करने और अवैध दवाओं के उपयोग को नपुंसकता का कारण बनाया ।इससे यह बात भी सामने आयी है कि युवाओं में नपुंसकता होने के पीछे उनकी अनहेल्दी लाइफस्टाइल है ।

उपचार(Diagnosis)

डॉक्टर आपसे आपके स्वास्थ्य इतिहास को लेकर प्रश्न पूछता है ।वे इसे कन्फर्म करने के लिए जांच कर सकते हैं और पता लगा सकते हैं कि आपके रोग के लक्षण का कारण क्या है । आप अपने अंडकोष और लिंग की जांच करवाएं । वे आपकी प्रोस्टेट जांच के लिए एक रेक्टल परिक्षण की भी कर सकते हैं । इसके अलावा आपको दूसरी जांच जैसे खून या पेशाप की जांच की ज़रुरत हो सकती है ।

एनपीटी जांच ( NPT TEST)

एनपीटी की जांच (NPT) एक पोर्टेबल और बैटरी द्वारा चलने वाले यंत्र से की जाती है,जिसे आप सोते या लेटते वक्त अपनी जांघों में पहनते हैं । यह यंत्र रात के भोजन यानि डिनर की गुणवत्ता को परखता हैऔर डेटा जमा करता है और जिसे बाद में आपका सैक्सोलॉजिस्ट  एक्सेस कर सकता है । आपका लिंग आपकी नपुसंकता (Erectile dysfunction) को बेहतर तरीके से समझने के काम आता है ।

सीधे शब्दों में कहा जाए तो एनपीटी(NPT) एक स्वस्थ कामकाजी लिंग को परखने वाला परिक्षण है ।

इलाज (Treatment)

नपुंसकता का इलाज बाहरी न होकर कईं हद तक भीतरी है । आपको कुछ चीजों पर ध्यान देना होगा जैसे – दवाओं पर, जीवनशैली में बदलाव के द्वारा आप इसे ठीक कर सकते हैं ।

दवाएं

नपुसंकता के लिए आपके डॉक्टर जांच के आधार पर आपको दवाईयां दे सकता है । इलाज के दौरान आपको इन दवाओं का सेवन करना पड़ सकता है परंतु इन दवाओं का दुष्प्रभाव भी हो सकता है । यदि आप शरीर में किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट का अनुभव कर रहे हैं तो फौरन आपने डॉक्टर से बात करें ।वे आपको दूसरी दवा सुझा सकते हैं । नपुसंकता (Erectiledysfunction) के उपचार के लिए कुछ दवाएं आपको फायदा दे सकती हैं और आपके लिंग में खून के प्रवाह को सही कर सकती हैं, ये दवाएं हैं –

सिल्डेनाफिल (वियाग्रा)

तडालाफिल (सियालिस)

टेस्टोस्टेरोन (एंड्रोडर्म)

वाराणनाफिल (लेवित्रा)

प्राकृतिक उपचार

कुछ पुरुषों के मामलों में उन्हेंप्राकृतिक उपचार मदद कर सकते हैं । लेकिन किसी भी आयुर्वेदिक या देसी इलाज को करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें ।

यहां कुछ आयुर्वेदिक दवाईयां बताई गई हैं जो नपुसंकता के इलाज में सफल मानी गई हैं -

जिनसेंग

योहिम्बे

शतावरी रेसमोसस

टॉक थेरेपी

मानसिक स्तर का नपुसंकता के होने या न होने पर बहुत प्रभाव पड़ता हैं -

तनाव या डिप्रैशन 

चिंता

पोस्ट-आघात विकार (PTSD)

अगर आपको इनमें से किसी प्रकार की मानिसक समस्या है तो यह आपके अंदर नपुंसकता का कारण हो सकते हैं । 

कुछ बेसिक जीवनशैली में बदलाव आपके अंदर नपुंसकता को कम कर सकते हैं, जैसे –

नियमित व्यायाम

संतुलित और पौष्टिक आहार

नशीले पदार्थों के सेवन से बचें

तनाव, चिंता कम करें 

नपुसंकता और कुछ नहीं, आपकी जीवनशैली पर निर्भर है । अगर स्वस्थ जीवनशैली होगी तो नपुंसकता की संभावना बहुत कम होगी

[3/21, 10:45] Dr.J.k Pandey: इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए होम्योपैथिक दवाएं - Erectile Dysfunction ki homeopathic medicine

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए होम्योपैथिक दवाएं

अग्नस कैस्टस

सामान्य नाम : दि चैस्ट ट्री

लक्षण : यह उपाय मुख्य रूप से उन लोगों में अच्छा असर करता है, जिनकी यौन जीवन शक्ति कम है और जिन्हें बार बार यौन संचारित रोग होता है। ऐसे व्यक्तियों को अवसाद और नसों की कमजोरी की समस्या भी हो सकती है। फिलहाल, यह उपाय निम्नलिखित लक्षणों को ठीक कर सकता है :

यौन इच्छा की कमी

लिंग में उत्तेजना न आना

सख्त, सूजा हुआ और अंडकोष में दर्द

मूत्रमार्ग से पीला तरल निकलना

नपुंसकता

एनाकार्डियम ओरिएंटेल

सामान्य नाम : मार्किंग नट

लक्षण : इस उपाय से लाभान्वित होने वाले रोगियों में अक्सर तनाव के कारण एसिडिटी की समस्या होती है, लेकिन भोजन करने से एसिडिटी से राहत मिलती है। यह निम्नलिखित लक्षणों को ठीक करने में मददगार है :

यौन इच्छा में वृद्धि

जननांग वाले हिस्से में तेज खुजली

मल के पारित होने के दौरान प्रोस्टेटिक डिस्चार्ज

जागने पर भी वीर्य का अनैच्छिक स्खलन

ये लक्षण लिंग पर गर्म पानी पड़ने से बिगड़ जाते हैं, जबकि भोजन करने और एक तरफ लेटने के बाद इनमें सुधार होता है।

एंटीमोनियम क्रूडम

सामान्य नाम : ब्लैक सल्फाइड ऑफ एंटीमोनी

लक्षण : इस उपाय से निम्नलिखित लक्षणों से राहत मिलती है :

लिंग और अंडकोष का सिकुड़ना

वृषण की त्वचा की सतह पर फोड़ा-फुंसी

नपुंसकता

पानी या वाइन का सेवन और शाम के समय में गर्मी से यह सभी लक्षण बिगड़ जाते हैं। हालांकि, जब मरीज आराम करता है या खुली हवा में समय बिताता है तो इनमें सुधार होता है।

कैलेडियम सेगिनम

सामान्य नाम : अमेरिकन अरुम

लक्षण : यह उपाय जननांगों और आसपास के हिस्से पर प्रभावी है। यह उन व्यक्तियों को सूट करता है, जिन्हें तम्बाकू खाने का बहुत मन करता है। इस उपाय से जिन लक्षणों का इलाज किया जा सकता है, उनमें शामिल हैं :

जननांगों या आसपास के हिस्से में तेज खुजली

अर्ध निंद्रा में भी वीर्य स्खलन होना, जिसके बाद व्यक्ति पूरी तरह से जाग जाता है 

चरम सुख न प्राप्त कर पाना

जननांग वाले हिस्से में पसीना आना

नपुंसकता

लिंग के अगले हिस्से में लालिमा

ये लक्षण तब और बिगड़ जाते हैं जब रोगी दिन के दौरान या लिंग या लिंग के आसपास पसीना आने पर भी सो जाता है।

कोबाल्टम मेटालिकम

सामान्य नाम : दि मेटल कोबाल्ट

लक्षण : यह उपाय मुख्य रूप से उन व्यक्तियों के लिए निर्धारित किए जाते हैं, जिन्हें थकावट और यौन संबंधी दिक्कतें होती हैं। इस उपाय से निम्नलिखित लक्षणों से भी छुटकारा पाया जा सकता है :

पीठ दर्द और पैरों की कमजोरी

जननांग और पेट पर भूरे रंग के धब्बे आना

लिंग के खड़ा न होने पर स्खलन

सेक्स से जुड़े सपने आना

अंडकोष में दर्द, जो पेशाब करने के बाद ठीक हो जाता है

मूत्रमार्ग से हरा डिस्चार्ज

नपुंसकता

कोनियम मैक्लेटम

सामान्य नाम : पॉइजन हेमलॉक

लक्षण : यह उपाय उन लोगों के लिए एक शानदार उपाय है, जो पैदल चलने के दौरान अचानक से कमजोरी महसूस करते हैं। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों से राहत देने में भी मदद करता है :

अंडकोष का बढ़ना और कठोर होना

ताकत में कमी लेकिन यौन इच्छा में वृद्धि होना

कामेच्छा में कमी

सेक्स एंजाइटी (सेक्स को लेकर चिंतित रहना और सेक्स पफॉर्मेंस को लेकर घबराना)

यह लक्षण अविवाहित रहने, मानसिक थकान और लेटने पर बिगड़ जाते हैं। जबकि अंधेरे में, उपवास या चलने फिरने पर इनमें सुधार होता हैं।


डायोस्कोरिया विलोसा

सामान्य नाम : वाइल्ड यम

लक्षण : इस उपाय का उपयोग दर्द के उपचार में किया जाता है, विशेष रूप से पेट और श्रोणि (पेल्विक) अंगों में। यह निम्नलिखित लक्षणों का इलाज करने में भी मदद करता है :


किडनी से लेकर वृषण तक चुभन वाला दर्द

नींद में स्खलन

अंडकोष और जघन (जननांग के हिस्से की नाजुक त्वचा) पर पसीना व तेज बदबू

ये लक्षण लेटने पर बिगड़ते हैं, खासकर शाम को, जबकि खुली हवा में टहलने या सीधे खड़े होने पर इनमें सुधार होता है।


जेल्सेमियम सेंपरविरेंस

सामान्य नाम : येलो जैस्मिन

लक्षण : यह उपाय निम्नलिखित लक्षणों से राहत देता है :


लिंग के खुलने पर तेज और चुभने वाला दर्द 

बिना उत्तेजना के अत्यधिक और अनैच्छिक स्खलन

अंडकोष में लगातार पसीना

गोनोरिया संक्रमण का पहला चरण (गोनोरिया एक यौन संचारित रोग है, जो नेइसेरिया गोनोरिया नामक बैक्टीरिया के कारण होता है)

ये लक्षण अधिक उत्तेजित होने के साथ, तंबाकू चबाने और नम मौसम में खराब हो जाते हैं। अत्यधिक मात्रा में पेशाब के बाद और खुली हवा के संपर्क में आने पर इन सभी शिकायतों में सुधार होता है।


लाइकोपोडियम क्लैवैटम

सामान्य नाम : क्लब मॉस

लक्षण : इस दवा के औषधीय गुण केवल तब फायदेमंद होते हैं जब इसे ​क्रश्ड (पीसकर) किया जाता है। यह निम्नलिखित लक्षणों के उपचार के लिए निर्धारित है :


जननांगों पर मस्से जैसे घाव

कम से कम या बिल्कुल उत्तेजना न होना

शीघ्रपतन

अंडकोष का बढ़ना

नपुंसकता

यह लक्षण गर्मी के दौरान, सीढ़ियों से उतरते समय या दाहिनी तरफ लेटने से खराब हो जाते हैं। गर्म खाद्य और पेय पदार्थों का सेवन करने, ठंडे मौसम में चलने फिरने से इन लक्षणों में सुधार होता है।


नक्स वोमिका

सामान्य नाम : पॉइजन नट

लक्षण : आधुनिक जीवन में अधिकांश रोगों के लिए नक्स वोमिका सबसे पसंदीदा उपचारों में से एक है, विशेष रूप से जो पुरुष प्रजनन प्रणाली से संबंधित किसी समस्या से परेशान हैं, उनके लिए यह बहुत असरदार है। यह निम्नलिखित लक्षणों को भी दूर करने में मदद करता है :


वृषण में सूजन

अत्यधिक यौन गतिविधियों के चलते दुष्प्रभाव

यौन इच्छा उत्तेजित होना

पीठ में दर्द, कमजोरी और रीढ़ में जलन के साथ स्खलन

नींद के दौरान वीर्य स्खलन

वृषण में दर्द

ये लक्षण शुष्क और ठंडे मौसम में, छूने से, मानसिक थकान और मसालेदार भोजन का सेवन करने से खराब हो जाते हैं। रोगी को बरसात के मौसम में, आराम करने या झपकी लेने और शाम के दौरान बेहतर महसूस होता है।


फास्फोरस

सामान्य नाम : फॉस्फोरस

लक्षण : इस उपाय का उपयोग तब किया जाता है जब विशिष्ट ऊतकों में सूजन और जलन की स्थिति हो जाती है, जिसकी वजह से ब्लीडिंग, हड्डी को नुकसान और लकवा जैसी समस्याएं होती हैं। इस उपाय का उपयोग निम्नलिखित लक्षणों के उपचार के लिए भी किया जाता है :


यौन इच्छा को रोकने में असमर्थता

सेक्स संबंधित सपने देखना व अनैच्छिक वीर्य स्खलन 

यौन शक्ति की कमी

मौसम बदलने, शाम के समय, गर्म भोजन या पेय पदार्थों के सेवन से ये लक्षण बिगड़ जाते हैं। हालांकि, जब रोगी खुली हवा में समय बिताता है, ठंडे भोजन का सेवन करता है या नियमित और पूरी नींद लेता है, तो उनमें सुधार होता है।

सबल सेरूलता

आम नाम : सॉ पालमेटो

लक्षण : यह उपाय अंडाशय, पेट और सिर को प्रभावित करता है। यह उन व्यक्तियों के लिए निर्धारित किया जाता है, जो कमजोरी (यौन और सामान्य दोनों) के साथ जननांगों में परेशानी का अनुभव करते हैं। इस उपाय से निम्नलिखित लक्षणों को ठीक किया जा सकता है :

वीर्य का रिसाव

अंडकोष का बढ़ना

स्खलन के दौरान दर्द

वृषण का सही से कार्य न करना

नपुंसकता

सैलिक्स नाइग्रा

सामान्य नाम : ब्लैक-विलो

लक्षण : इस उपाय से पुरुषों और महिलाओं दोनों के प्रजनन अंगों पर सकारात्मक असर होता है, इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन में भी असरदार है :

सेक्सुअल एक्टिविटी में शामिल होने का मन करना

घबराहट

जननांग में जलन या परेशानी

सेक्स संबंधी परेशानी के साथ गोनोरिया संक्रमण

सुविचार और सेक्स संबंधी सपने

गतिविधि करने पर वृषण में दर्द

यौन इच्छा की उत्तेजना के बिना लंबे समय तक उत्तेजना

हस्तमैथुन के बाद अत्यधिक वीर्य स्खलन

सेलेनियम मेटालिकम

सामान्य नाम : दि एलीमेंट सेलेनियम

लक्षण : सेलेनियम ऐसे अधिक उम्र के पुरुषों में अच्छी तरह से काम करता है, जो आसानी से थक जाते हैं। आमतौर पर यह उपाय प्रोस्टेटाइटिस (प्रोस्टेट ग्रंथि की सूजन और जलन) के उपचार के लिए निर्धारित किया जाता है। इस उपाय से जिन अन्य लक्षणों का इलाज किया जा सकता है उनमें शामिल हैं :

संभोग के बाद जननांग वाले हिस्से में जलन

संभोग के लिए लिंग में उत्तेजना लाने में असमर्थता

नींद के दौरान वीर्य स्खलन

सेक्स संबंधित सपने आना व सेक्सुअल स्टेमिना में कमी

वीर्य स्खलन

हाइड्रोसील (अंडकोष के आसपास तरल पदार्थ का संग्रह)

ये लक्षण गर्म मौसम में और नींद लेने से खराब हो जाते हैं।

पिक्रिकम एसिडम

सामान्य नाम : पिक्रिक एसिड, ट्राइनाइट्रोफेनॉल

लक्षण : यह उपाय जननांगों पर कार्य करता है और यौन उत्तेजना में इसकी भूमिका होती है। इसका उपयोग निम्नलिखित लक्षणों के उपचार के लिए किया जाता है जैसे :

अत्यधिक यौन इच्छा

सेक्स संबंधित सपनों के बिना रात में स्खलन

पूरी तरह से थकावट के बाद अत्यधिक मात्रा में स्खलन

ये लक्षण बरसात या गर्म मौसम में, सोने के बाद और मानसिक थकान से खराब हो जाते हैं, जबकि रोगी ठंडी हवा में बेहतर महसूस करता है।

योहिम्बिनम

सामान्य नाम : कॉरयांथे योहिम्बे

लक्षण : यह उपाय केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और यौन अंगों के लिए प्रभावी है। यह निम्नलिखित लक्षणों को दूर करने में मदद करता है :

नसों की थकावट के कारण नपुंसकता

आंतों से ब्लीडिंग

लंबे समय तक उत्तेजना

मूत्रमार्ग की सूजन

होम्योपैथी के अनुसार इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए आहार और जीवन शैली में बदलाव - Dengue ke liye khan pan aur jeevan shaili me badlav

होम्योपैथिक दवाओं का इस्तेमाल करने से पहले अनुभवी चिकित्सक अपने रोगियों को उनके आहार और जीवन शैली में बदलाव करने की सलाह देते हैं। इन दिशा-निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे सुनिश्चित करते हैं कि आपको उपचार से अच्छे से अच्छा फायदा हो। इसके अलावा, होम्योपैथिक दवाइयों को अत्यधिक घुलनशील रूप में तैयार किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति होम्योपैथिक उपचार ले रहा है, तो उसे डॉक्टर द्वारा बताई गई बातों पर ध्यान देने की जरूरत है 

क्या करना चाहिए

स्वस्थ आहार लें।

आरामदायक कपड़े पहनें, ज्यादातर कॉटन के कपड़े पहनें, जो शरीर से चिपके नहीं और शरीर को ​हवा मिलती रहे।

कुछ समय ताजी हवा में बिताएं और ठंडे वातावरण में रहें।

अपने आसपास साफ सफाई बनाए रखें।

क्या नहीं करना चाहिए

कैफीन युक्त पेय पदार्थ या हर्बल चाय न पिएं।

तेज खुशबू वाले पेय, सभी प्रकार के इत्र, रूम फ्रेशनर और अन्य सुगंध वाले उत्पादों से बचें।

भोजन में चीनी व नमक की अधिकता से बचें

ऐसे कपड़े पहनने से बचें, जिनसे आपको गर्मी लग सकती है

अजवाइन, प्याज, रखा हुआ पनीर और बासी मीट या मांस न खाएं, जिसमें औषधीय गुण होते हैं।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए होम्योपैथिक उपचार कितना प्रभावी है - Erectile Dysfunction ki homeopathic medicine kitni effective hai

वर्तमान में, ऐसा कोई अध्ययन नहीं है जो स्तंभन दोष के लिए होम्योपैथिक उपचार की दक्षता को साबित करता है। नेशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लिमेंट्री एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ के अनुसार, होम्योपैथिक उपचार के प्रभाव को साबित करना मुश्किल है, क्योंकि उनमें ऐसी मात्रा में सक्रिय तत्व होते हैं, जो संभवतः कोई प्रभाव नहीं डाल सकते हैं। हालांकि, कुछ होम्योपैथिक उपचार हैं जो प्रभावी साबित हुए हैं।

स्तंभन दोष के लिए होम्योपैथिक दवा के नुकसान और जोखिम - Erectile Dysfunction ki homeopathic medicine ke nuksan

इन दवाइयों को यदि अनुभवी और योग्य होम्योपैथिक चिकित्सकों के मार्गदर्शन के अनुसार लिया जाए, तो इसके दुष्प्रभाव न्यूनतम या न के बराबर होंगे। चूंकि, ये उपाय प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होते हैं और इन्हें घुलनशली रूप में तैयार किया जाता है ऐसे में कोई भी बाहरी कारक इनके असर को प्रभावित कर सकता है। खास बात यह है कि इन दवाओं के साथ प्रमाणित दवाओं को भी सुरक्षित रूप से लिया जा सकता है।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के होम्योपैथिक उपचार से संबंधित टिप्स - Erectile Dysfunction ki homeopathic treatment se jude tips

इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रोगी यौन संबंध बनाने के लिए सक्षम नहीं है। इसके पीछे का कारण मनोवैज्ञानिक भी हो सकता है और अंतर्निहित भी। परंपरागत रूप से, स्तंभन दोष का इलाज हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी और मनोचिकित्सा के साथ किया जाता है, लेकिन दुर्लभ मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है।

स्तंभन दोष का होम्योपैथिक उपचार में स्थिति के अंतर्निहित कारण को जड़ से खत्म करना है। हालांकि, जब यह उपाय किसी योग्य चिकित्सक के मार्गदर्शन में लिया ​जाए, तो रोगी के समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।

होम्योपैथिक दवाओं को तैयार करते समय विशेष ध्यान दिया जाता है। इसमें समान लक्षणों वाले एक से अधिक मरीजों के लिए एक जैसी दवा असरदार नहीं होती है, क्योंकि इन दवाओं को मरीज की शारीरिक व मानसिक स्थिति, नैदानिक जांच और बीमारी की प्रवृत्ति के आधार पर निर्धारित की जाती हैं। इन उपायों को उपभोग करने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है और आमतौर पर इनका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।


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