[2/13, 01:01] Dr.J.k Pandey: एथिकल और जेनेरिक दवा में कोई फर्क नहीं होता दोनों को एक ही तरीके से बनाया जाता है I सिर्फ मार्केटिंग व ब्रांडिंग का फर्क होता है और यही दवा की कीमत को बढ़ा देता है अपने प्लान के दौरान हम लोगों को अवेयर करने पर भी विशेष ध्यान देंगे I
[2/14, 10:32] Dr.J.k Pandey: एथिकल और जेनेरिक दवा दोनों में अंतर कर पाना हर किसी के लिए संभव नहीं है कहने की बात और होती है और जिंदगी में हक़ीक़त में वही बात उतारने की बात और यहाँ मेरे द्वारा एथिकल और जेनेरिक में अंतर समझाने का प्रयाश किया जा रहा है आशा है सब के समझ में आ जायेगा .एक उदाहरण देकर समझाने का प्रयास किया जा रहा है .
[2/14, 10:43] Dr.J.k Pandey: मान लीजिये हमारी गवर्नमेंट हमे एक परीक्षा में सम्मलित होने को आमंत्रित करती है जिसका पूर्णांक १०० होता है उसमे शामिल हुए परीक्षार्थियों का परीक्षा परिणाम क्रमशः 33%,45%,50%,70%....99.9% रहता है .अब इसमें उत्तीर्ण होने के लिए आवश्यक अंक 33%है .उत्तीर्ण 33%वाला कैंडिडेट भी हुआ और 99.9% वाला कैंडिडेट भी उत्तीर्ण हुआ दोनों कैंडिडेट परीक्षा में उत्तीर्ण हुए लेकिन दोनों में अंतर समझ में नहीं आ रहा क्या ?
[2/14, 10:52] Dr.J.k Pandey: एक आम इंसान के लिए तो 33%वाला तथा 99.9%वाला दोनों ही परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले परीक्षार्थी है अब बात आती है जिस पद के लिए परीक्षा का आयोजन हुआ क्या उसमे यदि 1पद ही है तो उसके लिए किसकी नियुक्ति की जाएगी 99.9%वाले की या 33%वाले की यदि किसी से भी पूछा जाये की किसकी नियुक्ति करना चाहिए तो जहा तक मेरे हिसाब से 99.9%अंक हासिल करनेवाले की नियुक्ति होनी चाहिए क्योकि उसमे उस पद के लिए सबसे ज्यादा अंक अर्जित किया है .
[2/14, 11:01] Dr.J.k Pandey: अब बात आती है 33%वाले कैंडिडेट की तो बहुत बार ऐसा होता है की 33%वाला कैंडिडेट 99.9%वाले कैंडिडेट की तुलना में मार्किट में अधिक लोकप्रियता और पैसा कमाता है क्योकि पब्लिक उसके साथ होती
[2/14, 11:15] Dr.J.k Pandey: यही हाल एथिकल और जेनेरिक दवा का है 99.9%प्यूरिटी के साथ एथिकल की क्वालिटी रहती है और 33%प्यूरिटी के साथ जेनेरिक की क्वालिटी अब चुनाव आपके हाँथ में है की खाली जगह यानि बिमारी में किसकी नियुक्ति करना है क्योकि परीक्षा में उत्तीर्ण एथिकल और जेनेरिक दोनों दवा हो चुकी है उसमे अधिक उपयुक्त 99.9%होगा या 33%वाला होगा .
[2/14, 11:27] Dr.J.k Pandey: अब बात आती है कीमत की तो जगह एक कैंडिडेट दो जाहिर सी बात है काम %वाला कैंडिडेट काम कीमत में काम करने को तैयार हो जायेगा लेकिन कम कीमत किसके लिए है जो उस पद का बॉस होगा जिसको सैलरी देना है उसको तो कम कीमत में कैंडिडेट मिल गया लेकिन जिसको उस कैंडिडेट से काम कराना है उसके लिए तो 99%वाला और 33%वाला दोनों ही एक ब्रांड है वो थोड़ी जान पायेगा ये पद में बैठा कैंडिडेट 33%वाला है या 99.9%वाला है .
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