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अंडकोष में सूजन

 ओरकाइटिस का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Orchitis In Hindi ] ओरकाइटिस का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Orchitis In Hindi  टेस्टिस (Testis) में कीटाणु और जीवाणु के कारण जो प्रभाव पड़ता है, जिससे वहाँ पर सूजन हो जाती है और दर्द होने लगता है, इसी समस्या को मेडिकल की भाषा में Orchitis कहा जाता है। Orchitis की समस्या में दोनों Testis भी प्रभावित हो सकते है और एक Testis भी। Orchitis ( ओरकाइटिस ) के कारण Orchitis कई वायरस के कारण होते हैं, सबसे अधिक Mumps Virus के कारण Orchitis होता है, अगर Testis में खून का संचार कम या बंद हो जाये तो भी यह समस्या हो जाती है, यदि आपको हर्निया की समस्या है तो भी आपको Orchitis हो जाता है। Orchitis ( ओरकाइटिस ) के लक्षण अंडकोष में सूजन हो जाएगी, वह थोड़ा सूज जायेगा और उस कारण उसमे बहुत दर्द भी होगा। दर्द के कारण चलने, बैठने और लेटने में भी समस्या होगी। सूजन के साथ यदि आप उस स्थान पर छुएंगे तो वहाँ गर्म भी महसूस होगा। पेशाब में आपको हल्का खून भी आ सकता है, और बुखार भी हो सकता है। Orchitis में बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द भी हो सकता है। य

Nasal Polyps Homeopathic Treatment in Hindi

 इन होम्योपैथिक दवाओं से करें नासल पॉलीप्स का इलाज | Nasal Polyps Homeopathic Treatment in Hindi Nasal Polyps Homeopathic Treatment in Hindi - जब किसी की नाक के श्वाश मार्ग अंदरूनी भाग में मांस बढ़ जाता ही तो यह स्थिति नासल पॉलीप्स(Nasal Polyps) हो सकती है। नाक का मांस बढ़ना / नासल पॉलीप्स (Nasal Polyps) में उपयोग होने वाली Top होम्योपैथिक दवाएं 1. Lemna Minor 2. Teucrium Marum 3. Sanguinaria Nitricum 4. Thuja Occidentalis 5 . Phosphorus 2 min read   इन होम्योपैथिक दवाओं से करें नासल पॉलीप्स का इलाज / Nasal Polyps Homeopathic Treatment in Hindi नाक का मांस बढ़ना / नासल पॉलीप्स (Nasal Polyps) क्या  है?  जब किसी की नाक के श्वाश मार्ग अंदरूनी भाग में मांस बढ़ जाता ही तो यह स्थिति नासल पॉलीप्स(Nasal Polyps) हो सकती है।  नाक के अंदर यह एक कैंसर रहित (Non Cancerous)और बिना दर्द (Painless) का मॉस होता है । यह एक मस्से की तरह की  अंगूर की शक्ल की ग्रोथ होती है जो की ऊपर से नहीं दीखता है जैसी आप नाक के अंदर झांक कर अथवा दूरबीन से देख सकता हैं . यह नाक के अंदर  नाक के श्वाश मार्ग अथवा साइनस में भ

साइनस की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Sinusitis in Hindi

 साइनस की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Sinusitis in Hindi साइनस की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Sinusitis in Hindi साइनस हवा से भरी गुहाएं होती हैं जो गाल की हड्डी, आंखों और नाक के आसपास मौजूद होती हैं। इन गुहाओं में बलगम होता है, जो सांस लेने वाली हवा को गर्म करने और छानने में मदद करता है। हालांकि, इन गुहाओं में मौजूद ब्लॉकेज स्वाभाविक रूप से बलगम के निकास को रोकती है और इससे आसपास के ऊतकों में सूजन हो सकती है। इस स्थिति को साइनसाइटिस के रूप में जाना जाता है। साइनसाइटिस एक्यूट (अचानक या तेज प्रभावित करने वाली स्थिति) या क्रोनिक (धीरे-धीरे या लंबे समय से प्रभावित करने वाली स्थिति) हो सकती है। एक्यूट साइनसाइटिस के लक्षण चार सप्ताह से कम समय तक रहते हैं और अक्सर 10 दिनों के भीतर दूर हो सकते हैं। दूसरी ओर, क्रोनिक साइनसाइटिस (जिसे क्रोनिक राइनोसाइनिटिस भी कहा जाता है) में, चिकित्सा हस्तक्षेप के बाद भी लक्षण 12 सप्ताह से अधिक समय तक बने रह सकते हैं। एक्यूट साइनसाइटिस अक्सर वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन का परिणाम हो सकता

हकलाने का होम्योपैथिक ट्रीटमेंट

 Homeopathic Medicine And Treatment In Hindi Stammering | हकलाने का होम्योपैथिक ट्रीटमेंट रुक-रुक के बोलने का इलाज | बच्चों के बोलने की होम्योपैथिक दवा | हकलाने का क्या कारण है Stammering | हकलाने का होम्योपैथिक ट्रीटमेंट अक्सर हकलाहट की समस्या 2 से 7 वर्ष की उम्र के बीच में शुरू होता है और लड़कों में लड़कियों की अपेक्षा यह समस्या अधिक पाई जाती है, लगभग 4 गुणा ज्यादा। रोगी को दवा और निरंतर अभ्यास से इस समस्या से निजाद दिलाया जा सकता है। मैं यहाँ कुछ मुख्य होम्योपैथिक दवा की चर्चा करूँगा कि कौन सी दवा से हकलाहट की समस्या पूरी तरह से ठीक हो जाती है। Bovista 30 – यह दवा विशेष रूप से बच्चों और अधिक उम्र की कुंवारी स्त्री के हकलाहट में अच्छा काम करती है। ऐसे में इस दवा की 2 बून्द दिन में 3 बार लेना है। Bufo rana 30 – अगर अधिक गुस्सा आने के समय हकलाहट की समस्या होती है तो आपको बूफो राना का सेवन करना है। 2 बून्द दिन में 3 बार लेना है। Cuprum Met 30 – इसमें हकलाहट तो रहती है साथ में एक विशेष लक्षण है कि रोगी का जीभ सांप के जीभ की तरह अंदर-बाहर हुआ करती है। ऐसे लक्षण पर Cuprum Met 30 का सेवन करान

बहरापन की होम्योपैथिक दवा और इलाज -

 बहरापन की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine, treatment and remedies for Deafness सुनने में परेशानी या बहरापन वह स्थिति है, जिसमें एक या दोनों कानों से सुनने की क्षमता में कमी आ जाती है। कान के तीन मुख्य भाग होते हैं - कान का बाहरी हिस्सा, मध्य भाग और अंदरूनी हिस्सा। जब कान तक किसी तरह की आवाज आती है, तो ऐसे में ईयरड्रम (बाहरी और मध्य कान के बीच) में वाइब्रेशन होता है। ये वाइब्रेशन कोक्लीअ में मौजूद तरल तक पहुंचने के लिए कान के मध्य भाग की तीन छोटी ​हड्डियों से होते हुए आगे बढ़ता है। बता दें, कोक्लीअ कान के अंदर घोंघे जैसा दिखने वाला एक अंग है। इसमें छोटे व महीन बाल होते हैं, यह ऐसी तंत्रिका कोशिकाओं से जुड़े होते हैं जो इन वाइब्रेशन को इलेक्ट्रिकल संकेतों में बदलने में मदद करते हैं और फिर यह संकेत श्रवण तंत्रिका (auditory nerve) के माध्यम से मस्तिष्क को जाते हैं। बहरापन का प्रकार इसके कारणों के आधार पर अलग-अलग हो सकता है : कंडक्टिव हियरिंग लॉस : बाहरी और अंदरूनी कान के बीच साउंड ट्रांसमिशन की समस्याओं की वजह से कंडक्टिव हियरिंग लॉस होता है। इस प्रकार के बहरेपन के सामान्य

शराब पीने की आदत AUR HO म्योपैथिक दवा

 वर्तमान वैश्विक परिदृश्य के अनुसार शराब की खपत बढ़ रही है. वास्तव में सिगरेट धुम्रपान के बाद सबसे ज्यादा लोग शराब का नशा करते है. जो लोग अल्कोहल का सेवन अधिक करते हैं. यह अक्सर अपने लिए स्वास्थ्य के खतरे पैदा करते हैं और उनके व्यवहार से उन लोगों के लिए मुश्किल हो जाती है, जो अपने आसपास के इलाकों में रहते हैं. अधिकांश लोगों के लिए, पुनर्वास केंद्र शराब का इलाज करने का एकमात्र विकल्प है. लेकिन यह ऐसा नहीं है. होम्योपैथी भी शराब की समस्या का प्रभावी ढंग से इलाज कर सकती है. ऐसी कुछ दवाएं हैं जो आपको इस बुरी आदत से छुटकारा पाने मे कारगर साबित होती हैं. नक्स वोमिका: जब आपका शराब पीने की लत अपने शुरुआती चरणों में होता है, तो यह आदत छोड़ना आसान होता है. उन लोगों के लिए जिन्होंने अभी शराब पीने की आदत शुरू हो चूका है, उनके लिए नक्स वोमिका एक उपयोगी दवा है. यह आपकी पीने की समस्या के खिलाफ तेजी से राहत सुधार करती है. यह एक महीने के भीतर अपने प्रभाव दिखाना शुरू कर देता है. सल्फर: सल्फर एक दवा है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है. यह ज्यादातर उन लोगों के लिए निर्धारित किया जाता है

डिमेंशिया की होम्योपैथिक दवा और इलाज

 डिमेंशिया की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Dementia in Hindi  डिमेंशिया एक मानसिक विकार है जो कि सोचने और याद रखने की क्षमता को प्रभावित करता है। इस बीमारी से ग्रस्‍त होने पर व्‍यक्‍ति को रोजमर्रा के काम भी याद नहीं रह पाते हैं और उसकी मानसिक क्षमता बहुत कमजोर हो जाती है एवं व्‍यक्‍ति अपनी भावनाओं को भी नियंत्रित नहीं कर पाता है। ये विकार ज्‍यादातर बुजुर्ग लोगों में देखा जाता है, खासतौर पर 85 वर्ष की उम्र के बाद। डिमेंशिया को एजिंग यानी उम्र बढ़ने का एक हिस्‍सा मान लिया जाता है जो कि सही नहीं है। ऐसा न्‍यूरॉन यानी मस्तिष्‍क की कोशिकाओं में गड़बड़ी के कारण होता है। जब मस्तिष्‍क की स्‍वस्‍थ तंत्रिका कोशिकाएं मस्‍तिष्‍क की अन्‍य कोशिकाओं से संपर्क खो देती हैं या उनके साथ काम करना बंद कर देती हैं तब डिमेंशिया की स्थिति उत्पन्न होती है। मस्तिष्‍क में किस तरह का बदलाव हो रहा है, इसी पर डिमेंशिया के कारण निर्भर करते हैं। डिमेंशिया के शिकार हुए अधिकतर वृद्धों में अल्जाइमर रोग देखा गया। अल्‍जाइमर को डिमेंशिया का सबसे सामान्‍य कारण माना जाता है। लेवी बॉडीज डिम