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Hemangioma का होम्योपैथिक इलाज

 Hemangioma का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Hemangioma In Hindi ] Hemangioma का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Hemangioma In Hindi हृदय हमारे शरीर के सभी हिस्सों में रक्त पहुंचने का काम करता है। ये रक्त पुरे शरीर में रक्त कोशिकाओं के माध्यम से पूरे शरीर में पहुँचती है। रक्त कोशिकाएँ हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक व महत्वपूर्ण है। यह रक्त कोशिकाएं हमारे शरीर में तभी बनने लगती है जब हम माँ के पेट में होते है। ये रक्त कोशिकाये अगर असामान्य तरीके से बढ़ने लगे तो यह या तो बाहर दिखने लगती है या फिर अंदर ही फोड़े (Tumor) की तरह बन जाती है, इसी Tumor को मेडिकल की भाषा में Hemangioma कहा जाता है। यह Hemangioma नवजात बच्चो को होता है और समय के साथ ठीक होने लगता है लेकिन कुछ स्थितियों में ये ठीक नहीं होता। Hemangioma के कारण Hemangioma बीमारी के मुख्य कारण क्या है वह अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन कुछ तथ्य है जिनको देखा जा सकता है, ये तथ्य के कारण निम्न है:- अनुवांशिक :- यदि माता या पिता को Hemangioma हुआ हो अपने जन्म के समय पर तो बच्चो को भी यह समस्या हो सकती है। जब बच्

उपदंश (सिफलिस) HOMOEOPATHIC TREATMENT

 उपदंश (सिफलिस) HOMOEOPATHIC TREATMENT सिफलिस एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो 'ट्रेपोनेमा पैलिडम' नामक बैक्टीरिया की वजह से होता है। यह एक यौन संचारित रोग है, यानी जब आप सिफिलिटिक छाले से ग्रस्त किसी व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो ऐसे में सिफलिस का खतरा होता है। ये छाले बाहरी जननांगों, योनि, गुदा, मलाशय, मुंह और होंठों पर दिखाई दे सकते हैं। आमतौर पर सिफलिस यौन गतिविधियों की वजह से फैलता है, लेकिन कई बार यह सिफलिस से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क (बिना सेक्स किए) में आने से भी फैल सकता है। यह एक संक्रमित मां से उसके अजन्मे बच्चे में भी फैल सकता है, इस स्थिति को कंजेनाइटल सिफलिस कहते हैं और यह जानलेवा हो सकता है। इसके अलावा यह ब्लड ट्रांसफ्यूजन (खून चढ़ाने) या दूषित सुइयों के माध्यम से फैल सकता है। सिफलिस एक्यूट (अचानक व तेज) और क्रोनिक (धीरे-धीरे व लंबे समय तक प्रभावित करने वाला) दोनों रूप से प्रभावित कर सकता है। इसमें पड़ने वाले छाले शरीर के ज्यादातर अंगों पर देखे जा सकते हैं। एचआईवी और सिफलिस एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। सिफलिस से पीड़ित व्यक्ति जो एचआईवी पॉजिटिव है उनमें पेनिसिलिन से

सूजाक (गोनोरिया) की होम्योपैथिक दवा और इलाज -

 सूजाक (गोनोरिया) की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Gonorrhea homeopathy treatment and medicine in Hindi गोनोरिया को बोलचाल की भाषा में सूजाक के रूप में जाना जाता है। यह एक यौन संचारित रोग है जो कि 'नेसीरिया गोनोरिया' नामक जीवाणु के कारण होता है। यह बीमारी ऐनल सेक्स, ओरल सेक्स या वजाइनल सेक्स द्वारा प्रेषित हो सकती है और ज्यादातर यह जननांगों को प्रभावित करती है लेकिन यह गले, मलाशय और मूत्र पथ को भी प्रभावित कर सकती है। दुर्लभ मामलों में, यह संक्रमण हृदय, मस्तिष्क और जोड़ों को प्रभावित करते हुए शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है। आमतौर पर गोनोरिया से पीड़ित पुरुषों द्वारा अनुभव किए जाने वाले लक्षणों में पेशाब में जलन और लिंग से पीले रंग का डिस्चार्ज होना शामिल है। ये लक्षण संक्रमण के एक सप्ताह के अंदर दिखाई देने लगते हैं। ज्यादातर महिलाओं को लक्षणों का अनुभव नहीं होता है, लेकिन कुछ को पेशाब करते समय दर्द और योनि से असामान्य सा डिस्चार्ज हो सकता है। गोनोरिया से ग्रस्त पुरुषों और महिलाओं दोनों को गले में खराश या ओरल सेक्स या ऐनल सेक्स के बाद मलाशय से डिस्चार्ज हो सकता है। यदि इसका निद

श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिया की होम्योपैथिक दवा और इलाज

 ल्यूकोरिया (योनि से सफेद पानी आना)  श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिया की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Leucorrhea in Hindi श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिया की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Leucorrhea in Hindi ल्यूकोरिया या श्वेत प्रदर या योनि से सफेद पानी आना, महिलाओं में एक आम समस्या है। योनि से असामान्य और अत्यधिक स्राव इसकी एक विशेषता है। योनि से स्राव किसी भी महिला के शरीर क्रिया विज्ञान का सामान्य हिस्सा है। यह स्राव पतला पारदर्शी तरल पदार्थ के रूप में होता है जो योनि को नम रखता है और चिकनाई प्रदान करता है। यह योनि के संक्रमण को रोकने में भी मदद करता है। योनि से होने वाला स्राव एस्ट्रोजन द्वारा नियंत्रित किया जाता है। एस्ट्रोजन एक महिला हार्मोन होता है। महिला के मासिक धर्म चक्र के चरण के समय अनुसार योनि से होने वाला स्राव बढ़ या घट सकता है और आमतौर पर ओव्यूलेशन के आसपास सबसे अधिक होता है। योनि से मोटा या पतला सफेद अथवा पीले रंग का पदार्थ स्रावित होना ल्यूकोरिया का सबसे आम लक्षण है। यह आमतौर पर अंडरगारमेंट्स पर दिखाई देता है।

बांझपन के लिए होम्योपैथिक उपचार

इनफर्टिलिटी( बांझपन )के लिए होम्योपैथिक उपचार यदि आप बांझपन के लिए एक प्रभावी उपचार प्रक्रिया की तलाश में हैं, तो होम्योपैथी आपके लिए एक बेहतर विकल्प है. बांझपन सेक्स करने के बाद गर्भधारण करने में असमर्थता को संदर्भित किया जाता है. गर्भ धारण करने और पूर्णकालिक गर्भावस्था रखने के लिए किसी पुरुष या महिला की जैविक अक्षमता को बांझपन के रूप में भी उल्लेखित किया जाता है. होम्योपैथी बांझपन के लिए सबसे प्राकृतिक इलाज है और कई प्रकार की होम्योपैथिक दवाएं हैं जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में बांझपन का इलाज करती हैं. पुरुषों में बांझपन के लिए होम्योपैथिक दवाएं पुरुषों में बांझपन के इलाज के लिए होम्योपैथिक दवाएं निम्नानुसार हैं: नपुंसकता से पुरुषों में बांझपन के लिए होम्योपैथिक दवाएं अग्निस कास्टस का उपयोग तब किया जाता है जब एक व्यक्ति की यौन इच्छा और शारीरिक क्षमता कम हो जाती है. इससे गुप्तांग को आराम, ठंड और नरम रहते हैं. कैलिडियम का उपयोग तब किया जाता है जब मानसिक अवसाद की वजह से बांझपन या नपुंसकता का कारण होता है. इसके उपयोग से गुप्तांग आराम से रहते हैं और नपुंसकता होने का खतरा कम होता है. सेले

दांत में दर्द की होम्योपैथिक दवा और इलाज -

 दांत में दर्द की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for tooth pain in Hindi दांत या जबड़े के आसपास वाले हिस्से में दर्द को दांत में दर्द के रूप में परिभाषित किया जाता है। आमतौर पर यह दांतों की सड़न, दांतों में फ्रैक्चर, दांतों को सही तरीके से न भरने या मसूड़ों में सूजन के कारण होता है। दांतों का दर्द तेज या धीरे और लगातार या रुक-रुक कर हो सकता है। यह लक्षण रात में खराब हो जाते हैं, खासकर लेटते समय। ठंडे और गर्म खाद्य या पेय पदार्थों का सेवन करने से भी दर्द बढ़ सकता है। दांत दर्द आमतौर पर पल्प (दांत का वह हिस्सा जिसमें जीवित रक्त वाहिकाएं, संयोजी ऊतक और बड़ी तंत्रिकाएं होती हैं) की सूजन की वजह से होता है, जो कि दांतों की आंतरिक परत बनाता है। डेंटल कैरीज (बैक्टीरिया द्वारा बनाए गए एसिड के कारण दांतों का टूटना) दांत दर्द का सबसे आम कारण है। इसके अलावा पीरियडोनटाइटिस और मसूड़े की सूजन भी दांतों और जबड़े में दर्द पैदा कर सकती है। यदि कोई व्यक्ति दो दिनों से अधिक समय तक दांत में दर्द या बुखार या जबड़े में सूजन से पीड़ित है, तो उसे तुरंत अपने दंत चिकित्सक से परामर्श

नपुसंकता यानि (Erectile dysfunction AND Homoeopathy

 [3/21, 10:28] Dr.J.k Pandey: Sexual Health नपुसंकता यानि (Erectile dysfunction ) उस यौन संबंधित रोग को कहते हैं जो इंसान के शरीर में वीर्य कम या खत्म हो जाता है और इसी कारण वह संतान की प्राप्ति नहीं कर सकता । इसे स्तंभन दोष भी कहते हैं ।  नपुसंकता (Erectile dysfunction)अब सामान्य हो चली है । तनाव या डिप्रैशन के होना इसकी प्रमुख जड़ है ।बार-बार हो रही बीमारियां या स्वास्थ्य का खराब रहना भी नपुंसकता के लक्षण हो सकते हैं ।  कईं बार सिर्फ नपुसंकता (Erectile dysfunction) का होना सैक्स समस्या नहीं हो सकता बल्कि इसके दूसरे कारण भी हो सकते हैं । इसके पीछे दूसरे शारीरिक कारण भी हो सकते हैं, जैसे- समय से पहले वीर्य का निकल जाना देरी से या कम मात्रा में वीर्य का निकलना सैक्स में मन न लगना नपुसंकता होने के कारण (Causes of Erectile dysfunction) दिल संबंधी रोग, जैसे – हार्ट अटैक, थक्का लगना आदि । डायबटिज़ बल्ड प्रैशर कैंसर डिप्रैशन नशीली दवाओं के सेवन द्वारा शराब का उपयोग धूम्रपान नपुसंकता के लिए इसमें से कोई भी कारक जिम्मेदार हो सकते हैं | यही कारण है कि आपको अपने सैक्सोलॉजिस्ट से संपर्क करना ज़रु