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हकलाने का होम्योपैथिक ट्रीटमेंट

 Homeopathic Medicine And Treatment In Hindi Stammering | हकलाने का होम्योपैथिक ट्रीटमेंट रुक-रुक के बोलने का इलाज | बच्चों के बोलने की होम्योपैथिक दवा | हकलाने का क्या कारण है Stammering | हकलाने का होम्योपैथिक ट्रीटमेंट अक्सर हकलाहट की समस्या 2 से 7 वर्ष की उम्र के बीच में शुरू होता है और लड़कों में लड़कियों की अपेक्षा यह समस्या अधिक पाई जाती है, लगभग 4 गुणा ज्यादा। रोगी को दवा और निरंतर अभ्यास से इस समस्या से निजाद दिलाया जा सकता है। मैं यहाँ कुछ मुख्य होम्योपैथिक दवा की चर्चा करूँगा कि कौन सी दवा से हकलाहट की समस्या पूरी तरह से ठीक हो जाती है। Bovista 30 – यह दवा विशेष रूप से बच्चों और अधिक उम्र की कुंवारी स्त्री के हकलाहट में अच्छा काम करती है। ऐसे में इस दवा की 2 बून्द दिन में 3 बार लेना है। Bufo rana 30 – अगर अधिक गुस्सा आने के समय हकलाहट की समस्या होती है तो आपको बूफो राना का सेवन करना है। 2 बून्द दिन में 3 बार लेना है। Cuprum Met 30 – इसमें हकलाहट तो रहती है साथ में एक विशेष लक्षण है कि रोगी का जीभ सांप के जीभ की तरह अंदर-बाहर हुआ करती है। ऐसे लक्षण पर Cuprum Met 30 का सेवन करान

बहरापन की होम्योपैथिक दवा और इलाज -

 बहरापन की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine, treatment and remedies for Deafness सुनने में परेशानी या बहरापन वह स्थिति है, जिसमें एक या दोनों कानों से सुनने की क्षमता में कमी आ जाती है। कान के तीन मुख्य भाग होते हैं - कान का बाहरी हिस्सा, मध्य भाग और अंदरूनी हिस्सा। जब कान तक किसी तरह की आवाज आती है, तो ऐसे में ईयरड्रम (बाहरी और मध्य कान के बीच) में वाइब्रेशन होता है। ये वाइब्रेशन कोक्लीअ में मौजूद तरल तक पहुंचने के लिए कान के मध्य भाग की तीन छोटी ​हड्डियों से होते हुए आगे बढ़ता है। बता दें, कोक्लीअ कान के अंदर घोंघे जैसा दिखने वाला एक अंग है। इसमें छोटे व महीन बाल होते हैं, यह ऐसी तंत्रिका कोशिकाओं से जुड़े होते हैं जो इन वाइब्रेशन को इलेक्ट्रिकल संकेतों में बदलने में मदद करते हैं और फिर यह संकेत श्रवण तंत्रिका (auditory nerve) के माध्यम से मस्तिष्क को जाते हैं। बहरापन का प्रकार इसके कारणों के आधार पर अलग-अलग हो सकता है : कंडक्टिव हियरिंग लॉस : बाहरी और अंदरूनी कान के बीच साउंड ट्रांसमिशन की समस्याओं की वजह से कंडक्टिव हियरिंग लॉस होता है। इस प्रकार के बहरेपन के सामान्य

शराब पीने की आदत AUR HO म्योपैथिक दवा

 वर्तमान वैश्विक परिदृश्य के अनुसार शराब की खपत बढ़ रही है. वास्तव में सिगरेट धुम्रपान के बाद सबसे ज्यादा लोग शराब का नशा करते है. जो लोग अल्कोहल का सेवन अधिक करते हैं. यह अक्सर अपने लिए स्वास्थ्य के खतरे पैदा करते हैं और उनके व्यवहार से उन लोगों के लिए मुश्किल हो जाती है, जो अपने आसपास के इलाकों में रहते हैं. अधिकांश लोगों के लिए, पुनर्वास केंद्र शराब का इलाज करने का एकमात्र विकल्प है. लेकिन यह ऐसा नहीं है. होम्योपैथी भी शराब की समस्या का प्रभावी ढंग से इलाज कर सकती है. ऐसी कुछ दवाएं हैं जो आपको इस बुरी आदत से छुटकारा पाने मे कारगर साबित होती हैं. नक्स वोमिका: जब आपका शराब पीने की लत अपने शुरुआती चरणों में होता है, तो यह आदत छोड़ना आसान होता है. उन लोगों के लिए जिन्होंने अभी शराब पीने की आदत शुरू हो चूका है, उनके लिए नक्स वोमिका एक उपयोगी दवा है. यह आपकी पीने की समस्या के खिलाफ तेजी से राहत सुधार करती है. यह एक महीने के भीतर अपने प्रभाव दिखाना शुरू कर देता है. सल्फर: सल्फर एक दवा है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है. यह ज्यादातर उन लोगों के लिए निर्धारित किया जाता है

डिमेंशिया की होम्योपैथिक दवा और इलाज

 डिमेंशिया की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Dementia in Hindi  डिमेंशिया एक मानसिक विकार है जो कि सोचने और याद रखने की क्षमता को प्रभावित करता है। इस बीमारी से ग्रस्‍त होने पर व्‍यक्‍ति को रोजमर्रा के काम भी याद नहीं रह पाते हैं और उसकी मानसिक क्षमता बहुत कमजोर हो जाती है एवं व्‍यक्‍ति अपनी भावनाओं को भी नियंत्रित नहीं कर पाता है। ये विकार ज्‍यादातर बुजुर्ग लोगों में देखा जाता है, खासतौर पर 85 वर्ष की उम्र के बाद। डिमेंशिया को एजिंग यानी उम्र बढ़ने का एक हिस्‍सा मान लिया जाता है जो कि सही नहीं है। ऐसा न्‍यूरॉन यानी मस्तिष्‍क की कोशिकाओं में गड़बड़ी के कारण होता है। जब मस्तिष्‍क की स्‍वस्‍थ तंत्रिका कोशिकाएं मस्‍तिष्‍क की अन्‍य कोशिकाओं से संपर्क खो देती हैं या उनके साथ काम करना बंद कर देती हैं तब डिमेंशिया की स्थिति उत्पन्न होती है। मस्तिष्‍क में किस तरह का बदलाव हो रहा है, इसी पर डिमेंशिया के कारण निर्भर करते हैं। डिमेंशिया के शिकार हुए अधिकतर वृद्धों में अल्जाइमर रोग देखा गया। अल्‍जाइमर को डिमेंशिया का सबसे सामान्‍य कारण माना जाता है। लेवी बॉडीज डिम

पेनकिलर (दर्द निवारक) टेबलेट्स क्या है, इस्तेमाल, साइड इफ़ेक्ट -

 पेनकिलर (दर्द निवारक) टेबलेट्स क्या है, इस्तेमाल, साइड इफ़ेक्ट - पेन किलर या दर्द निवारक दवाएं डॉक्टरों और मरीजों दोनों के लिए मूल्यवान उपकरण हैं। पेन किलर ऐसी दवाएं होती हैं जो दर्द से राहत दिलाती हैं। इनका उपयोग सिरदर्द, मांसपेशियों के दर्द, गठिया या अन्य किसी पीड़ा या दर्द के निवारण के लिए किया जाता है। कई अलग-अलग प्रकार की दर्द निवारक दवाएं आती हैं और प्रत्येक दवा के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। कुछ प्रकार के दर्द दूसरे प्रकार के दर्द की तुलना में कुछ दवाओं के प्रति बेहतर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। पेन किलर की प्रतिक्रिया दर्द से राहत देने के लिए प्रत्येक व्यक्ति के अनुसार भी अलग-अलग हो सकती है। यहां दर्दनाशक दवाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है कि पेन किलर क्या है, पेन किलर के प्रकार, दर्द निवारक दवा कैसे काम करती है? इसके साथ ही पेन किलर के फायदे और नुकसान पर भी एक नज़र डालें और आपको इन्हें लेने से पहले यह जानने की आवश्यकता हैं। पेन किलर क्या है - Painkiller kya hai in hindi पेन किलर के प्रकार - Types of Painkiller in hindi दर्द निवारक दवा कैसे काम करती है - How do Pain

कैनुला क्या है?कैनुला कैसे लगाते हैं ? Cannulation in Hindi

 कैनुला कैसे लगाते हैं ? Cannulation in Hindi कैनुला क्या है? कैनुला एक पतली ट्यूब है, जिसे शरीर में नसों के जरिए इंजेक्ट किया जाता है, ताकि जरूरी तरल पदार्थ को शरीर से निकाला (नमूने के तौर पर) या डाला जा सके। इसे आमतौर पर इंट्रावीनस कैनुला (IV cannula) कहा जाता है। बता दें, इंट्रावीनस थेरेपी देने के लिए सबसे आम तरीका पेरिफेरल वीनस कैनुलेशन (शरीर के परिधीय नसों में कैनुला का उपयोग करना) है। इंट्रावीनस (नसों के अंदर) प्रबंधन का मुख्य लक्ष्य ऊतकों को नुकसान पहुंचाए बिना, सुरक्षित और प्रभावी ढंग से उपचार प्रदान करना है। जब किसी मरीज का लंबे समय तक उपचार चलता है, तो ऐसे में इंट्रावीनस थेरेपी की विशेष जरूरत पड़ती है। शोध से पता चला है कि जिन मामलों में इंट्रावीनस कैनुला की जरूरत नहीं होती है, उनमें भी इसका प्रयोग किया जाता है, जबकि कुछ मामलों में इसे टाला जा सकता है। जनरल वार्डों में भर्ती 1,000 रोगियों पर हाल ही में एक शोध किया गया, इस दौरान इन सभी मरीजों के नमूने लिए गए। अध्ययन में पाया गया कि लगभग 33% रोगियों में इंट्रावीनस कैनुला का प्रयोग सामान्य से अधिक समय के लिए किया जा रहा है। जबकि

कैथेटेराइजेशन क्या है ?- Catheterisation in Hindi

कैथेटेराइजेशन क्या है ?- Catheterisation in Hindi कैथेटेराइजेशन क्या है - Catheterisation in Hindi कैथेटेराइजेशन की परिभाषा क्या है? कैथेटेराइजेशन रोगियों में की जाने वाली बहुत ही जरूरी प्रक्रिया है, जिसमें मरीज के मूत्राशय में पतली सी कैथेटर ट्यूब डाली जाती है। यह ट्यूब मूत्र को एक थैली में पहुंचाती है और जैसे ही यह थैली भर जाती है इसे खाली कर दिया जाता है। हालांकि, बहुत जरूरी होने पर ही डॉक्टर इसका इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि इस प्रक्रिया में बहुत दर्द होता है और यह कई जटिलताओं से भी जुड़ी हो सकती है। लंबर पंचर टेस्ट और आर्टेरियल ब्लड गैसेज सैम्पलिंग टेस्ट की तुलना में कैथेटेराइजेशन में अधिक दर्द होता है। ज्यादातर अस्पतालों में, नर्स कैथेटेराइजेशन करती हैं, लेकिन यदि इस दौरान किसी तरह की कठिनाई जैसे कि मूत्रमार्ग का सिकुड़ना या पतला होना या मरीज को प्रोस्टेट कैंसर हो और मरीज को हाल ही में चोट लगी है को डॉक्टर की उपस्थिति महत्वपूर्ण हो जाती है। कैथेटेराइजेशन के लिए संकेत - Indication for catheterisation in Hindi कैथेटर के प्रकार - Types of catheters in Hindi कैथेटर का चुनाव कैसे करें -